Truth of BJP Promise: भाजपा के वादों के पीछे का सच

Truth of BJP Promise: भाजपा जिस भी राज्य में चुनाव लड़ती है, वहां वादों की ऐसी बौछार करती है। वादों से ऐसा जनता को सब्जबाग दिखाती है कि बहुत सारी भोली-भाली जनता उसके छलावे में भी आ जाती है।

अलखदेव प्रसाद ’अचल’
न्यूज इंप्रेशन

भारतीय जनता पार्टी जिस भी राज्य में चुनाव लड़ती है, वहां वादों की ऐसी बौछार करती है। वादों से ऐसा जनता को सब्जबाग दिखाती है कि बहुत सारी भोली-भाली जनता उसके छलावे में भी आ जाती है। क्योंकि उसके अंदर की सच्चाई को समझ नहीं पाती है। भाजपा इसी तरह से लोगों को छल-छलकर सत्ता सुख भोग रही है। अभी भाजपा जिन-जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ रही है, वहां एक नफरती वाक्य उछाल रही है कि ’बाटेंगे तो कटेंगे’। इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का एक ही मकसद है कि ऐसे शब्दों को बोलकर हम यहां के हिन्दुओं को मुसलमानों के प्रति नफरत की भावना भड़काएं और हिंदुओं को गोलबंद करें। “जिसे विकास से परहेज़ होता है,वह ऐसी-ऐसी बातें करके ही सत्ता पर काबिज रहना चाहता है।“ आम जनता को ऐसी पार्टियों से शतर्क रहने की जरूरत है।

भाजपा के चाल को समझने की है जरूरत
यह वही भारतीय जनता पार्टी है, जो चुनाव में तो तमाम पिछड़े, दलित, आदिवासियों को हिंदू करार देती है। यह भी कहती है कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। भारतीय संविधान में तो सभी के लिए समानता के अधिकार का उल्लेख है। पर क्या चुनाव के बाद किसी राज्य में भारतीय जनता पार्टी के लोग खास कर दलित और आदिवासियों को हिंदू मानने के लिए तैयार होते हैं ? क्या उन्हें ये लोग घृणा की दृष्टि से नहीं देखते हैं? क्या उनके साथ ऊंच-नीच और छुआछूत का भेद भाव नहीं रखते हैं ? क्या उनको मंदिरों में प्रवेश वर्जित नहीं रखते हैं? अगर रखते हैं ,तो फिर किस बात का हिंदू ? सिर्फ वोट लेने के लिए हिंदू? उन्हें दलित और आदिवासी उस समय हिंदू क्यों नहीं नजर आते ? यह छलावा नहीं तो और क्या है? भारतीय जनता पार्टी की इसी चाल को समझने की जरूरत है और चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। भाजपा शासित राज्यों में जाकर देखिए कि दलितों और आदिवासियों के साथ कैसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उस दुर्व्यवहार के खिलाफ जब लोग थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाते हैं, तो थानेदार तक दुत्कार कर भगा देते हैं ।उल्टे उनपर मुकदमे चला दिए जाते हैं। भाजपाइयों का यही है हिन्दुत्व। हिन्दुत्व का राग तो सिर्फ वोट के लिए अलापते हैं।

भाजपा पहली ऐसी सरकार, जो यहां विपक्ष को ही खत्म कर देना चाहती

कहने के लिए तो नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री पूरे देश की जनता का होता है। लेकिन प्रधानमंत्री होकर भी वे जिस तरह से नफरती चुनावी भाषण देते हैं। जिस तरह से वे विपक्षियों के प्रति आग उगलते हैं। जनता में नफरत परोसते उन्हें शर्म भी नहीं आती। क्योंकि उन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए। झारखंड के चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी कहते देखे जा रहे हैं कि आजादी के बाद कांग्रेस ने पिछड़ों और दलितों को मूर्ख बना- बनाकर सत्ता में रही। आज दलित-पिछड़े और आदिवासी कांग्रेस से छिटक रहे हैं, तो कांग्रेस हाशिए पर है। मोदी के इस कथन में तनिक भी सच्चाई नहीं है। सच्चाई यह है कि 2014 में यही नरेंद्र मोदी देश के सभी राज्यों में घूम-घूमकर कहते थे कि जब भाजपा की सरकार आ जाएगी, तो अच्छे दिन आएंगे। भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो जाएंगे। महंगाई कम जाएगी। देश के काले धन वापस आ जाएंगे। सभी जनता के खातों में 15-15 लाख रुपए आ जायेंगे। इसके नाम पर देश की बहुसंख्यक जनता भाजपा से प्रभावित हो चुकी थी। लगने लगा था कि इतने वर्षों तक कांग्रेस को तो देख ही लिया, शायद भाजपा कुछ नया करेगी। पर सरकार में आते ही सबकुछ भूल गयी। फिर भी अपने तिकड़म से दूबारे और फिर तिबारे सत्ता में बरकरार है। लगातार यहां की जनता इसकी जाल में फंसती चली जा रही है। फलस्वरूप कांग्रेस क्या अन्य विपक्षी पार्टियां भी अभी हाशिए चली गई है। भाजपा पहली ऐसी सरकार है, जो यहां विपक्ष को ही खत्म कर देना चाहती है।

प्रलोभन देकर अपने गठबंधन में कर लिया शामिल

दूसरे कांग्रेस को हाशिए पर जाने का कारण यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी जितने भी जनाधार वाले पिछड़ी जाति, दलित जाति और आदिवासी के जनाधार वाले नेता थे, उन्हें प्रलोभन देकर अपने साथ गठबंधन में शामिल कर लिया है। फल स्वरुप उन जातियों के वोट अपनी जाति के नेताओं के चलते भारतीय जनता पार्टी की तरफ जा रही है और भारतीय जनता पार्टी उसी की वजह से सत्ता की मलाई खा रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस क्या ,किसी भी पार्टी की हालत खराब हो सकती है। दूसरे, हरियाणा की तरह जिस भी राज्य में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं ,वहां भाजपा जैसे- तैसे चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर जनता के विरोध के बाद भी चुनाव जीत जा रही है। कर्नाटक या मध्य प्रदेश में सभी लोगों ने देखा कि कांग्रेस की सरकार थी। जिसके विधायकों को खरीद-फरोख्त कर भारतीय जनता पार्टी ने वहां की सरकार को अल्पमत में कर दिया और स्वयं सरकार बना ली। इसीलिए मोदी के कथन में तनिक भी सत्यता नहीं है। परंतु मोदी को तो झूठ बोल-बोलकर तालियां बटोरने की आदत लग गई है।

पानी के नल की तरह गैस का कनेक्शन घरों घरों में पहुंचाएंगे

मोदी ने झारखंड की जनता को सब्जबाग दिखाते हुए जो कहा कि हमारी सरकार बनेगी, तो माताओं -बहनों के खातों में सीधे चार हजार रुपए जाएंगे । तो क्या झामुमो की सरकार खाते में पैसे नहीं भेज रही है? दूसरी बात, यूपी, बिहार, हरियाणा राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है, वहां माताओं-बहनों के खाते में इतनी इतनी राशि भेजी जा रही है क्या ? जो मोदी यह कह रहे हैं कि हमने उज्जवला गैस के द्वारा फ्री में गैस दिया, तो कांग्रेस की सरकार में जहां गैस की कीमत ₹430 प्रति सिलेंडर कीमत थी ,आज 1000 से उपर उसकी कीमत हो गई है। किसने किया ? और क्या आज गरीब घरों में कोई गैस खरीदने की हिम्मत जुटा रहा है क्या ? फिर गैस कनेक्शन देने की सार्थकता ही क्या रह गई ? मोदी नया शुगुफा यह छोड़ रहे हैं कि पानी के नल की तरह गैस का कनेक्शन घरों घरों में पहुंचाएंगे। तो क्या जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां भाजपा सरकार उस तरह के गैस कनेक्शन दे रही है क्या ? नहीं तो फिर यह सब जुमला नहीं तो और क्या है ?

जहां भाजपा की सरकार है, वहां बिजली बिल जीरो क्यों नहीं है?

इससे पहले राजस्थान में यही मोदी ने चुनावी सभा में गला फाड़-फाड़कर घोषणा की थी कि हमारी सरकार आएगी, तो ₹500 प्रति सिलेंडर गैस मिलेगी। क्या राजस्थान में ₹500 प्रति गैस सिलेंडर लोगों को उपलब्ध हो रही है क्या? फिर कौन भरोसा है कि झारखंड में सरकार बनने के बाद लोगों को सस्ती गैस उपलब्ध कराई ही जाएगी ? पहले भी तो झारखंड में सबसे अधिक बीजेपी की ही सरकार रही थी, तो पहले क्यों नहीं उन्होंने बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई थी? अगर कराई होती, तो सत्ता से क्यों बेदखल होना पड़ता। मोदी जी झारखंड के चुनावी सभा में तो बिजली बिल जीरो करने की बात कर रहे हैं। यह तो तभी भरोसा किया जा सकता है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां बिजली बिल जीरो कर देते, तो माना जाता कि झारखंड में भी बिजली बिल जीरो कर देंगे। तो जिन जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां बिजली बिल जीरो क्यों नहीं है? जो झारखंड में आकर लोगों को बिजली बिल जीरो करने का सब्जबाग दिखा रहे है? देश के गृह मंत्री अमित शाह बार-बार यह कह रहे हैं झारखंड में भाजपा की सरकार बन जाएगी, तो हम उन घुसपैठियों को झारखंड से खदेड़ देंगे ।उन्हें कहने में भी शर्म नहीं आ रही है। बांग्लादेश से घुसपैठिए आ रहे हैं।आप देश के गृह मंत्री हैं, तो आपका मंत्रालय क्या कर रहा है ? क्या इस इंतजार में है कि झारखंड में हमारी सरकार बन जाएगी,तब खदेड़ेंगे? अभी उनको कौन रोक रहा है कि चुनावी सभा में यह बात कहनी पड़ रही है? यह कुछ नहीं। सिर्फ भाजपा जैसे झूठ परोस परोसकर जनता को गुमराह करती रही है, वही झारखंड की चुनावी सभाओं में भी कर रही है। जिसे झारखंड की जनता नहीं समझेगी, तो हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।

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