Bokaro: बोकारो सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के 17 घंटे बाद प्रसूता की मौत, नवजात है सही हालात 

Bokaro सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के करीब 17 घंटे बाद शुक्रवार सुबह करीब 8.30 बजे प्रसूता की मौत हो गयी। नवजात है सही सलामत। मृतका के परिजनों ने चिकित्सक व नर्स पर लगाया लापरवाही का आरोप। बोकारो जेनरल अस्पताल के शवगृह में रखा गया है शव। 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता 

Bokaro: बोकारो सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के करीब 17 घंटे बाद प्रसूता राबड़ी देवी ( 25 साल) की मौत शुक्रवार सुबह करीब साढ़े आठ हो गयी। जबकि नवजात सही सलामत है। उसे एसएनसीयू में रखा गया है। महिला की मौत पर परिजनों ने डॉक्टर व नर्स पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जोरदार हंगमा किया। पूरे अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा। स्थिति को देखते हुए अस्पताल कर्मी ने इसकी सूचना बोकारो स्टील सिटी थाना और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को दी। बताया गया की शुक्रवार सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद महिला को वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां मौत हो गई। 

सीएस से परिजनों ने की शिकायत 

आक्रोशित परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार से शिकायत की। सीएस तुरंत सदर अस्पताल पहुंचे। सबसे पहले एसएनसीयू में जाकर नवजात की स्थिति की जानकारी ली। उसके बाद वे आइसीयू में पहुंचे। जहां परिजनों ने पूरे मामले से अवगत करवाया। परिजनों ने जांच की मांग की। सिविल सर्जन ने दोषी चिकित्सा और नर्स पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बाद मामला करीब 2:00 बजे शांत हुआ। शव को बोकारो जनरल अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया। 

क्या है मामला

दुंदीबाग बाजार स्थित को-ऑपरेटिव खटाल निवासी गोलू कुमार ने बताया कि प्रिगनेंट होने के बाद अपनी पत्नी का नियमित चेकअप सदर अस्पताल में करवा रहे थे। गुरूवार यानि 14 सितंबर की सुबह करीब पांच बजे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने जांच के बाद भर्ती कर लिया। जांच के बाद नॉमर्ल डिलेवरी की बात कही गयी। सामान्य प्रसव में दिक्कत होने पर डॉ अनामिका ने सिजेरियन ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ थे। महिला को वार्ड में रख दिया गया था। शुक्रवार की सुबह अचानक उसे छाती व पेट में काफी दर्द होने लगी। रात में साथ रह रही उसकी मां ने नर्स से शिकायत की। किसी नर्स ने केयर नहीं किया। नर्स ने गुस्से में आकर महिला को कह दिया कि दो इंजेक्शन दे देंगे, बस ठीक हो जाएगी। वह दर्द से कराहती रही। आठ बजे असहनीय दर्द के बाद हालात बिगड़ने पर उसे आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया। मृतक के पति गोलू ने बताया कि जब उसकी मौत हो गई, तब आइसीयू में उसे ऑक्सीजन लगाया जा रहा था। मरने तक किसी चिकित्सक ने उसे देखने तक नहीं आया। उन्होंने कहा कि दोषी चिकित्सक व नर्स पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

नहीं हुई कोई कार्रवाई  

अस्पताल के उपाधीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि मृतका के माता-पिता के आने के बाद ही आगे प्रक्रिया की जाएगी। माता-पिता बक्सर से बोकारो के लिए निकाल चुके हैं। शव को बीजीएच के मर्चरी में रखवा दिया गया है। विधि व्यवस्था के मद्देनजर चास बीडीओ अस्पताल में मौजूद थे। उपाधीक्षक ने कहा कि गुरूवार दोपहर में सिजेरियन ऑपरेशन के बाद महिला बिल्कूल ठीक थी। बच्चा ठीक है, उसे एसएनसीयू में रखा गया है। रात में मरीज को डॉ इला ने देखा था, जो बिल्कुल ठीक थी। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे अचानक तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डीएस ने कहा कि परिजन ने अभी तक लिखित आवेदन नहीं दिया है। आरोप से संबंधित आवेदन देने पर टीम बनाकर मामले की जांच करवाई जाएगी।   

 दोषी पर करवाई की मांग

मामले की खबर सुनकर भाजपा के इंदुशेख मिश्रा सदर अस्पताल पहुंच गए। परिजनों से मिलकर पूरी जानकारी ली। उन्होंने उपायुक्त कुलदीप चौधरी, सिविल सर्जन, उपाधीक्षक को आवेदन देकर इलाज में लापरवाही बरतने वाली नर्स और डॉक्टर के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक परिजन शाम में सिटी थाना गए हुए थे।

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