सरना समाज ने हर्षोल्लास से मनाया प्रकृति पर्व करमा, कहा –अन्न का अनादर करने से घर में नहीं आती समृद्धि 

बोकारो के सेक्टर 9 स्थित सरना स्थल में सरना समाज की ओर से प्रकृति पर्व करमा बड़े ही हर्षोल्लास मनाया गया। इस अवसर पर पहान चमरा लकड़ा और महावीर सम्बरुई ने पारंपरिक विधि विधान से करमा डाली की पूजा अर्चना कराई।

करमा पर्व से संबंधित दो भाई कर्मा और धर्मा की कहानी बताते हुए एतवा उरांव ने कहा कि अन्न का अनादर करने से हमारे घर में समृद्धि नहीं आती है और यह कहानी हमें दूसरों का उपकार करने की भी प्रेरणा देता है। पूरे श्रद्धाभाव से दिनभर करमा उपवास रखने वाली बहनों ने अपने भइयों की समृद्धि की कामना की और सबको जावा फूल भेंट किया। समारोह के मुख्य अतिथि पवन कुमार उराँव ने बताया कि करमा प्रकृति से जुड़ा भाई बहनों का त्योहार है जो कि झारखंड सहित उड़ीसा, छतीसगढ़, मध्यप्रदेश, असम, बंगाल आदि राज्यों में मनाया जाता है। इस आयोजन के लिए पूजा समिति के अध्यक्ष राजीव मुंडा और सचिव जयमंगल उरांव ने मनमोहक ढंग से सजावट थी। पूजा के आयोजन में अघनु उराँव, न्यूटन उरांव, दीनदयाल तिर्की, अजय कच्छप, विशेश्वर टोप्पो, विवेक भगत सहित अन्य की भूमिका सराहनीय रही।

पर्यावरण संरक्षण का देता है संदेश : मंगलवार को बोकारो के सेक्टर 12 स्थित सरना स्थल, सतनपुर पंचायत के बाघराई बेड़ा सहित चास, बांसगोड़ा, रीतुडीह, बालीडीह, जरीडीह, नवाडीह आदि ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से करमा पर्व मनाया गया।सेक्टर 12 में आयोजित करमा पर्व के दौरान संजू सामंता ने कहा कि करमा पर्व आपसी भाईचारा और साथ में मिल जुलकर रहने का संदेश देता। साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। संसार के जीव जंतुओं से ही मनुष्य का जीवन चल रहा है। यही कारण है कि मनुष्य और प्रकृति का अटूट संबंध रहा है। पूजा उपरांत देर रात तक महिलाएं, पुरूष एवं युवतियां मांदर एवं नागड़ की थाप में पारंपरिक करमा नृत्य-गान किया।

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