Varanasi: बीएचयू गैंगरेप की पीड़िता को न्याय दिलाने व अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही की माँग को लेकर बीएचयू स्टूडेंट्स व नागरिक समाज द्वारा बीएचयू के लंका गेट पर किया गया प्रदर्शन।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता Varanasi: वाराणासी : विगत 1 नवंबर 2023 की रात आईआईटी बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया। दो महीने बाद 31 दिसंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी भाजपा के पदाधिकारी हैं। मौजूदा सूचना के अनुसार ये दोनों बीएचयू की घटना को अंजाम देकर मध्य प्रदेश के चुनाव प्रसार में शामिल होने के लिए निकल गए थे, इतनी बड़ी घटना के बाद भी इन लोगों को पुलिस समय से पकड़ने पर नाकाम रही, जिसका कारण साफ है, क्योंकि इनकी पहुंच भाजपा के शीर्ष नेताओं तक है।
पहले भी लड़कियों के साथ करते आए हैं छेड़कानी अभी तक हुई जांच से यह खुलासा भी हुआ है कि तीनों आरोपी पहले भी कैंपस में लड़कियों के साथ छेड़खानी करते आए हैं। लगभग रोज वे लोग 11 से 2 बजे तक इस तरह के मौकों के इंतजार में कैंपस में घुमा करते थे। हम सब जानते हैं कि यह कोई पहली घटना नहीं जब अपराधी या बलात्कारी का संबंध भाजपा से रहा है। कठुआ, उन्नाव, सोनभद्र से लेकर हाथरस तक हुए बलात्कर की घटनाओं में बीजेपी नेता या तो संलिप्त मिले या फिर अपराधियों के साथ खड़े पाए गए। मणिपुर में सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कर होता रहा, लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी नहीं टूटी। महिला पहलवान पिछले एक साल से न्याय की माँग कर रही हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। बिल्किस बानो के बलात्कारियों को पहले जेल से रिहा कराना और फिर उनका फूल माला से स्वागत, भाजपा के असली चाल, चरित्र व चेहरे को उजागर करता है।
न्याय दिलाने की माँग करने वाले छात्र-छात्राओं पर झूठे मुकदमें गए लादे सरकार द्वारा की जाने वाली नकारात्मक कार्यवाहियों के कारण ऐसे अपराध करने की प्रवृत्ति विकसित होती जा रही हैं। सरकार द्वारा लगातार ऐसे अपराधियों का मनोबल बढ़ाया जा रहा है। बीएचयू गैंगरेप मामले में ही अपराधियों पर कार्यवाही की बजाय पीड़िता को न्याय दिलाने की माँग करने वाले छात्र छात्राओं पर झूठे मुकदमें लादे गए। एबीवीपी को अपराधियों के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं पर हमले की खुली छुट दे दी गयी। एक तरफ सरकार ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है दूसरी तरफ पढाई करने आई बेटियां अपने ही कैंपस में सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पहले स्थान पर यूपी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार यूपी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पहले स्थान पर है। एनसीआरबी 2023 के आंकड़ों के अनुसार बनारस में हर छठवें दिन बलात्कार की घटना हो रही है। इन आंकड़ों के अनुसार ही बनारस में 18 वर्ष से कम उम्र के 46 बच्चे-बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हुई वहीं महिलाओं के साथ रेप के 61 मामले आए हैं। बीएचयू परिसर में इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा पुलिस की तैनाती और छात्राओं पर कर्फ्यू टाइमिंग थोपकर उन्हें हॉस्टल में कैद करने की कवायद शुरू हो गयी है। जबकि एनसीआरबी के आंकड़ें इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जो इलाके पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं वहाँ छेड़खानी, बलात्कार जैसे अपराध बढ़ ही रहे हैं।
बीएचयू के लंका गेट पर प्रदर्शन का आयोजन बीएचयू गैंगरेप की पीड़िता को न्याय दिलाने और अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही की माँग को लेकर गुरूवार को बीएचयू स्टूडेंट्स एवं नागरिक समाज द्वारा बीएचयू के लंका गेट पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें बनारस के नागरिक समाज के लोग और छात्र छात्राएं शामिल हुए। भगत सिंह छात्र मोर्चा की इप्शिता ने कहा कि ये आरोपी मध्य प्रदेश के चुनाव में किस तरह पहुंचे इसका जवाब सरकार दे। आल इण्डिया स्टूडेंट एसोसिएशन से सोनाली ने कहा आखिर ये डबल इंजन की सरकार जो इतने बड़े दावे करती हैं, तो उनके शासन में ये अपराधी दो महीने तक खुले कैसे घूम रहे थे। एपवा से सुनीता जी ने बताया कि ये सरकार बलात्कारियों को संरक्षण का काम करती है, कैंपस के भीतर भी और कैंपस के बाहर भी। किसान महासभा से कृपा वर्मा ने कहा कि वो बीएचयू की छात्राओं को सलाम करती हैं कि इतने दमन के बाद भी उन्होंने ये आंदोलन जारी रखा। स्टूडेंट फ्रंट से शशिकांत ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए और कैंपस में जीएस कैश को बहाल करने की मांग की। भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा से आकांक्षा ने सिलसिलेवार तरीके से पूरी घटना किस तरह हुई बताया और इस सवाल को उठाया की जहां लड़किया पढ़ने आई हैं, वहां इस तरह की घटना होने के बाद लड़कियों में किस प्रकार डर का माहोल है, देखा जा सकता है। अंत में जनगायक युद्धेश ने जनगीत प्रस्तुत की।
प्रदर्शनकारियों की ये है मांगे 1-अब तक आरोपियों को कौन बचा रहा था, उसकी निष्पक्ष जांच हो तथा उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई हो। 2- एबीवीपी का कैंपस में प्रवेश प्रतिबंधित है। 3-बीएचयू के छात्र-छात्राओं पर एबीवीपी द्वारा किए गए झूठे मुकदमें वापस लिए जाए। 4-विश्वविद्यालय में तत्कालीन प्रभाव से जीएस कैश की बॉडी लागू की जाए। 5-कैंपस में लड़कियों के लिए लागू कर्फ्यू टाइमिंग को हटाया जाए।