Bermo news: सेमिनार में गरजे डुमरी विधायक जयराम, कहा–यदि पश्चिम बंगाल के किसानों के साथ ऐसा होता तो गाँव-का-गाँव नक्सलबाड़ी बन जाता

Bermo news: विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की ओर से शनिवार को बिनोद बिहारी महतो फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि डुमरी विधायक जयराम महतो शामिल हुए। 6 जनवरी से आहूत बेमियादी चक्काजाम का विधायक ने किया समर्थन।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro/Bermo : डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि झारखंड के विस्थापित कितना धैर्यवान व शांति प्रिय हैं, इसका उदाहरण कोलियरियों के विस्थापित हैं। अपने पुरखों की जमीन लुटाने के बाद भी सीसीएल प्रबंधन से जीविकोपार्जन के लिए नौकरी की मांग 70 साल से करते आ रहे हैं। प्रबंधन बगैर नौकरी मुआवजा दिये जबरन कोलियरियो का विस्तार किये जा रही है।
विधायक शनिवार को बिनोद बिहारी महतो फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित विस्थापितों के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि यह पश्चिम बंगाल के किसानों के साथ होता तो गाँव- का-गाँव नक्सलबाड़ी बन जाता। दार्जिलिंग जिले में अवस्थित नक्सबाड़ी गाँव में एक किसान की जमीन लूटी गई थी और वहां के किसानों ने विद्रोह कर दिया, फिर वह पूरे इलाके में विद्रोह फैल गया। बेरमो कोयलांचल में हजारों किसानों की जमीन कोयला कंपनियों द्वारा छीनकर उसे बदहाल व कंगाल बना दिया। इन्हें खानाबदोश की जिंदगी जीने के लिए छोड़ दिया गया।

प्रशासन भी सीसीएल की तरफदारी करता है
विधायक ने कहा कि प्रशासन भी सीसीएल की तरफदारी करता है। प्रशासन के नाक के नीचे विस्थापितों की जमीन को लूटकर उनके संवैधानिक अधिकारों पर रोज-रोज हो रहे हमले उन्हें दिखाई नहीं देता। 6 जनवरी से आहूत बेमियादी चक्काजाम आंदोलन में पूरी ताकत के साथ मैं खड़ा रहूंगा। प्रबंधन व प्रशासन को या तो विस्थापितों की जायज मांगें माननी पड़ेगी या हमलोगों को गोलियों से भुनना पड़ेगा। यह वर्षों से पीड़ित उपेक्षित जनता के हक-हुकूक की लड़ाई है। उन्होंने विधानसभा में विस्थापितों के सवालों को पुरजोर तरीके से उठाने का वादा किया।

महासचिव ने प्रस्ताव पढ़कर सुनाया
महासचिव काशीनाथ केवट ने नौ प्रस्ताव पढ़कर सुनाया जिसे करतल ध्वनि से पारित किया गया।
विस्थापन आयोग का गठन अविलंब करने व समिति के एक नेता को उसमें शामिल किए जाने, बेरमो कोयलांचल के तीनों एरिया के विस्थापितों का बकाया नौकरी अविलंब दिया जाने, 2013 के आरएफसीटीएल एंड आरआर एक्ट के अनुसार चार गुणा मुआवजा पेमेन्ट किया जाने। कोयला मंत्रालय द्वारा एक करोड़ रुपये तक के निविदा को विस्थापितों के समूहों को देने का आदेश एक धोखा है। यदि मंत्रालय और प्रबंधन विस्थापित समूहों को एक करोड़ तक का ठेका देना चाहता है तो सभी तरह के कार्यो को शामिल किया जाय। समिति माँग करती है कि सिर्फ इतने से काम नहीं चलेगा। सभी तरह के ठेका कार्यों में शतप्रतिशत विस्थापितों के लिए आरक्षित किया जाय। रेलवे रैक में ठेकेदार का पेलोडर बंद करें और मैनुअल लोडिंग चालू करें! रेलवे रैक के माध्यम से हो रहे कोयले की हेराफेरी और घपले को रोका जाए। डीआरएंडआरडी प्रोजेक्ट, अंगवाली और पिछरी कोलियरी चालू करें और विस्थापितों को नौकरी दें। वर्तमान बाजार दर का 4 गुणा मुआवजा का भुगतान करें। कथारा प्रक्षेत्र के जारंगडीह कोलियरी के भूमि विस्थापितों को उनकी जमीन के बदले नौकरी-मुआवजा और पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करें। इसी प्रकार गोविंदपुर, लोधर बेडा, कुरपनिया, बेरमो बस्ती,बरुवाबेडा, कारो, पुरनाटांड, ढोरी के विस्थापितों का बकाया नौकरी मुआवजा और पुनर्वास की समुचित व्यवस्था किया जाय। सीएसआर का सारा पैसा विस्थापित गांवों के विकास में खर्च किया जाय। विस्थापित गांवों में सीसीएल का बिजली लाईन और पानी पहुंचाया जाय। डुमरी विधायक जयराम महतो समेत उनके कार्यकर्ताओं पर ढोरी प्रबंधन द्वारा थोपे गए झूठे मुकदमें वापस लेने की मांग की गई।

इन्होंने सेमिनार को किया संबोधित
सेमिनार को पंचानन मंडल, रेखा कुमारी, मथुरा प्रसाद यादव, पवन रजवार, चंदन राम, धनेश्वर महतो, जानकी महतो, इंद्रजीत मंडल, स्नेहा देवी,बबीता देवी, लालमोहन यादव, विश्वनाथ महतो,कुलेश्वर यादव, चुनिलाल केवट, राजन केवट समेत अनेकों नेताओं ने संबोधित किया। सेमिनार की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष लखनलाल महतो ने की। संचालन डॉ दशरथ महतो ने किया।

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