Ranchi :‌ केन्द्र की साज़िश के खिलाफ़ हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन एचईसी को बचाने के लिए किया राजभवन पर प्रदर्शन 

Ranchi : इण्डिया गठबन्धन में शामिल दलों और एचईसी संयुक्त मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में राजभवन के समक्ष किया गया विशाल आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन। एचईसी बचाने को लिए 21 सितंबर दिल्ली जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगें।

न्यूज़ इंप्रेशन संवाददाता 

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Ranchi : इण्डिया गठबन्धन में शामिल दलों और एचईसी संयुक्त मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में रांची राजभवन के समक्ष विशाल आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एक सभा की गई जिसमें घोषणा की गई कि हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के हजारों मजदूर एचईसी बचाने को लिए 21 सितंबर 2023 को दिल्ली जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगें।

सभा की अध्यक्षता झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुस्ताक आलम, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट और सीपीआई के अजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। एचईसी बचाओ सभा को मुख्य रूप से संबोधित करते हुए माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य सह ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि – मोदी सरकार को मजदूरों की नहीं बल्कि अडानी-अंबानी के हितों की चिंता है। देश के संसाधनों में रेल, इण्डियन एअर लाइंस, हवाई अड्डे, बंदरगाहों को कौड़ी के भाव निजी कंपनियो के हाथों बेचा जा रहा है। आर्थिक संपदाओं को बेचना देशभक्ति नहीं बल्कि देश के साथ गद्दारी है और इस बार 2024 में जनता से विश्वासघात और गद्दारी की कीमत मोदी सरकार को चुकानी पड़ेगी। देश को बचाने के लिए किसानों-मजदूरों के आन्दोलन के साथ आगे बढ़ना होगा। तभी लोकतंत्र और संविधान को बचाया जा सकता है।  

देश को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन आई है आगे 

सभा को इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक, सीपीएम के समीर दास, आम आदमी पार्टी के डॉक्टर अविनाश, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के खिलमंद टोप्पो, राष्ट्रीय जनता दल के अनीता यादव व रंजन यादव ने प्रदर्शनकारी मजूदरों को मुख्य रूप से संबोधित करते हुए कहा कि देश को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन आगे आई है। देश में मोदी सरकार को हटाकर इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी, राज्य में और केंद्र में अपनी सरकार होगी तो कारखाना को बचाया जा सकता है और मजदूरों को बकाया मजदूरी की भुगतान भी होगा। केंद्र की मोदी सरकार लगातार सार्वजनिक कल-कारखानों को बेचने पर आमदा है। हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन के मजदूरों को एकजुट होकर के लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। तभी कारखाना को बचाया जा सकता है और मजदूरों की मजदूरी का भुगतान होगा। देश में मोदी की सरकार धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर सत्तासीन रहना चाहती है। देश को बचाने के लिए सबको मिलजुल करके इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाना होगा। सभा में हटिया के सभी श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

अडानी अंबानी के हवाले किया जा रहा कल कारखाने 

वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा झूठे सपने दिखाकर अच्छे दिन के नाम पर देश के सभी कल कारखानों को अडानी अंबानी की हवाले किया जा रहा है। धरती के नीचे खनिज संपदाओं को धरती के ऊपर पावर प्लांट से लेकर के कल कारखाने एवं बंदरगाहों के बीच साथ ही अंतरिक्ष में भी कब्जा जमाने के लिए अडानी बेताब है। जनता दल यूनाइटेड के सागर कुमार सभा में जितेंद्र गुप्ता, रामनारायण बेदिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। देश को चन्द्रयान का लॉचिंग पेड बनाकर चन्द्रमा तक पहुंचने का गौरव का श्रेय मोदी सरकार का नहीं बल्की एचईसी के मजदूरों को है। जिसमें चन्द्रयान का लांचिंग पैड बनाने वाले एचईसी कर्मियों को विगत 18 महीने से तनख्वाह (SALARY) नहीं दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के देश विरोधी, राज्य विरोधी, जन विरोधी रवैये से कम्पनी के सभी कार्यादेश (Work order) निरस्त हो जा रहे हैं। यह सब जानबूझ कर किया जा रहा है ताकि कम्पनी घाटे में जाय और इसे अपने मित्रों अडानी, अम्बानी को बेचा जा सके।

सप्लाई मजदूरों को मौखिक रूप से लिया जा रहा काम

 आज एचईसी को बचाने के लिए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) गठबंधन द्वारा महाधरना का आयोजन किया गया है और आगे भी लड़ाई जारी रहेगी। 1623 सप्लाई मजदूरों को मौखिक रूप से काम लिया जा रहा है। कॉन्ट्रेक्ट कम्पनी का कार्यादेश समाप्त हो जाने से मजदूरों को प्लांट में प्रवेश पर भी रोक लगा दिया गया था, जिसके बाद मजदूरों के आन्दोलन से फिलहाल इन्हें प्लांट में प्रवेश तो मिल गया है, लेकिन वेतन भुगतान के मामले में पेंच पैदा कर इनके भी वेतन जाम की संभावना बन गईं है।एचईसी के मजदूरों का आंदोलन तूफान पर है और आने वाले दिनों में मजदूरों का आंदोलन और तीखा होगा अब आंदोलन ही एचईसी का भविष्य है ऐसे में यह तय है कि अब मजदूरों का आंदोलन जीतेगा या या सरकार की साजिश।

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