सिस्टम पर उठाया सवाल : डॉ नैयर ने कहा—-सदर अस्पताल में दवा नहीं, ओपीडी में समय पर नहीं पहुंचते डॉक्टर, मरीजों को बहला-फुसलाकर भेजा जाता है इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष (स्वास्थ्य विभाग) डॉ पी नैयर ने शनिवार को दिन के करीब 11:30 बजे सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। करीब 40 मिनट तक अस्पताल के अंदर बाहर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोविड जांच सेंटर, दवा काउंटर, ओपीडी और वार्ड में भर्ती मरीजों से मुलाकात कर व्यवस्था की जानकारी ली। ज्यादातर वार्ड के मरीजों ने कहा दो दिन से डॉक्टर राउंड पर नहीं आए हैं, बेड पर बिछाने के लिए चादर नहीं दिया जाता, बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है, साफ- सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है, बोलने पर कोई नहीं सुनता।

ओपीडी में हड्डी के डॉक्टर नहीं :

व्हील चेयर पर परिजन के साथ जाते देख चेयरमैन ने मरीज से पूछा कहां आए थे- मरीज ने कहा कूल्हे में दर्द है, हम तीन घंटे से हड्डी के डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं। गार्ड बोला कि सोमवार को आइएगा, आज हड्डी के डॉक्टर ओटी में ऑपरेशन कर रहे हैं। मरीजों ने चेयरमैन को बताया कि अस्पताल में सब तरह की दवाइयां नहीं मिलती हैं। डॉक्टर चार दवा लिखते हैं तो काउंटर पर दो तरह की दवा मिलती है, बाकी दवा बाहर से खरीदने के लिए कहा जाता है।

कुर्सी पर नहीं मिले अस्पताल प्रबंधक :

कुर्सी पर अस्पताल प्रबंधक को नहीं देखकर चेयरमैन ने अगल-बगल के कर्मियों से पूछा तो किसी ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि अस्पताल प्रबंधक कहां गए हैं। कमरे में सिर्फ एक फार्मासिस्ट बैठे मिले।

कोविड जांच सेंटर मिला बंद :

12:00 बजे तक कोविड जांच सेंटर बंद रहा। लोगों को इंतजार करते देख उन्होंने पूछा- सब ने कहा कि हम लोग ढाई घंटे से कर्मी के आने का इंतजार कर रहे हैं। सेंटर को बंद देखकर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा इसकी शिकायत सिविल सर्जन और डीसी से करेंगे। निरीक्षण के दौरान सुबोध जा, अनीता सिंह, हाजी इरशद खान, अरविंद पांडे, मधुरानी, इंद्रावती देवी सहित अन्य शामिल थे।

लगातार मिल रही थी शिकायतें :

निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डॉ नैयर ने कहा कि सदर अस्पताल की अव्यवस्था पर लगातार शिकायतें आ रही हैं कि डॉक्टर ओपीडी में समय से नहीं पहुंचते, यहां के मरीजों को बहला-फुसलाकर प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए भेजा जाता है। दवाओं की कमी है। कहां की हम इसकी शिकायत सिविल सर्जन से करेंगे। सिविल सर्जन यदि गंभीरता से नहीं लेंगे तो इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री और हेल्थ सेक्रेटरी से करेंगे। उनके स्तर से भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम धरना पर बैठे जाएंगे।

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