Bokaro : जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला आयोजित, पीडीजे ने कहा सड़क दुर्घटना से संबंधित मामलों का ससमय करें निष्पादन
Bokaro: न्याय सदन सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। पीडीजे कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा सड़क दुर्घटना से संबंधित मामलों का ससमय करें निष्पादन।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: न्याय सदन सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुमारी रंजना अस्थाना, उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक सह सदस्य जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रियदर्शी आलोक, कुटुंब न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे, प्रेसिडिंग ऑफीसर लेबर कोर्ट अनुज कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वन पवन कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
पुलिस को अनुसंधान में करें त्वरित कार्रवाई
पीडीजे ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने व मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि भुगतान करने पूरी प्रक्रिया में पुलिस व चिकित्सा पदाधिकारियों की अहम भूमिका है। ऐसे मामलों में पुलिस को अनुसंधान में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्धारित समय में डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर), पोस्टमार्टम रिपोर्ट संबंधित अनुसंधान पदाधिकारी को देना चाहिए। ताकि दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के परिजनों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके।
जरूरी दस्तावेजों को कोर्ट में करें प्रस्तुत
पीडीजे ने बीमा कंपनी से संबंधित नोडल पदाधिकारी, अधिवक्ताओं को भी मामलों के निष्पादन में गंभीरता बरतनें और सुनवाई के क्रम में सभी जरूरी दस्तावेजों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। कार्यशाला में बताई जाने वाली बातों को गंभीरता से लेने को कहा गया। रिसोर्स पर्सन सह जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वन पवन कुमार ने सड़क दुर्घटना एवं मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से संबंधित कानूनी के बारे में विस्तार से बताया। सड़क दुर्घटना के बाद पीड़ित को ससमय मुआवजा भुगतान में पुलिस, चिकित्सक, बीमा कंपनियों की भूमिका के बारे विस्तार से जानकारी दी। रिसोर्स पर्सन टू आनन्द वर्धन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मोटर वाहन अधिनियम में जोड़ें गए अध्यादेश के संबंध में बताया। साथ ही, इसकी जानकारी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल एवं स्टेट लीगल अथॉरिटी को 48 घंटे के अंदर देनी है।
कार्यशाला में ये थे मौजूद
कार्यशाला में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय राजीव रंजन, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह, सीजेएम दिव्या मिश्रा, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लूसी सोसेन तिग्गा, डीएलएसए सचिव निभा रंजना लकड़ा, डीटीओ वंदना सेजवलकर, ट्रैफिक डीएसपी पूनम मिंज, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित न्यायिक पदाधिकारीगण व थाना प्रभारी मौजूद थे।