World Kidney Day 2024: बढ़ते डायबिटीज, बीपी व खराब जीवन शैली के कारण देश में तीब्र गति से किडनी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। बीमारी बढ़ने की गति यही रही तो आने वाले 2050 तक भारत किडनी का कैप्टिल बन सकता है।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता Bokaro: बढ़ते डायबिटीज, बीपी व खराब जीवन शैली के कारण देश में तीब्र गति से किडनी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। बीमारी बढ़ने की गति यही रही तो आने वाले 2050 तक भारत किडनी का कैप्टिल बन सकता है। वर्तमान आकड़ों के अनुसार में भारत में 15 से 17 प्रतिशत लोग किडनी से ग्रसित हैं। बोकारो के नेफ्रोलॉजिस्ट एवं ट्रांसप्लांट फिजिसियन डॉ मुक्तेश्वर रजक ने बताया की दो साल पहले के आईसीएमआर (द इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रीचर) की रिपोर्ट के अनुसार बोकारो जिले में 15 से 16 प्रतिशत लोग किडनी से ग्रसित हैं। वहीं, भारत में डायबिटीज व बीपी मरीजों की संख्या 100 मिलियन (10 करोड़) के आसपास है। किडनी की बीमारी का मुख्य कारण ये दो बीमारियां है। वहीं, पूरी दुनिया में अनुमान है कि क्रोनिक किडनी रोग से 850 मिलियन से अधिक मरीज प्रभावित हैं। इस बीमारी से वर्ष 2019 में 3.1 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। जो पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है। डॉ मुक्तेश्वर ने बताया कि किडनी फेल दो प्रकार के होते हैं पहला एक्यूट किडनी फेल्योर व दूसरा क्रोनिक किडनी फल्योर। एक्यूट किडनी फेल्योर सही उपचार से ठीक से ठीक हो जाता है। इसमें एक तिहाई मरीज को डायलिसिस की जरूरत कुछ दिनों के लिए पड़ती है। वहीं किडनी फेल्योर कभी ठीक नहीं होने वाली बीमारी है। बीमारी के कारण किडनी बीमारी के मुख्य कारणों में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, ह्दय रोग, ध्रूमपान व मोटापा, वंशानुगत रोग पॉलिस्टिक, दर्द निवारण दवा, मूत्र मार्ग में संक्रमण, प्रोस्टेट की बीमारी, पथरी की बीमारी। किडनी बीमारी के सामान्य लक्षण चेहरे की सूजन, भूख की कमी व उल्टी होना, उच्च रक्तचाप, खून की कमी व कमजोरी, पेशाब कम होना, सांस फुलना, शरीर में एठन या झटके आना, नींद की कमी।
किडनी फेल्योर के उपचार दवा व परहेज, क्रोनिक किडनी बीमारी की जटिलता का समुचित उपचार, डायलिसिस किडनी प्रत्यारोपण। रांची में किडनी प्लांटेशन की सुविधा नहीं रिम्स, रांची में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है। मेदांता और मेडिको रांची में यह सुविधा उपलब्ध है। डॉ मुक्तेश्वर ने बताया कि झारखंड में हर साल करीब 10 मरीज किडनी ट्रांसप्लांट होता है।
निकाली गयी जागरूकता रैली इस मौके पर आरएनबी अस्पताल एवं पाल आई रिसर्च सेंटर की ओर से गुरूवार को सेक्टर 4 गांधी प्रतिमा स्थल से लेकर सेकटर 5 पत्थर कट्टा चौक मैंराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से बोकारो की जनता अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। डॉ पिंकी पाल ने बताया कि को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित अस्पताल में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया था। 150 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवा दी गयी। नेफ्रोलॉजीस्ट डॉ मुखतेश्वर रजक ने कहा कि जागरूकता से ही इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। आयोजन के मौके पर डॉ अल्पना, डॉ विशाल, डॉ दीपक, दीनानाथ पांडेय, कुंज बिहारी पाठक, राजू कुमार, रितेश कुमार, चतुरानद पाठक सहित अस्पताल के कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा।