Bokaro: सेक्टर 2सी मनसा मंदिर परिसर में सर्पों की देवी मां मनसा की पूजनोत्सव, श्रद्धालुओं ने किया मां का दर्शन

Bokaro के सेक्टर 2सी मनसा मंदिर परिसर में छोटानागपुर सांस्कृतिक महोत्सव समिति की ओर से Bokaro वर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से सर्पों की देवी मां मनसा की पूजनोत्सव 30 अगस्त से शुरू हो गया है। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने मां का दर्शन, पूजा अर्चना कर सुख व समृद्धि की कामना की।

रिपोर्ट: महावीर कुमार

न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता 

Bokaro: छोटानागपुर सांस्कृतिक महोत्सव समिति की ओर से Bokaro के सेक्टर 2सी मनसा मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से सर्पों की देवी मां मनसा की पूजनोत्सव 30 अगस्त से शुरू हो गया है। शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने मां का दर्शन व पूजा अर्चना कर सुख, शांति व समृद्धि की कामना की तथा संध्या बेला में पारण का महाप्रसाद ग्रहण किया। 

 मां का दर्शन लिए उमड़ी भीड़

मंदिर परिसर में मां का दर्शन, पूजा अर्चना व महाप्रसाद ग्रहण करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस अवसर पर लगा मेला का भी श्रद्धालुओं ने लुत्फ उठाया। मौके पर समिति के पदाधिकारी व सदस्य आगंतुक श्रद्धालुओं के स्वागत में लगे रहे। मौके पर शंकर लाल गोप, सुचांद प्रजापति, शंकर लाल गो, धीरेन रजवार, जर्नादन महतो, रामेश्वर सिंह, नगेन्द्र रजवार, राजू महतो, गौतम सिंह चौधरी, धनश्याम ठाकुर, संतोष कुमार महतो, के के मंडल, धनश्याम गोप, मोहन महतो, मुनीलाल सिंह, प्रकृतालाल महतो, चंडी प्रजापति, अमुल्य महतो, पंकज रजवार सहित अन्य शामिल थे।

क्या है कथा: 

कथा के अनुसार माँ मनसा देवी को भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री के रूप में जाना जाता हैं । इनके पति का नाम महर्षि जरत्कारु तथा पुत्र का नाम आस्तिक जी हैं। इनके भाई गणेश जी तथा कार्तिकेय जी और साथ ही देवी बहन अशोकसुन्दरी , देवी ज्योति और भगवान अय्यपा भी हैं, इनका प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार में स्थापित है, जो की एक शक्तिपीठ है।

मां मनसा देवी की पूजा कैसे की जाती है ?

 माँ मनसा देवी की पूजा गंगा दशहरा के दिन होती है, जबकि कहीं-कहीं कृष्णपक्ष पंचमी के दिन भी देवी की पूजा की जाती हैं। ऐसा माना जाता है। कि पंचमी के दिन घर के आंगन में नागपंचमी की शाखा पर माँ मनसा देवी की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता। माँ मनसा देवी की पूजा के बाद ही नाग देव की पूजा होती है।

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