Bhagat Singh Birthday : भगतसिंह की 116वीं जंयती पर भगतसिंह स्टूडेंट मोर्चा द्वारा बीएचयू में सभा व सांस्कृतिक कार्यक्रम की गई
Bhagat Singh Birthday : 27 सितंबर को विश्वनाथ मंदिर बीएचयू पर भगतसिंह के 116वीं जयंती पर सभा व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। महेंद्र ने कहा—आज भाजपा हर तरफ सांप्रदायिकता फैला रही है।
न्यूज़ इंप्रेशन संवाददाता़
Varanasi: 27 सितंबर 2023 को विश्वनाथ मंदिर बीएचयू पर भगतसिंह के 116वीं जयंती पर सभा व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। सभा में महेंद्र ने भगतसिंह के विचारों पर बात रखी। उन्होंने भगतसिंह द्वारा लिखा लेख विद्यार्थी और राजनीति को उद्धरण देते हुए कहा कि भगतसिंह शिक्षा को समाज की परिस्थितियों से जोड़कर देखते हैं। वह कहते हैं कि अगर हमारी शिक्षा समाज की परिस्थिति का सही-सही ज्ञान नहीं कराती तो यह सिर्फ क्लर्की करने के लिए है। आगे बात अपनी रखते हुए कहा कि आज हमारे मूल मुद्दे जैसे की बेरोजगार, शिक्षा का निजीकरण, महंगाई, तमाम सरकारी संस्थाओं के निजीकरण इत्यादि गायब हैं। आज भाजपा हर तरफ सांप्रदायिकता फैला रही है।
एजेंसियों को राजनीतिक फायदे के लिए कर रही प्रयोग
बीएसएम की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद ने अपनी बात रखी। हाल में आकांक्षा आजाद के कमरे पर पड़े एनआईए की छापेमारी पर बात रखी। उन्होंने कहा की यह सरकार की तानाशाही है जो सरकारी जांच एजेंसियों एनआईए, आईबी, एटीएस, ईडी को अपने राजनीतिक फायदे के लिए प्रयोग कर रही है। अगर भगतसिंह आज होते तो उनके ऊपर भी जान विरोधी कानून यूएपीए थोप कर जेल के सलाखों के पीछे धकेल दी होती। उन्होंने कहा की हम भगतसिंह के क्रांतिकारी विचारों और विरासत पर चलने वाले हैं, सरकार की इस तरह की धमकियों से नहीं डरते हैं। अंकित ने अपनी बात कविताओं के माध्यम से रखा। उन्होंने कवि शैलेंद्र की “भगतसिंह इस बार ना लेना काया भारतवासी की”, राजेश जोशी की “मारे जायेंगे” व गौहर रजा की “आवाज उठाना लाज़िम है” कविता का पाठ किया।
भगत का सपना आज भी अधूरा
शुभम ने कहा कि पढ़ाई का मुख्य काम समाज को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा का व्यवहार में लागू करना है। आइसा के साथी रोशन ने कहा कि भगत सिंह ने जिस आजादी की बात की थी और जो भारत का सपनों देखा था, सपना आज भी अधूरा है। आज राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं पर राजकीय दमन किया जा रहा ताकि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कोई ना बोले। ऐसे समय में भगत सिंह और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। सभा के दौरान क्रांतिकारी गीत “ए भगतसिंह तू जिंदा है”, “सूली चढ़कर वीर भगत ने”, “सरफरोशी की तमन्ना”, “चले चलो दिलों में घाव लेके भी चले चलो”, “वे सारे हमारे कतारों में शामिल”, “मिलजुल गढ़े चल नया हिंदुस्तान भईया” इत्यादि की गर्मजोशी के साथ प्रस्तुति की गई। सभा का संचालन अमर ने किया। कार्यक्रम में 40-50 लोग शामिल रहें।