Ramgarh Crime News: रामगढ़ जिले के गोला से बरामद 51 लाख का आयकर विभाग की टीम ने किया खुलासा, बरामद रकम बोकारो डीसी ऑफिस के डीसीएलआर कर्मचारी का
Ramgarh Crime News: रामगढ़ जिले के गोला पुलिस की गश्ती दल ने एक कार से जब्त 51 लाख रुपया की गिनती कर आज आयकर विभाग रामगढ़ की टीम गोला थाना से रामगढ़ ले गई। 500 के नोट 102 बंडल कुल 51 लाख रुपया।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Ramgarh: रामगढ़ जिले के गोला पुलिस की गश्ती दल द्वारा एक कार से जब्त 51 लाख रुपया की गिनती कर आज आयकर विभाग रामगढ़ की टीम गोला थाना से रामगढ़ ले गई। मामले में आयकर विभाग की टीम मंगलवार को गोला थाना पहुंची। इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने जब्त नोटों की गिनती की। आयकर विभाग की टीम अपने साथ नोट गिनती करने का मशीन लेकर थाना पहुंची थी। नोट गिनती के दौरान लोगों का थाना में आना-जाना बंद कर दिया गया था।
भारी सुरक्षा के बीच नोटों को ले जाया गया
गिनती के बाद विभाग ने 500 के नोट 102 बंडल 10,200 पीस कुल 51 लाख रुपया अपने साथ एस बी आई रामगढ़ कैंट ले गई। इसकी लिखित जानकारी आयकर विभाग के रामगढ़ के इंचार्ज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने गोला थाना प्रभारी अभिषेक प्रताप को देते हुए पुलिस सुरक्षा के साथ नोटों को ले जाने की पुलिस की मदद ली। भारी सुरक्षा के बीच नोटों को ले जाया गया।
वाहन चेकिंग के दौरान कार से नोटों का बंडल किया था बरामद
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त की रात को रात्रि गस्ती में एसआई रंजन ओझा ने वाहन चेकिंग के दौरान एक कार से कई नोटों का बंडल बरामद किया था। पुलिस ने पैसो के सम्बन्ध में वाहन में बैठे दो लोगों से पूछताछ किया। बताया जाता है कि उक्त बरामद नोट बोकारो के एक अधिकारी के हैं, जो जमीन बिक्री के थे। अधिकारी के एक निजी चालक द्वारा रामगढ़ -बोकारो मार्ग से बोकारो ले जाया जा रहा था। मामले की कुछ स्पष्ट उदभेदन नहीं हुआ है। जांचों प्रांत मामले की जानकारी स्पष्ट होगी।
मंगलवार को गोला थाना पहुंची
झारखंड के रामगढ़ जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 51 लाख रुपए कैश बरामद किया है। यह कार्रवाई गोला थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात वाहन जांच के दौरान की गई। पुलिस ने संदिग्ध कार (जेएच09बीएफ-8122) को रोका, जिसमें दो लोग सवार थे। कार की तलाशी लेने पर एक कार्टून में भारी मात्रा में नोट मिले। सूचना मिलते ही आयकर विभाग की टीम मंगलवार को गोला थाना पहुंची और मौके पर नोट गिनने वाली मशीन से गिनती की। आयकर विभाग के अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि बरामद रकम 51 लाख रुपए है।
जब्त नोट डीसीएलआर कर्मचारी की है बताई जा रही
बरामद रकम बोकारो डीसी ऑफिस में कार्यरत डीसीएलआर कर्मचारी राजेश पांडेय की बताई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि यह पैसे जमीन बिक्री से मिले हैं और इसके समर्थन में एक एग्रीमेंट भी प्रस्तुत किया। लेकिन आयकर विभाग ने उस एग्रीमेंट को संदिग्ध बताते हुए मान्य नहीं किया। अधिकारियों ने साफ कहा कि कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति केवल दो लाख रुपए तक कैश अपने साथ ले जा सकता है। इससे अधिक रकम कैश में ले जाना अवैध है।
रकम के स्रोत पर जांच
आयकर विभाग फिलहाल इस बात की गहराई से जांच कर रहा है कि इतनी बड़ी राशि कहां से आई और इसका इस्तेमाल कहां होना था। यदि रकम का स्रोत सही पाया जाता है, तो इस पर टैक्स जमा करना होगा। लेकिन यदि स्रोत संदिग्ध साबित होता है, तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गोला थाना प्रभारी अभिषेक प्रताप ने बताया कि पुलिस को वाहन जांच के दौरान कार से कैश बरामद हुआ। कार में बैठे लोगों ने खुद ही स्वीकार किया कि कार्टून में 51 लाख रुपए हैं और यह रकम जमीन बिक्री की है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद आयकर विभाग को इसकी जानकारी दी गई और आगे की कार्रवाई उनके हवाले कर दी गई।
कौन है लिपिक राजेश पांडेय
बोकारो समाहरणालय में डीएमएफटी के लिपिक पद पर कार्यरत है राजेश पांडेय। इस कर्मचारी की कार से बरामद 51 लाख की मोटी रकम ने बोकारो में हलचल मचा दी है। चर्चा का बाजार गरम है कि दूसरे जिले के कर्मचारी और अधिकारी के पास इतनी बड़ी राशि बरामद होती रही है। आज तो बोकारो के लिपिक की कार से इतनी राशि बरामद हो गई । बताया जाता है कि राजेश पांडे का जिले के ऐसे लिपिक में नाम आता है, जिन्हें जिला योजना विभाग के डीएमएफटी से कोई हिला नहीं सकता। यही वजह है कि नियुक्त काल से लेकर अबतक जिला योजना विभाग में जमे हुए हैं। कई बार समाहरणालय के कर्मियों का स्थानांतरण दूसरे अनुमंडल व प्रखंड में किए जा चुके है। लेकिन इस लिपिक की खासियत रही है कि जहां भी तबादला हुआ, वहां इन्होंने योगदान नहीं किया। अगर योगदान भी किया तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए। फिर जुगाड लगाकर पुन: इसी विभाग में चले आते हैं। जुलाई 2024 में इनकी पोस्टिंग चास भूमि सुधार उपसमाहर्ता के यहां हुई थी। चंद दिनों बाद जिला योजना विभाग के डीएमएफटी में आ गये। मालूम हो कि राजेश पांडेय की नियुक्त वर्ष 2011 में अनुकंपा के आधार पर बोकारो समाहरणालय में हुई थी जो आज तक इसी विभाग में अधिक अपनी सेवा दे रहे हैं। अपने आप में सवाल है कि आखिरकार किस अधिकारी के वरदहस्त पर वे एक ही विभाग में इतने साल से जमे हुए हैं।
कार्रवाई की जाएगी
इस संबंध में बोकारो उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा कि इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कुछ मामला सामने आता है तो सीधी कार्रवाई की जाएगी।