Patna: पटना नगर निगम मुख्यालय पर फुटपाथ दुकानदारों की बेदखली के खिलाफ 30 अक्टूबर को विशाल प्रदर्शन
Patna: फुटपाथ दुकानदार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर से स्मार्ट सिटी, मेट्रो परियोजना व सौंदर्यीकरण के नाम पर पटना से फुटपाथ दुकानदारों की बेदखली के खिलाफ आगामी 30 अक्टूबर को पटना नगर निगम मुख्यालय पर किया जाएगा विशाल प्रदर्शन।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Patna: फुटपाथ दुकानदार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर से स्मार्ट सिटी, मेट्रो परियोजना और सौंदर्यीकरण के नाम पर पटना से फुटपाथ दुकानदारों की बेदखली के खिलाफ आगामी 30 अक्टूबर को पटना नगर निगम मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने शुक्रवार को पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस मौके पर फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, मोर्चा के मुर्तजा अली, फुटपाथ दुकानदारों के नेता मो. शहाबुद्दीन, विभूति, रामकृष्ण कुशवाहा, मो. अकबर, राजू, मो. महताब आलम सहित अन्य उपस्थित थे।
महबूब आलम ने कहा कि पटना का शायद ही कोई फुटपाथ बाज़ार ऐसा है, जिसे निशाना नहीं बनाया गया है. एक तरफ सर्वेक्षण, वेंडर पहचान पत्र, लोन बांटने का नाटक होता है तो दूसरी तरफ रोज़ कहीं न कहीं बिना जब्ती सूची बनाए दुकानदारों के हजारों व लाखों की जमा पूंजी को तहस-नहस कर दिया जाता है। न तो वेंडरिंग पॉलिसी को लागू किया जा रहा है न ही कोई व्यवस्थित व सम्मानजनक वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि फुटपाथ दुकानदारों के मसले पर भाजपा के स्थानीय सांसदों व विधायकों ने भी चुप्पी साध रखी है. स्मार्ट सिटी योजना में केंद्र व राज्य सरकार की भागीदारी 50-50 प्रतिशत की है, इसलिए भाजपा अपने किसी भी अपराध से बच नहीं सकती है।
स्थायी वेंडरिंग जोन बनाने का कानून है बना देश में
विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों की सुरक्षा व उनके लिए स्थायी वेंडरिंग जोन बनाने का कानून इस देश में बना हुआ है। 2014 में केंद्र की सरकार और 2017 में राज्य सरकार ने ऐसा ही कानून बनाया था, लेकिन फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडरिंग जोन बनाने की बात छोड़ ही दी जाए, उलटे प्रशासन का डंडा हमेशा चलता रहता है. यह कहां से न्यायोचित है? स्मार्ट सिटी और सौंदर्यीकरण के नाम पर गरीबों की रोजी-रोटी पर हमला मंजूर नहीं है। पुलिस आती है और बिना किसी पूर्व सूचना के फुटपाथ दुकानदारों का सामान तहस-नहस कर देती है। स्टेशन रोड की बात हो या फिर वीरचंद पटेल पथ की, हर जगह स्थिति एक सी है।
प्रशासन फुटपाथ बाज़ार को ही खत्म कर देने पर आमादा
मोर्चा के नेताओं ने कहा कि अनेक मौकों पर इसका विरोध किया गया है, अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए गए हैं और प्रदर्शन भी हुए हैं। समय-समय पर कुछ राहत भी मिली है, पर कुल मिलाकर सब धोखा ही साबित हुआ है। आज हालत यह है कि प्रशासन फुटपाथ बाज़ार को ही खत्म कर देने पर आमादा है।