Bokaro ispat majdur Sangh: क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ ने दी चेतावनी, मजदूरों को नहीं मिला वाजिब हक तो 15 अक्टूबर को होगा पूर्ण चक्का जाम

Bokaro ispat majdur Sangh: मेडिकल चेकअप के नाम पर ठेका मजदूरों की छटनी करने सहित अन्य मांगों को लेकर एचएमएस ने शनिवार को बोकारो इस्पात संयंत्र के अधिशासी निदेशक कार्यालय पर किया चेतावनी प्रदर्शन।

न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro: मेडिकल चेकअप के नाम पर ठेका मजदूरों की छटनी करने, एकतरफा एएसपीएलआईएस (बोनस) सहित अन्य मांगों को लेकर क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) ने शनिवार को बोकारो इस्पात संयंत्र के अधिशासी निदेशक कार्यालय पर जोरदार चेतावनी प्रदर्शन किया। इसके माध्यम से प्रबंधन को आगामी 15 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से 24 घंटे की हड़ताल नोटिस दी गई।

प्रबंधन पूरी तरह से मजदूर विरोधी भावना से ग्रसित

यूनियन के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सेल एवं बोकारो प्रबंधन पूरी तरह से मजदूर विरोधी भावना से ग्रसित है। ठेका मजदूरों की दुर्दशा इनके इसी भावना का परिणाम है। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों का उत्पादन में भागीदारी को नकारा नहीं जा सकता है। बदले में मजदूरों को मिलता है तो सिर्फ झारखंड सरकार का मिनिमम वेज। इन्हें ना ग्रेच्यूटी ना ग्रुप इंश्योरेंस और ना ही नाइट शिफ्ट या किसी प्रकार का एलाउंस मिलता है। यही वजह है कि ठेका मजदूर एकजुट होकर अपनी अधिकारी की मांग कर रहे हैं।

मेडिकल चेकअप काला कानून

सिंह ने कहा कि मजदूर एकता को कमजोर करने के लिए एक नया काला कानून लाया गया है। कारखाना अधिनियम के तहत मेडिकल चेक अप हर मजदूर का होना है, हम चेकअप के विरोधी नहीं है, मगर चेक अप के नाम पर गेट-पास रोकना शोषण नहीं तो क्या है? सीधी मांग है कि अविलंब मेडिकल जांच को गेट-पास से लिंक करना बंद किया जाय। ठेका मजदूरों को भी समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए। 39 महीने के एरियर पर मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) के समक्ष समझौते एवं दिशानिर्देश के बावजूद प्रबंधन की कुंभकर्णी निंद्रा बदस्तूर जारी है। प्रदर्शन में प्लांट के विभिन्न विभागों के सैकड़ों मजदूरों ने भाग लिया।

 

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