Ranchi : लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा–भाजपा मणिपुर में कुकी-मैतई की लड़ाई की तरह झारखंड में आदिवासी-कुड़मी/कुरमी के बीच लड़ाई करवाना चाहती है
Ranchi : कुड़मी व कुरमी महतो जाति के लोगों ने आदिवासी बनने का आंदोलन और मांग के खिलाफ आदिवासी बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक- सामाजिक संगठनों की बैठक रविवार को धुमकुड़िया भवन करमटोली रांची में की। अधिकार हड़पने के लिए किया जा रहा है आंदोलन।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Ranchi : कुड़मी व कुरमी महतो जाति के लोगों ने आदिवासी बनने का आंदोलन और मांग के खिलाफ आदिवासी बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, धार्मिक- सामाजिक संगठनों की एक अहम बैठक रविवार को धुमकुड़िया भवन करमटोली रांची में की। जिसकी अध्यक्षता सुनील टोप्पो ने की।
मालूम हो कि कुड़मी/कुरमी महतो जाति के लोगों द्वारा मूल आदिवासियों के राजनीतिक हिस्सेदारी, प्रतिनिधित्व, जमीन, नौकरी, पहचान, इतिहास को छिनने, कब्जा करने, हड़पने के लिए आदिवासी बनने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। इसलिए इस परिस्थिति में आदिवासी समाज को क्या करना चाहिए। इसी को लेकर इस बैठक में सभी पहलुओं पर विचार करते हुए चर्चा की गई।
मणिपुर की तरह झारखंड में लड़ाई करना चाहती भाजपा
इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए आदिवासी समन्वय समिति के लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि कुड़मी/कुरमी महतो जाति समुदाय के आदिवासी बनने का आंदोलन को संरक्षण, पक्षपोषण कर रही है। भाजपा का उद्देश्य मणिपुर में कुकी-मैतई की लड़ाई की तरह झारखंड में आदिवासी-कुड़मी/कुरमी महतो के बीच लड़ाई करवाना चाहती है। ताकि राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है। वहीं, आजसू पार्टी खुलकर इस आंदोलन के साथ है। मुंडा ने कहा जो भी राजनीतिक दल इस आंदोलन को साथ दे रहे हैं, आदिवासी समुदाय को वैसे राजनीतिक दलों को सबक़ सीखाने को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि कहा कि 25 सितंबर को कुड़मी/कुरमी महतो समाज के लोगों के साथ मुख्य सचिव झारखंड और टीआरआई के निदेशक के साथ जो बैठक हो रही है। आदिवासी समाज और आदिवासी संगठन नजर रखेंगे।
आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकार पर कब्जा
पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि कुड़मी/कुरमी महतो जाति समुदाय की मांग आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकार पर कब्जा करने और मिटाने को लेकर है। अपने को आदिवासी साबित करने के लिए कुत्सित तरीके से आदिवासियों के गौरवशाली संघर्षों के इतिहास में अपने छद्म शहीदों को घुसाने में लगी है। आज आदिवासी समाज के उन नेताओं कार्यकर्ताओं को भी सोचना होगा कि जिस पार्टी में है वो पार्टी आदिवासियों के हक़ अधिकारों को लूटवाने में खड़ा है या नहीं।
आदिवासियों के खिलाफ संगठित हमला
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि ये भाजपा-आजसू पार्टी की ओर कुड़मी/कुरमी महतो जाति समुदाय को आगे करके आदिवासियों के खिलाफ संगठित हमला करवा रही है। अनिल कुमार टुडू ने कहा कि आदिवासी समुदाय पूरे झारखंड में इसके खिलाफ जन अभियान चलाकर लोगों का जागरुक किया गया। केंद्रीय धूमकुड़िया के अध्यक्ष सुनील टोप्पो ने कहा कि इनलोगों आदिवासी बनने की मांग पूरी तरह आदिवासियों के राजनीतिक हिस्सेदारी प्रतिनिधित्व, जमीन, नौकरी कब्जा करने के लिए आदिवासियों को हाशिए पर धकेल कर कब्जा करने की मंशा से किया जा रहा है।
इन लोगों ने किया संबोधित
बैठक को कुंदरुसी मुंडा, अजित उरांव, आंनद मुंडा, अनिल मुर्मू, मुचिराय मुंडा, देवसहाय टुटी, रतिलाल मुंडा, शिवरतन मुंडा, मनोज नागवंशी, महेश किस्कू, सोहराई उरांव, रोपना मुंडा, शकुंतला उरांव, संगीता सहित अन्य ने संबोधित किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल टीआरआई निदेशक से मिलेगा। आगामी 1 अक्टूबर 2023 को धूमकुड़िया भवन रांची में आदिवासी समाज की बैठक फिर से की जाएगी।