Bokaro Naxal Encounter: बोकारो में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में एक करोड का इनामी नक्सली विवेक सहित आठ नक्सली मारा गया

Bokaro Naxal Encounter: बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के ललपनिया क्षेत्र स्थित लुगू पहाडी की तलहटी में सुबह साढे पांच बजे से रूक-रूक कर साढे 12 बजे तक चलती रही फायरिंग, तीन नक्सली विवेक, अरविंद व साहेब राम मांझी सहित आठों की हुई पहचान।

यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के ललपनिया क्षेत्र स्थित लुगू पहाडी की तलहटी के चोरगावा के निकट सोसो गांव में सोमवार को झारखंड भाकपा (माओवादी) विवेक उर्फ प्रयाग मांझी (केंद्रीय कमेटी सदस्य), सहदेव सोरेन (केंद्रीय कमेटी सदस्य) सहित 20 से 25 की संख्या में नक्सली होने की सूचना मिली। सूचना पर 209 कोबरा, बोकारो पुलिस, झारखंड जगुआर व सीआरपीएफ का विशेष संयुक्त अभियान डाकाबेड़ा सुबह साढे पांच बजे चलाया गया। पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड शुरू हुई। सोमावार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी एसपी कार्यालय कक्ष में एडीजी संजय आनंद लाटकर ने पत्रकारों को दी।

मुठभेड में आठ नक्सली मारा गया
मुठभेड में पुलिस की गोली से एक करोड़ का इनामी नक्सली झारखंड भाकपा (माओवादी) धनबाद के विवेक उर्फ प्रयाग मांझी उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा (केंद्रीय कमेटी सदस्य), 10 लाख का इनामी गिरिडीह के साहेबर मांझी (जेडसीएम सदस्य) और एसएजी सदस्य जमुई के तीन लाख इनामी अरविंद यादव उर्फ अविनाश (बिहार सरकार द्वारा तीन), सक्रिय माओवादी गिरिडीह के गंगाराम उर्फ पवन लंगड़ा, बरियारपुर के महेश, नक्सली विनोद की बहन गिरिडीह की तालो दी, गिरिडीह के महेश मांझी उर्फ मोटा, गिरिडीह की रंजू मांझी उर्फ संथाली की मौत हो गयी।
14 हथियार हाथ लगे
एडीजी लाटकर ने बताया कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों के हाथ कुल 14 हथियार लगे। इसमें चार 5.56 एमएम इंसास राइफल, एक एसएलआर राइफल, एक सिक्सर, आठ देसी हथियार के अलावा अन्य सामग्री बरामद किया गया है।

मृत नक्सलियों के आपराधिक इतिहास
मृतक विवेक पर बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, लोहरदगा, चाईबासा में 37 मामले दर्ज है। मृतक अरविंद पर 85 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। मृतक साहब राम मांझी के खिलाफ बोकारो, गिरिडीह, धनबाद में 45 मामला दर्ज है। मृतक गंगाराम पर 20 मामला, महेश पर चार मामला, तालो दी पर एक मामला, महेश मांझी पर एक मामला दर्ज है। एडीजी ने बताया कि लुगू पहाड़ की तलहटी के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। अभी और कितने हथियार मिलेंगे और कितने नक्सली गतिविधि में पकड़े जाएंगे या मारे जाएंगे। अभियान पूरा होने के बाद ही बताया जा सकता है।

आत्मसमर्पण कर खुद के जीवन को हैं बचा सकते
सीआरपीएफ आईजी साकेत सिंह ने कहा कि पिछले बार के अभियान में नक्सली अरविंद यादव व नक्सली साहब राम मांझी बचकर निकल गया था। उनके पास मौका था सरेंडर कर खुद को बचा लेने का, पर उन्होंने इस मौके को खो दिया। बचे हुए नक्सलियों के पास मौका है कि वह आत्मसमर्पण कर खुद के जीवन को बचा सकते हैं। साथ ही साथ सरकार के सरेंडर पॉलिसी के तहत मिलने वाले सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। अन्यथा नक्सली ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत तय है। चाईबासा में नक्सलियों के खिलाफ अभियान अंतिम चरण में है। एक तरह से झारखंड से नक्सलियों का हमने सफाया कर दिया है। मौके पर आईजी डॉ माइकल एस राज, डीआइजी कोयलांचल सुरेंद्र कुमार झा, बोकारो एसपी बोकारो मनोज स्वर्गियारी सहित विभिन्न सुरक्षा बलों के पुलिस अधिकारी व जवान उपस्थित थे।
एनआरसी के नियमों के पालन के कारण शव उतारने में देरी
एडीजी लाटकर ने कहा कि झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। आने वाले चुनाव से पूर्व झारखंड से नक्सलियों का सफाया हो जाएगा। झारखंड में पहली बार भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई है। केंद्रीय कमेटी सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग मांझी की मौत के बाद नक्सली निश्चित रूप से झारखंड में हताश हो गए हैं। यह पूछे जाने पर कि मृतक आठ नक्सलियों के शव को मुठभेड़ स्थल से पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाने में क्यों देर हुई। इस सवाल के जवाब में एडीजी लाटकर ने कहा कि एनआरसी (ह्यूमन राइट कमीशन) सहित अन्य दिशा निर्देशों का पालन करते हुए शव को मुठभेड़ स्थल से लाया जा रहा है, इसलिए विलंब हुआ।
सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी
लगातार की जा रही इस तरह की कार्रवाई से स्पष्ट है कि सुरक्षाबल, नक्सलियों के खिलाफ बेहद सख्त और योजनाबद्ध तरीके से अभियान चला रहे हैं, इस ताज़ा सफलता को नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी जीत माना जा रहा है। झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुठभेड़ में शामिल सुरक्षा बलों की सराहना की है और कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में यह एक अहम मोड़ साबित होगा।
अभियान में लगा रहा यह थाना
अभियान में ललपनिया थाना, महुआटांड थाना, जागेश्वर बिहार थाना, गोमिया थाना पुलिस लुगू पहाड के जंगल में सीआरपीएफ साथ मुठभेड़ में लगे रहे। वही इंस्पेक्टर सहित पेटरवार थाना, तेनुघाट थाना, बेरमो थाना सहित जंगल के बाहर सड़को पर लगातार जांच अभियान चला रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *