Bokaro: बोकारो अंचल कार्यालय में झारखंड प्रोफेशनल टैक्स व आईटीसी रिवर्सल पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
Bokaro में राज्य कर संयुक्त आयुक्त, अंचल कार्यालय में शुक्रवार को झारखंड प्रोफेशनल टैक्स, कर समाधान योजना फेज-1 व आईटीसी रिवर्सल (आईजीएसटी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन। संयुक्त आयुक्त ने कहा—व्यवसायियों को अपने पूर्व के बकायों के निबटारा के लिए कर समाधान योजना का उठाना चाहिए लाभ।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: राज्य कर संयुक्त आयुक्त, बोकारो अंचल कार्यालय में शुक्रवार को झारखंड प्रोफेशनल टैक्स, कर समाधान योजना फेज-1 व आईटीसी रिवर्सल (आईजीएसटी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बोकारो चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों, अधिवक्तागणों सहित विभिन्न व्यवसायी संघ के सदस्यों व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते बोकारो अंचल के राज्य कर संयुक्त आयुक्त सह धनबाद मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) के मनोज कुमार ने धनबाद के द्वारा झारखंड प्रोफेशनल टैक्स के तहत निबंधन कराने व दर्शाए जा रहे सकल विक्रय आवर्त के विरूद्ध कर जमा करने पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि 5,00,001 रूपये से 10 लाख रूपये तक सकल विक्रय आवर्त दर्शाने वाले कर देय व्यक्ति पर प्रतिवर्ष 1000 रूपये, 10,00,001 रूपये से 25 लाख तक प्रतिवर्ष 1500 रुपये, 25,00,001 रूपये से 40 लाख तक प्रति वर्ष 2000 रूपये और 40 लाख से अधिक सकल विक्रय आवर्त दर्शाने वाले व्यक्तियों को प्रतिवर्ष 2500 रूपये की करदेयता अधिसूचित है।
सेटलमेंट राशि के संबंध में चर्चा
संयुक्त आयुक्त ने भुगतेय कर से संबंधित बकाया कर, वित्तीय वर्ष 2017-18 तक का असेस्ड टैक्स से संबंधित बकाया, विभिन्न प्रकार के फॉर्म से संबंधित बकाया व अन्य प्रकार के बकायों से संबंधित सेटलमेंट राशि के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि व्यवसायियों को अपने पूर्व के बकायों के निबटारा के लिए कर समाधान योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस संबंध में कारोबारियों को बकायों के भुगतान के लिए लगातार नोटिस भी निर्गत किया जा रहा है। साथ ही बकाया सूची को भी चैम्बर के साथ साझा किया गया है।
जीएसटीआर-3बी में किया गया संशोधन
आईजीएसटी के मुद्दे पर चर्चा करते हुए संयुक्त सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के माह अगस्त 2022 से सरकार के द्वारा जीएसटी के तहत दाखिल की जाने वाली मासिक विवरणी जीएसटीआर-3बी में संशोधन किया गया है। वर्तमान व्यवस्था के तहत अब व्यवसायियों की आवक आपूर्ति के आलोक में जीएसटीआर-2ए/2बी में परिलक्षित समस्त आईटीसी का दावा उनके द्वारा दाखिल की जा रही मासिक विवरण जीएसटीआर-3बी में किया जाना है। दावा करने के बाद व्वसायी को इनेलिजिबल आईटीसी व दावा किये गये आईटीसी का वह भाग जिसे लेने में उस माह में विधिपूर्वक दावा करने में सक्षम नहीं है, उसे जीएसटीआर-3बी के माध्यम से ही वापस कर देना है।