India Pakistan Ceasefire : आतंकी हमलों पर पाकिस्तान की बौखलाहट 

India Pakistan Ceasefire : पाकिस्तान सरकार भले भारत से मुकाबला नहीं करना चाहती है, परंतु वहां कि सेना जिसे आतंकवादियों से गठजोड़ है, वह इसके लिए राजी नहीं है।

अलखदेव प्रसाद ‘अचल’

न्यूज़ इंप्रेशन

Bihar: पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों को गोलियों से भून दिए जाने के बाद भारत ने 7 मई की रात पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ऐसा हमला किया कि उसके 9 आतंकवादी ठिकाने को ही ध्वस्त कर दिया। उस ऑपरेशन के दौरान हमारी सेना ने पाकिस्तान के आम नागरिकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। क्योंकि भारतीय सेना का मुख्य मकसद पाकिस्तान के आतंकवादियों पर कार्रवाई करना था। वैसे उस हमले में कितने आतंकवादी मारे गए, इसका ठीक ठीक तस्वीर सामने नहीं आ सकी है। क्योंकि पाकिस्तान सरकार इस खबर को छुपा देना चाहती है। परंतु सूत्रों से जो पता चला है, उसके अनुसार 90 से लेकर 100 आतंकवादियों को मारे जाने की खबर है। जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिक शामिल नहीं है। वैसे भूल चूक में कोई हताहत हो गया हो,वह बात अलग है। इस कार्रवाई को करके भारतीय सेना ने पाकिस्तान को यह सचेत कर दिया कि अगर तुम आतंकवादियों को संरक्षण दोगे। अपने स्वार्थ के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल करोगे। आतंकवादियों का सहारा लेकर भारत को नुकसान पहुंचाने से बाज़ नहीं आओगे, तो इसका अंजाम तुझे भी भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। हमलोग हाथ पर हाथ धरकर बैठे नहीं रहेंगे। तुम्हारे आतंकवादी लुक छिपकर भले ही कायराना हमले कर सकते हैं,पर उन्हें भी मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है।

सरकार के इशारे पर आतंकवादी भारत में हमले करते हैं

आतंकवादियों पर भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हमले किए जाने के बाद पाकिस्तान सरकार में बौखलाहट है। क्योंकि वहां पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों को संरक्षण देती है। सरकार के ही इशारे पर वहां के आतंकवादी भारत में भी हमले करते हैं। वहां के आतंकवादी को पाकिस्तान सरकार अपनी ताकत मानती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद पहले तो पाकिस्तान सरकार ने खबरों के माध्यम से यह दुष्प्रचार करवाना शुरू किया कि भारत सेना ने आतंकवादियों पर कार्रवाई न कर पाकिस्तानी नागरिकों को अपना निशाना बनाया है, जिसमें बहुत सारे निर्दोष और आम नागरिक मारे गए हैं। इसलिए भारतीय सेवा की कार्रवाई औचित्य पूर्ण नहीं है। जबकि यह सभी जानते हैं कि भारतीय सेना की कार्रवाई सिर्फ आतंकवादियों पर हुई है। उस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने कायरता पूर्ण कदम उठाते हुए सीमा के सटे रह रहे आम नागरिकों पर हमला करवाया।जिसमें कई निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान चली गयी। उस कायरता पूर्ण कार्रवाई में भारतीय सेना के कुछ जवानों की भी जान चली गई।

भारत ने पाकिस्तान की कमर तो तोड़ ही दी है

इतना ही नहीं, पाकिस्तान और भी अपनी हरकतों से बात नहीं आया और भारत के सैन्य ठिकानों और शहरों पर हवाई हमला करने के लिए निरंतर ड्रोन भेजता रहा, ताकि भारत को काफी क्षति पहुंचाई जा सके। परंतु हमारे सेना के जवानों ने सख्ती दिखाते हुए,उन ड्रोनों को ध्वस्त कर दिया।अभी तक पाकिस्तान को उस कायरता पूर्ण कार्रवाई में तनिक भी सफलता हाथ नहीं लग सकी है। जो भी हुआ, पर भारत द्वारा ‘सिंदूर ऑपरेशन’ के दौरान हमारे भारतीय सेना ने अपनी साहसपूर्ण कार्रवाई से पाकिस्तान की कमर तो तोड़ ही दी है। पाकिस्तान सिर्फ ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत चरितार्थ करने में लगा है। क्योंकि खबरों के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी मुदस्सा खाडियान खास मरकज तैयबा मुरीद के प्रमुख हाफिज मोहम्मद जमील (जो मौलाना मसूद अजहर का साला था), जैश-ए-मोहम्मद मोहम्मद यूसुफ अजहर (वह भी मौलाना मसूद अजहर का साला था), लश्करे-तैयबा का खालिद उर्फ अबू आशका और मोहम्मद हसन खान (जो जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी खान pok ऑपरेशन कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था) यह सब मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान के चरित्र को इसी से समझा जा सकता है कि आतंकियों के मारे जाने पर भी उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया है।

पाकिस्तान को सामने से लड़ने की हिम्मत तो है नहीं

इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के युद्ध विराम के बाद भी पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ, अखनूर, नौशरा, श्रीनगर, आरएसपुरा, सांबा, उधमपुर जैसी जगहों पर ड्रोन से हमले करवाते जा रहा है। जबकि हमारी सेना के जवान उन्हें बेनकाब करते जा रहे हैं। कायरता पूर्ण कार्रवाई से ही, परंतु पाकिस्तान ने हमारे चार जवानों को शहीद कर दिया है। उसकी हरकत से हमारे जम्मू-कश्मीर के दो दर्जन आम नागरिकों की भी मौत हो चुकी है और करीब 50 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान की ऐसी कायरता पूर्ण कार्रवाई पर भले ही उसको थोड़ी बहुत सफलता मिल जा रही है। उसे लग रहा है कि हम भारत के आम नागरिकों को मारेंगे, तो निश्चित रूप से भारतीय सेना हताश हो जाएगी और इस तरह की कार्रवाई नहीं कर सकेगी। परंतु हमारे भारतीय सेना ने यह कमर कस ली है कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आएगा, तो हमलोग उसका मुंह तोड़ जवाब देते रहेंगे। क्योंकि उसको सामने से लड़ने की हिम्मत तो है नहीं

सेना का आतंकवादियों से है गठजोड़

सबसे शर्मनाक हरकत तो पाकिस्तान की ओर से यह हुई कि जब 10 मई को एक वार्ता के तहत युद्ध विराम हो गया था। इसके बावजूद भी पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करते रहा है। जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान सरकार भले भारत से मुकाबला नहीं करना चाहती है, परंतु वहां कि सेना जिसे आतंकवादियों से गठजोड़ है, वह इसके लिए राजी नहीं है। अगर पाकिस्तानी सेना मानने के लिए तैयार नहीं है, तो हमारी भारतीय सेना ने भी कमर कस ली है कि हमलोग भी अब और अधिक सब्र करने वाले नहीं हैं। इसका मुंहतोड़ जवाब तो देंगे ही।वैसे अब नहीं लगता है कि पाकिस्तान भारत से मुकाबला करने के लिए अधिक कुछ ज्यादती करने की हिम्मत जुटा पाने की स्थिति में है। अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई भी कदम उठाता है, तो उसे भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा।

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