Vedanta ESL Steel: झारखंड के विकास में वेदांता का प्रमुख योगदान, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने जारी की वित्त वर्ष 2024 की सोशल इम्पैक्ट रिपोर्ट
Vedanta ESL Steel : 50 तीरंदाजों को कोचिंग समर्थन और 500 आदिवासी किसानों को आजीविका के अवसर प्रदान कर, वेदांता ईएसएल स्टील ने सामुदायिक सशक्तिकरण और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : वेदांता लिमिटेड की सामाजिक पहल शाखा, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपनी सामाजिक पहलों की घोषणा की है। फाउंडेशन ने 437 करोड़ रुपये का निवेश कर भारत के 1.73 करोड़ से अधिक लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया है। फाउंडेशन की वार्षिक सोशल इम्पैक्ट रिपोर्ट, “नर्चरिंग, ट्रांसफॉर्मिंग, लीडिंग: इंडिया’स ग्रोथ स्टोरी”, में 153 उच्च प्रभावशाली परियोजनाओं का उल्लेख किया गया है, जो 1,200 से अधिक गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, महिला एवं बाल विकास, कौशल व आजीविका, पशु कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं।
1,29,000 ज़िंदगियों को सीधे लाभ पहुंचा
इस वर्ष झारखंड में वेदांता की सहायक कंपनी ईएसएल स्टील लिमिटेड, जो बोकारो में स्थित एक एकीकृत स्टील उत्पादक है। 1,29,000 ज़िंदगियों को सीधे लाभ पहुंचाकर समुदायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। झारखंड अपनी समृद्ध तीरंदाजी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में, वेदांता ईएसएल आर्चरी एकेडमी 50 युवा तीरंदाजों के लिए एक प्रेरणा स्तंभ बनी हुई है। यह एकेडमी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन कोचिंग, आधुनिक उपकरण, पौष्टिक भोजन और यूनिफॉर्म प्रदान करती है। अपनी स्थापना के बाद से ही एकेडमी ने विभिन्न स्तरों पर प्रतियोगिताओं के आयोजन किए हैं, जो न सिर्फ तीरंदाजों की प्रतिभा को सबके सामने लाती है, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा करने और चैंपियन के रूप में उभरने का अवसर भी प्रदान करती है। एकेडमी द्वारा आयोजित डिस्ट्रिक्ट आर्चरी टूर्नामेंट और वेदांता चैलेंज इंटर-एकेडमी टूर्नामेंट में तीन छात्रों को बोकारो जिला तीरंदाजी और ओलंपिक तीरंदाजी संघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए मान्यता दी गई है। वहीं, एकेडमी की तीरंदाज आरती कुमारी को नेशनल स्पोर्ट्स डे पर उनके नेशनल्स में तीन स्वर्ण पदकों की शानदार उपलब्धि के लिए ओलंपिक तीरंदाजी संघ द्वारा सम्मानित किया गया।
शबनम परवीन की कहानी प्रेरणादायक
बोकारो जिले के बुढ़ीबिनोर गांव की रहने वालीं शबनम परवीन की कहानी प्रेरणादायक है। आर्थिक कठिनाइयों और मात्र 12,000 रुपये की पारिवारिक आय की वजह से उन्हें अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी। पढ़ाई पूरी न होने के कारण उनके रोजगार के अवसर भी सीमित हो गए। इसके बाद शबनम ने वेदांता ईएसएल स्किल स्कूल के सोलर पीवी तकनीशियन कोर्स में दाखिला लिया, जिसके परिणामस्वरुप उनके हालातों में कुछ सुधार हुआ। इस कोर्स के तहत उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण, भोजन और आवास की उचित सुविधा मिली। कोर्स पूरा करने के बाद, शबनम अपने गांव की पहली लड़की बनीं, जिन्होंने सोलर सेक्टर में नौकरी हासिल की। अब वे आय के रूप में प्रति वर्ष 1.98 लाख रुपये अर्जित कर रही हैं। शबनम की यह यात्रा यह दर्शाती है कि कौशल विकास और दृढ़ संकल्प के माध्यम से किस प्रकार से जीवन को बदला जा सकता है। उनकी सफलता अन्य युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।
विकास के लक्ष्यों का एक अभिन्न हिस्सा
वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन, प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा, ” वेदांता में, हमारी मूल विचारधारा ‘अर्थ’ (जो मूल्य हम उत्पन्न करते हैं) और ‘धर्म’ (जो मूल्य हम वापस देते हैं) हमें समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को मार्गदर्शन प्रदान करती है। हमारी हर पहल-चाहे वह बच्चों का पोषण और स्वास्थ्य देखभाल हो, कौशल विकास और आजीविका, खेलों का प्रचार, सांस्कृतिक संरक्षण हो या अन्य कोई पहल- ये सभी हमारे समावेशी और सशक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।” वेदांता ईएसएल स्टील लिमिटेड द्वारा झारखंड में संचालित सीएसआर पहलें, कंपनी की परिचालन उत्कृष्टता और सतत विकास के लक्ष्यों का एक अभिन्न हिस्सा हैं। नाबार्ड की प्रमुख परियोजना वाडी और ग्रामीण सेवा संग के साथ साझेदारी के माध्यम से, वेदांता ईएसएल ने आदिवासी समुदायों के लिए बागवानी आधारित विकास में योगदान दिया है। इस पहल के तहत, 8 गांवों के 500 आदिवासी किसानों को लाभ पहुँचा है। इस परियोजना के माध्यम से 450 एकड़ बंजर भूमि को उपजाऊ कृषि भूमि में तब्दील किया गया है, जिससे किसानों की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, 450 किसानों के लिए आय के नए अवसर भी खुले हैं।
5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का लिया है संकल्प
युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य के तहत वेदांता ईएसएल स्किल स्कूल, सीड्स के साथ मिलकर सोलर पीवी इंस्टॉलेशन और सिलाई मशीन संचालन में प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस पहल के तहत अब तक 150 से अधिक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से 80% को प्रमुख अक्षय ऊर्जा कंपनियों में रोजगार मिला है। शिक्षा के क्षेत्र में, प्रोजेक्ट प्रेरणा को सार्थक सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन के साथ साझेदारी में शुरू किया गया। इस पहल ने 700 से अधिक सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को रेमेडियल कोचिंग और विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से लाभान्वित किया है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख महिला एवं बाल परियोजना नंद घर के तहत 14 राज्यों में प्रोजेक्ट के आरंभ से 6,044 आधुनिक और उन्नत आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें झारखंड में वेदांता ईएसएल स्टील द्वारा संचालित 150 केंद्र भी शामिल हैं। ये नंद घर भारत भर में 2,38,161 बच्चों और 1,78,620 महिलाओं को प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएँ और महिलाओं के लिए कौशल विकास जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। इन परियोजनाओं के अलावा, ईएसएल स्टील लिमिटेड के माध्यम से वेदांता समुदायों के जीवन में बेहतर बदलाव ला रहा है। इसके प्रोजेक्ट आरोग्य ने बोकारो के चास और चंदनकियारी ब्लॉक के 27 गांवों के 41,816 निवासियों को नियमित मोबाइल हेल्थ वैन सेवाओं (एमएचवी) के माध्यम से लाभ पहुँचाया। प्रोजेक्ट निर्माण सड़कों की मरम्मत एवं रखरखाव, तालाब की खुदाई और घाट निर्माण आदि जैसे कार्यों के माध्यम से 19,400 जिंदगियों को बेहतर बना रहा है। वेदांता लिमिटेड खनिज, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक है। यह अपने 19 सब्सिडियरी के माध्यम से भारत के कई राज्यों में कार्यरत है। कंपनी ने 5 वर्षों में अपनी सीएसआर पहलों को और बेहतर करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का संकल्प लिया है, ताकि एक सतत और समावेशी भविष्य का निर्माण किया जा सके।
आफ की सामाजिक पहलों से जुड़े प्रमुख आँकड़े (वित्त वर्ष 2023-24):
● 437 करोड़ रुपये का निवेश भारत में 153 सामाजिक परियोजनाओं में किया गया।
● 1,200 से अधिक गाँवों में 1.73 करोड़ लोगों को लाभ पहुँचाया।
● 6,044 नंद घरों के माध्यम से 238,161 बच्चों और 178,620 महिलाओं का सहयोग किया गया।
● पशु कल्याण परियोजनाओं से 1.48 लाख पशुओं को लाभ मिला।
● 31 शैक्षिक पहलों के माध्यम से 1.33 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया।
● स्वास्थ्य पहलों के जरिए 17 लाख लोगों को सहायता प्रदान की गई।
● सामुदायिक बुनियादी संरचना को सुधारकर 5.22 लाख लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया।
झारखंड में वेदांता ईएसएल स्टील के सामाजिक प्रभाव की प्रमुख उपलब्धियां
● वेदांता ईएसएल आर्चरी एकेडमी ने राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग के माध्यम से 50 युवा तीरंदाजों का समर्थन किया। परिणामस्वरूप, कई शानदार उपलब्धियाँ हासिल हुईं। इनमें तीरंदाज खिलाड़ी आरती कुमारी ने नेशनल्स में तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
● वाडी प्रोजेक्ट के माध्यम से बोकारो जिले में 500 आदिवासी किसानों के लिए 450 एकड़ भूमि पर बागवानी आधारित खेती शुरू की गई, जिससे उन्हें आय के नए और बेहतर स्रोत मिले।
● वेदांता ईएसएल स्किल स्कूल के माध्यम से 150 से अधिक युवाओं को विभिन्न व्यावसायिक कौशल में प्रशिक्षित किया गया, जिनमें से 80% को रोजगार के सुनहरे अवसर मिले।