GGPS Bokaro: गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल में सीबीएसई ‘हैप्पी टीचर क्रिएट हैप्पी क्लासरूम’ विषय पर शिक्षक कार्यशाला का किया गया आयोजन
GGPS Bokaro में शनिवार को भाई नंदलालजी सभागार में ‘हैप्पी टीचर क्रिएट हैप्पी क्लासरूम’ पर इन-हाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कक्षा में एक खुशहाल माहौल कैसे बनाया जा सकता है, इस पर चर्चा हुई।
न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: प्रसन्नता कोई पहले से निर्मित वस्तु नहीं है, वो आपके कर्मों से आती है। वास्तव में हमारे पास दो दिमाग हैं एक जो सोचता है और दूसरा जो महसूस करता है। उक्त बातें
जीजीपीएस( GGPS Bokaro) के प्राचार्य सौमेन चक्रवर्ती ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही। भाई नंदलालजी सभागार में ‘हैप्पी टीचर क्रिएट हैप्पी क्लासरूम’ पर एक इन-हाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। संसाधन व्यक्ति स्निग्धा सिन्हा, सुषमा सिंह और क्रांति श्रीवास्तव थीं, जिन्होंने कक्षा में एक खुशहाल माहौल कैसे बनाया जा सकता है, इस पर अपने अवलोकन, अनुभव और तथ्य साझा किए।
शिक्षकों की भावनात्मक सोच को मिला उड़ान
छात्रों और शिक्षकों की भावनात्मक भलाई को बढ़ावा देने, छात्रों के दिमाग को काम पर केंद्रित रखने, उन्हें परिवार और समाज के साथ सामंजस्यपूर्ण ढंग से रहने और जीवन के समग्र दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य विकसित करने के तरीकों को बढ़ावा दिया गया। सत्र में भावनात्मक जागरूकता और स्वस्थ दिमाग के महत्व पर संक्षेप में चर्चा की गई। कहा गया कि शिक्षकों को अपनी निर्मित कक्षाओं में खुशहाल माहौल बनाने के लिए सभी चिंताओं और तनाव को कक्षा से बाहर छोड़ देना चाहिए।
विभिन्न संवादात्मक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों को यह पहचानने में सक्षम बनाया गया कि जीवन चुनौतीपूर्ण होने पर भी भावनात्मक संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है।
प्रतिभागियों को समूहों में किया गया विभाजित
शिक्षकों को खुशी के महत्व और रास्ते का एहसास कराने में मदद करना है। प्रतिभागियों को समूहों में विभाजित किया गया और उन्हें अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी समझ प्रदर्शित करने के लिए कहा गया। शिक्षकों के लिए उत्साहपूर्वक एक खुशहाल कक्षा बनाने और कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों के लिए सीखने को एक मजेदार अनुभव बनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर जीजीईएस के अध्यक्ष तरसेम सिंह, सचिव एसपी सिंह सहित अन्य मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन आनंद प्रकाश ने किया।