बेरमो अनुमंडल स्तर पर सशक्त पत्रकार संगठन की दरकार, वरिष्ठ पत्रकारों को करनी चाहिए पहल 

BERMO : प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ मोबाइल सोशल मीडिया से संवाद संप्रेषण करने वाले पत्रकारों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। काफी संख्या होने के बावजूद है पत्रकार संगठित नहीं है। यह सच है कि मोबाइल और सोशल मीडिया का प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। फर्स्ट और फास्ट न्यूज़ प्रेषण कर समाचार परोसने के मामले में यह प्रिंट और टीवी मीडिया पर भारी पड़ रहा है। इसके बढ़ते प्रभाव से प्रिंट और टीवी मीडिया पूरे देश और दुनिया में परेशान है। यह परेशानी आगे और भी बढ़ेगी। यह तो चलते रहेगा। लेकिन यहां बात है बेरमो के पत्रकारों की एकजुटता की। पत्रकारों के एक सशक्त संगठन के लिए इसका प्रयास होना चाहिए। इसके लिए बेरमो के वरिष्ठ पत्रकारों को पहल करनी चाहिए। उमेश नारायण झा, राधेश्याम शर्मा के निधन होने तथा सुबोध सिंह पवार की सक्रिय पत्रकारिता से अलग होने के बाद से बेरमो अनुमंडल संवाददाता संघ निष्क्रिय हो गया है। जहां तक बेरमो पत्रकार संघ की है तो बेरमो पत्रकार संघ के संरक्षक राधाकृष्णन विश्वकर्मा रांची में रहे हैं। संघ के अघ्यक्ष सत्यदेव सिंह हिंदी दैनिक श्वेत पत्र रांची संस्करण के संपादक बनने के बाद से रांची में रह रहे हैं। सचिव नरेश श्रीवास्तव को एलआईसी से ही फुर्सत नहीं रहती, वह हजारीबाग में रहते हैं और कोषाध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद अंबष्ट वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायिक कार्य में व्यस्त रहते हैं। ऐसे मे वर्तमान में वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार वर्मा, सुभाष ठाकुर, सिद्धार्थ नारायण पोद्दार, नंद कुमार सिंह, चंद्रिका विश्वकर्मा, मोहम्मद साबिर, मोहम्मद रूस्तम, संजय मिश्रा और प्रकाश अग्रवाल के पहल कर एक सशक्त पत्रकार संगठन बनाने का प्रयास करना चाहिए।

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