Bokaro : डीएवी पब्लिक स्कूल में आत्महत्या, रोकथाम व तनाव पर कार्यशाला का आयोजित, डॉ प्रशांत ने कहा आत्महत्या का विचार आए तो 10 सेकंड तक परिवार व खुद के बारे में सोचे
सार
•डीएवी पब्लिक स्कूल में
आत्महत्या, रोकथाम व तनाव पर कार्यशाला आयोजित
•तनाव की बातों को परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों से करें साझा
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: बोकारो शहर के डीएवी पब्लिक स्कूल, सेक्टर 6 में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी की ओर से आत्महत्या, रोकथाम, तनाव व धूम्रपान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत मिश्रा थे। मुख्य अतिथि सहित जिला परामर्शी मो असलम, प्राचार्य बीएमएल दास व काउंसलर छोटेलाल ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का उद्घाटन किया।
डॉ मिश्रा ने कहा कि किसी प्रकार के तनाव को हल्के में ना लें। तनाव होने की स्थिति में खुद को रिलैक्स रखने की कोशिश करें। साथ ही तनाव की बातों को परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों से साझा करें। आज के समय में हर व्यक्ति को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। तनाव को परास्त कर आगे बढ़ने की कला को ही तनाव पर विजय प्राप्त करना कहते हैं।
हर व्यक्ति हो गया है संवेदनशील
डॉ मिश्रा ने कहा कि आज हर व्यक्ति संवेदनशील हो गया है। ऐसे में किसी भी तरह का तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा लेते हैं। जब भी मन में आत्महत्या का विचार आए 10 सेकंड तक परिवार और खुद के बारे में सोचें। माता-पिता का ध्यान करें, जिसने आपको जीवन दिया है. आपसे बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं।
तनाव होने पर परिवार से बात करे
प्राचार्य बीएमएल दास ने कहा कि जीवन में नकारात्मकता तनाव का सबसे बड़ा कारण है। तनाव होने पर व्यक्ति में नकारात्मकता आने लगती है। यदि मनुष्य जीवन की घटनाओं को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करे, तो वह सुखी जीवन जी सकता है। सकारात्मक सोच और व्यवहार के साथ स्वाभाविक तौर पर होने वाली इस नकारात्मकता को हराया जा सकता है। तनाव होने पर परिवार से बात करें। समस्या को साझा करें।
धूम्रपान से होने वाले समस्याओं की दी जानकारी
मो असलम ने धूम्रपान से होने वाले समस्याओं की जानकारी दी। साथ ही समाधान के बारे में भी बताया। बच्चों को धूम्रपान से दूर रहने की सलाह दी गई। संचालन प्रशांत कुमार ने किया। इस मौके पर बाल शेखर झा, गौतम कुमार सिंह, श्याम भूषण श्रीवास्तव, अखिलेश मिश्रा विद्यासागर सहित अन्य शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी मौजूद थे।