World Tribal Day : विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी संगठनों ने कहा—-प्राकृतिक व जल जंगल, जमीन से इन समूहों का गहरा रिश्ता 

World Tribal Day : विश्व आदिवासी दिवस अलग अलग स्थानों पर किए गए कार्यक्रम आयोजित। वक्ताओं ने कहा—–जल जंगल, जमीन से इन समूहों का है गहरा रिश्ता।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro : विश्व आदिवासी दिवस अलग अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। आदिवासी सांस्कृतिक विकास परिषद की ओर से बिरसा सेवा आश्रम सभागार में कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसकी अध्यक्षता झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के महामंत्री डीसी गोहाई ने की। संचालन आदिवासी सांस्कृतिक विकास परिषद के सचिव कालीचरण टुडू ने किया। मुख्य अतिथि बोकारो स्टील प्लांट के महाप्रबंधक जोन तपन कोगाड़ी ने कहा कि आदिवासी समाज इतिहास प्राकृतिक व जल जंगल जमीन से इन समूह का गहरा रिश्ता है।

दुनिया के हर आदिवासी समूह कर रहे हैं जद्दोजहद

श्री गोहाई वे कहा कि आज पूरे विश्व के आदिवासी इसकी प्रासंगिकता अस्मिता, सामाजिक पहचान बनाए रखने के लिए दुनिया के हर आदिवासी समूह जद्दोजहद कर रहे हैं। पूरी दुनिया में 50 करोड़ व भारत में 14.15 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं। तमाम लोग पिछले ढाई सौ वर्षो से अलग-अलग तरह से संघर्ष करते आ रहे हैं। अंचल अधिकारी सह सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी बीएन टुड्डू ने विश्व आदिवासी दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मौके पर विनोद बिहारी महतो, रघुनाथ टुड्डू , गोपेश्वर सोरेन, बानेश्वर सोरेन, कमला देवी उषा देवी, रविंद्र हॉसदा, सुमित मूर्मू, दुर्गा प्रसाद सोरेन, सुंदर सोरेन उपस्थित थे।

सरना स्थल में मनाया विश्व आदिवासी दिवस 

सेक्टर 12 स्थित सरना स्थल में सरना विकास समिति की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि बोकारो इस्पात संयंत्र महाप्रबंधक नगर सेवाएं राज कुमार पात्रों ने पौधरोपण किया। महिला-पुरुष आदिवासी समाज की वेशभूषा में मांदर-नगाड़ा की धुन पर थिरकते रहे। पुजारी सुभाष पाहन आदिवासी समाज ने रीति-रिवाज अनुसार पूजा अर्चना की। वक्ताओं ने अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजू सामंता व संचालन उपाध्यक्ष बलदेव उरांव ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में गुलाब चंद्र उरांव उपस्थित थे। इस दौरान कुलदीप तिर्की, ओमप्रकाश भगत, नकुल उरांव, विनय उरांव, विश्वनाथ उरांव, शंकर उरांव, अर्जुन उरांव, सिकंदर टोप्पो, सुनील उरांव, विष्णु, सूर्याकांत कच्छप, पतरस उरांव, नरायण उरांव, जगरनाथ उरांव, चमन उरांव, रंजीत केरकेट्टा, सौहदरी भगत, पलहो उरांव, वीना उरांव, तनु तिर्की, पूनम उरांव, पुष्पा उरांव सहित कई महिलाएं शामिल थे।

 

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