Protest in BHU: बीएचयू में गैंगरेप पीड़िता के साथ खड़े स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की नोटिस, बीएचयू में अभिव्यक्ति के कत्लेआम का सिलसिला

Protest in BHU: 20 अप्रैल, 2024 को गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल छात्र छात्राओं को बीएचयू प्रशासन का ईमेल आया है। इसमें लिखा गया है कि प्रशासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया है।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Varansi : आईसा (AISA), बीएसएम (BSM), एनएसयूआई (NSUI) और दिशा (DISHA) वाराणसी ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि बीते वर्ष नवंबर में बीएचयू (BHU) कैंपस के भीतर हुई गैंगरेप की बर्बर घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। पूरी मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी  भाजपा के पदाधिकारी थे। गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद सरकार, बीएचयू और आईटी (IT) प्रशासन तथा भाजपा (BJP) द्वारा इनको बचाने का भरपूर प्रयास किया गया। एक तरफ पीड़िता न्याय की गुहार लगाती रही दूसरी तरफ आरोपी भाजपा के लिए चुनाव करते रहे

 प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ दर्ज कराए जाते हैं फर्जी मुकदमें
गैंगरेप की घटना के खिलाफ और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं पर 5 नवंबर, 2023 को अभाविप द्वारा हमला किया जाता है। हमले के बाद उल्टे प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ ही फर्जी मुकदमें दर्ज कराए जाते हैं। इस फर्जी मुकदमें के खिलाफ मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है। उच्च न्यायालय के समक्ष इस मुकदमें के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किये जा चुके हैं। अभाविप (ABVP) द्वारा यह सुनियोजित हमला था जिसका मुख्य उद्देश्य गैंगरेप के असल मामले से ध्यान भटकाना था। आंदोलन ने इस पूरी घटना में पीड़िता को न्याय दिलाने के असल सवाल को जिंदा रखा जिसने भाजपा से जुड़े तीनों आरोपिओ की गिरफ्तारी को सुनिश्चित किया।

प्रशासन पीड़िता के साथ खड़े स्टूडेंट्स को कर रहा टारगेट
घटना के 6 महीने बाद जब देश में आम चुनाव हो रहे हैं, बीएचयू (BHU) प्रशासन पीड़िता के साथ खड़े स्टूडेंट्स को टारगेट कर रहा है। 20 अप्रैल, 2024 को गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल छात्र छात्राओं को बीएचयू प्रशासन का ईमेल आया है। इसमें लिखा गया है कि प्रशासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। सभी को 24 अप्रैल को कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित है तथा भाजपा और सरकार के इशारे पर की जा रही है। सवाल काफी गंभीर है। बलात्करियों के बजाय प्रदर्शनकारियों पर एक्शन क्यों? गैंगरेप के खिलाफ बोलने पर पहले फर्जी मुकदमें और उसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकियाँ। मैसेज बिल्कुल साफ है। प्रशासन बलात्कारियों के साथ खड़ा है। यह कार्रवाई उन संगठनों के खिलाफ है जो भाजपा और आरएसएस की राजनीति से सहमति नहीं रखते। यह कैंपस में उन आवाजों को खामोश कर देने की साजिश है जो सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और गरीबों मजलूमों के हक के लिए उठती हैं। यह एक पूरे छात्र समुदाय को चेतावनी है कि वो अपने कैंपस में सामूहिक दुष्कर्म देखने के बावजूद खामोश बैठे रहें।

दमन की कोशिशों के खिलाफ उठाएं आवाज उठाएं

बीएचयू (BHU) में अभिव्यक्ति के कत्लेआम का सिलसिला चल पड़ा है। जो प्रशासन के सुर में सुर नहीं मिलाएगा उसे यूनिवर्सिटी से बेदखल कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के चौक चौराहे पर दरिंदों का आतंक और खौफजदा महिलाएं, विश्वविद्यालयी व्यवस्था को बेआबरू करते हैं। ऐसे समय में न्याय के लिए उठने वाली आवाजें उस विचार को बचाती हैं जिसपर विश्वविद्यालय टिका हुआ है। हम देश के सभी न्यायपसंद और लोकतंत्रिक नागरिकों से अपील करते हैं सरकार और बीएचयू (BHU) प्रशासन द्वारा लगातार हो रही दमन की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठाएं। (खबर के छाप छपी तस्वीर पूर्व की है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *