Ranchi international labour Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर रांची प्रेस क्लब में, झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स का फेक न्यूज़ व पत्रकार सुरक्षा परिचर्चा 

Ranchi international labour Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर रांची प्रेस क्लब में, झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स का फेक न्यूज़ व पत्रकार सुरक्षा परिचर्चा। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा—पहले किसी पत्रकार का सम्मान देश के प्रधानमंत्री तक किया करते थे, आज असली खबर ही दबा दी जाती।

न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता

Ranchi: देश ने कई विकट परिस्थितियां देखी हैं, पर आज का माहौल उस सबसे भिन्न ही नहीं बल्कि बहुत खतरनाक भी है। मीडिया की स्थिति में बदलाव का यह अंतर इससे स्पष्ट होता है कि पहले किसी पत्रकार का सम्मान देश के प्रधानमंत्री तक किया करते थे। आज असली खबर ही दबा दी जाती है। यह बदलाव देश के लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कही। वह अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। 

पत्रकारिता दरअसल एक मिशन

 पूर्व मंत्री ने कहा कि इस अंतर को वह और भी बेहतर तरीके से इसलिए समझ सकते हैं, क्योंकि वह पूर्व में केंद्र में गृह और सूचना प्रसारण मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने वहां उपस्थित पत्रकारों से कहा कि पहले से लेकर आज भी पत्रकारिता दरअसल एक मिशन ही है। यह अलग बात है कि आज के दौर में सामान्य पत्रकार ही नहीं बल्कि संपादक भी प्रबंधन के दबाव में है। प्रबंधन भी सरकार के विज्ञापन के भयादोहन का शिकार है। ऐसी स्थिति में आम पत्रकारों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। 

भारत में पत्रकारिता और चुनौतीपूर्ण

इस परिचर्चा में भाग लेने के लिए कोलकाता से आये प्रेस काउंसिल के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के इतिहास की जानकारी दी और कई महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। श्री चौधरी ने कहा कि आज भारत में पत्रकारिता और चुनौतीपूर्ण हो गयी है क्योंकि पत्रकारों को उनका हक दिलाने वाले कानून ही केंद्र सरकार ने हटा दिये हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों के प्रति असली पत्रकारों को और जागरूक एवं एकजुट होना होगा। इसके बिना इस सामाजिक बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता है। 

मीडिया को करना होगा अपनी ताकत का एहसास 

 परिचर्चा में भाग लेने के लिए आये विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने भी इस मौके पर अपने अपने विचार व्यक्त किये। कोडरमा के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश सलूजा ने कहा कि मीडिया में ऐसे विषय पर और अधिक जागरूकता लाने की जरूरत है। दूसरी तरफ मुख्यधारा की मीडिया को अपनी ताकत का भी एहसास करना होगा। कोडरमा के ही सतीश ने कहा कि अगर पत्रकार अपना मान सम्मान सही तरीके से कायम रख पायेंगे तो सारी चीजें अपने आप ही ठीक हो जाएंगी। उन्होंने पत्रकारों के संकटपूर्ण स्थिति के लिए स्थानीय स्तर पर कोष संग्रह की बात कही। बोकारो से आये कृष्णा चौधरी ने पत्रकार उत्पीड़न का उदाहरण देते हुए कहा कि एक पत्रकार को इसलिए पुलिस केस में फंसा दिया गया क्योंकि उसके किसी घटना की सूचना पुलिस को दी थी। 

संकट के दौर में पत्रकारों का कोई साथ नहीं देता

लातेहार से आये जावेद अहमद ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में मुख्य धारा के पत्रकारों को किसी भी सूचना को जांच लेने के बाद ही आगे बढ़ाने की जरूरत है। खूंटी के सतीश शर्मा ने कहा कि समाज के प्रति पत्रकारों को अपनी अधिक जिम्मेदारी समझने की जरूरत है। लोहरदगा के हुसैन अंसारी ने शिकायत की कि संकट के दौर में पत्रकारों का कोई साथ नहीं देता। इसे उनलोगों ने लोहरदगा मे कोरोना काल के दौरान सबसे अधिक झेला है। उनके जिला में इस दौरान श्री अंसारी के अलावा नेहाल अहमद, कैरो प्रखंड के पत्रकार वसीम अकरम, भंडरा प्रखंड निवासी पत्रकार बबलू उरांव और लोहरदगा के पत्रकार अमर गोस्वामी, दानिश राजा जी शामिल हैं। इसी तरह जिला में अधिकाधिक रक्तदान करने वाले पत्रकारों में विक्रम चौहान, नंदलाल तिवारी, शंभू सोनी शामिल हैं।

फर्जी खबरों से खुद को बचाएं

सिंहभूम के जिज्ञासु बेहरा ने कहा कि इस संकटपूर्ण स्थिति से बचने का एक तरीका यह है कि फर्जी खबरों से खुद को बचायें और इस पेशा को भाई भतीजावाद से मुक्त रखें। रामगढ़ के मनोज मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों को आर्थिक सक्षमता प्रदान करना भी एक महत्वपूर्ण विषय है। इस पर सभी को ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून की जायज मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने की आवश्यकता है। रांची के शेख मुजीबुल ने कहा कि यह सच है कि पत्रकारिता अभी गंभीर दौर से गुजर हरही है। रांची प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि अभी के माहौल में पत्रकारों को न्यूनतम अधिकारी भी नहीं मिल पा रहा है। प्रभात खबर के संपादक अनुज सिन्हा ने कहा कि इस स्थिति को दूसरे नजरिए से देखने की जरूरत है। आज इसमें बेईमानी है तभी ईमानदारों की अलग पहचान है। लोगों को अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए क्योंकि इतिहास और समय सही और गलत की पहचान करा देता है। 

केंद्र और राज्य सरकार की भूमिका पत्रकारों के साथ एक जैसी 

 यूनियन के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह अजीब दौर है जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भूमिका पत्रकारों के मामले में एक जैसी नजर आ रही है। सभी को अपने लिए चाटूकारिता करने वालों की जरूरत है। लेकिन यूनियन के सदस्य अपनी ईमानदारी के साथ जिस तरीके से पहले से खड़े थे आज भी उसी तेवर के साथ खड़े हैं। उन्होंने शीघ्र ही जिला स्तर पर इसके लिए नये सिरे से आंदोलन करने तथा फर्जी खबरों के संबंध में जिलावार कार्यशाला आयोजन की बात कही। अंत में हाल के दिनों में दिवंगत पत्रकारों और उनके परिजनों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। यूनियन के महासचिव राजीव नयनम ने इसमें शामिल होने वाले सभी को धन्यवाद दिया।

 शिविर में पत्रकारों ने किया रक्तदान 

इस आयोजन के साथ साथ वहां रक्तदान और स्वाथ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया गया था। इसमें चतरा के सत्येंद्र मलिक सहित दस पत्रकारों ने रक्तदान किया। शिविर में रक्तदान करने वाले को प्रमाण पत्र दिया गया। जबकि अनेक लोगों ने वहां स्वास्थ्य जांच कराया।

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