सांप के डसने से बालक की मौत, परिजनों ने बोकारो जनरल अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप, जद्दोजहद के ढाई घंटे बाद मरीज को की गई भर्ती, सिस्टम पर उठाने लगा है सवाल

BOKARO : महज नौ दिन बाद बोकारो जेनरल अस्पताल पर परिजनों ने सांप डसने के बाद भर्ती न करने का आरोप लगाया है। पहली घटना 18 सितंबर की है। वहीं, दूसरी  घटना 27 सितंबर की है। सांप के डसने के बाद दुग्दा थाना क्षेत्र के सिजुआ पतरा कुल्ही निवासी सनोज कुमार (17 साल) को जान बचाने के लिए आनन फानन में परिजन बीजीएच पहुंचे। चिकित्सकों ने मरीज को भर्ती लेने से इंकार कर दिया। लगभग ढाई घंटे के जद्दोजहद के बाद उसे भर्ती लिया गया। जहां सीसीयू में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पहुंचते ही मरीज को भर्ती लेकर उपचार शुरू कर दिया जाता तो जान बच जाती। विलंब से भर्ती कर इलाज करने के कारण मौत हो गई। देर होने से जहर पूरे शरीर में फैलता गया। अंत में जब मरीज की स्थिति चिंताजनक हो गयी तो उसे सीसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया। जहां बुधवार को तड़के किशोर की मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि 27 सितंबर को सुबह शौच के लिए गया था। इसी क्रम में सांप ने काट लिया। अस्पताल में मौजूद मृतक के परिजनों ने अस्पताल से लाश उठाने से मना कर न्याय व मुआवजे की मांग करने लगे।

18 सितंबर को सर्पदंश से हुई थी मौत : मालूम हो कि बीते 18 सितंबर की देर रात सेक्टर 9 बसंती मोड़ कूलिंग पोंड नंबर दो के 28 वर्षीय विकास कुमार की मौत सर्पदंश से हुई थी। परिजन उक्त तिथि की रात करीब 1:30 बजे बोकारो जनरल अस्पताल में मरीज को लेकर पहुंचे थे। चिकित्सकों ने बेड खाली ना रहने की बात कहकर मरीज को भर्ती लेने से इनकार कर दिया। आनन-फानन में मरीज को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां एंटी वेनम इंजेक्शन देने के बाद मरीज को पुनः बोकारो जनरल अस्पताल ले जाने को कहा गया। बीजीएच पहुंचते ही उसकी मौत हो गई।

कब सुधरेगा सिस्टम :

सवाल है कि जान बचाने के ख्याल से कोई भी परिजन मरीज को अस्पताल में लेकर पहूंचते हैं। अस्पताल यदि मरीज का समय से इलाज करने में लापरवाही बरतता है तो सिस्टम पर सवाल खड़ा होता है कि आखिरकार इस तरह की व्यवस्था पर कब रोक लगेगी ?। मालूम हो कि सितंबर महीने में सर्प दंश से जिले में करीब छह लोगों की जाने जा चुकी है। एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध रहने के बाद भी अस्पताल मरीजों की जान बचाने में अक्षम साबित क्यों हो रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्जुन प्रसाद का कहना है कि सांप के डसने के आधे घंटे के भीतर मरीज का सही उपचार किया जाए तो जान बचाई जा सकती है। 1 घंटे की अवधि तक गोल्डन पीरियड माना जाता है, उसके बाद खतरा बढ़ता जाता है, मरना जीना तो दूसरी बात है।

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