Sant Ravidas Jayanti: संत शिरोमणि रविदास की मनाई गई जयंती, कुशवाहा राकेश महतो ने कहा—संत रविदास, संत होने के साथ समाज सुधारक व क्रांतिकारी चिंतक थे
Sant Ravidas Jayanti: बोकारो शहर के को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित आम्रपाली क्लब में संत शिरोमणि रविदास की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: बोकारो शहर के को-ऑपरेटिव कॉलोनी स्थित आम्रपाली क्लब में संत शिरोमणि रविदास की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के ओबीसी मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष कुशवाहा राकेश महतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संत रविदास के जीवन, उनके विचारों और सामाजिक सुधार में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई।
संत रविदास समाज सुधारक व क्रांतिकारी चिंतक थे
मुख्य अतिथि कुशवाहा राकेश महतो ने कहा कि संत रविदास केवल एक संत ही नहीं, बल्कि समाज सुधारक और क्रांतिकारी चिंतक भी थे। उन्होंने जीवनभर छुआछूत, भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ संघर्ष किया। उनका संदेश था कि इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है, न कि उसकी जाति या जन्म से। उन्होंने समाज में समानता और भाईचारे की भावना को मजबूत करने पर बल दिया। संत रविदास ने अपने भक्ति और आध्यात्मिकता से भरपूर दोहों के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया। राकेश महतो ने कहा कि आज के समय में जब समाज में विभिन्न प्रकार की कुरीतियां मौजूद हैं, तब संत रविदास के विचार हमें सही राह दिखा सकते हैं।
सद्भाव व आपसी प्रेम की भावना को दें बढ़ावा
मुख्य अतिथि ने युवाओं से आह्वान किया कि वे संत रविदास के बताए मार्ग पर चलें और समाज में समानता, सद्भाव और आपसी प्रेम की भावना को बढ़ावा दें। अगर हम सभी उनके आदर्शों को अपनाएं, तो एक समरस और भाईचारे पर आधारित समाज का निर्माण संभव है। राकेश महतो ने महाकुंभ में हो रही अव्यवस्थाओं और कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि आज लोग नाना प्रकार की यातनाओं को झेलते हुए कुंभ में स्नान करने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें संत रविदास की प्रसिद्ध उक्ति याद रखनी चाहिए कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी यदि हमारा मन शुद्ध और निर्मल है, तो घर में रहकर स्नान करने से भी वही पुण्य मिलता है, जो गंगा स्नान से प्राप्त होता है।
महाकुंभ जाने के बजाय अपने घर में स्नान करें
उन्होंने कहा कि महाकुंभ जाने के बजाय लोग शांति और सुकून से अपने घर में स्नान करें और ईश्वर का ध्यान करें, यही सच्ची आस्था होगी। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्होंने संत रविदास के आदर्शों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। आयोजकों ने संकल्प लिया कि वे संत रविदास के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाएंगे और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देंगे। उपस्थित लोगों ने संत रविदास के दिखाए मार्ग पर चलने और समाज में समानता व सद्भाव बनाए रखने की शपथ भी ली।