Loktantra Bachao Abhiyan: लोकतंत्र बचाओ अभियान ने मोदी के नफरती भाषण के खिलाफ झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की शिकायत

Loktantra Bachao Abhiyan: लोकतंत्र बचाओ अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल ने 6 मई को झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार से मिलकर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध एक शिकायत दर्ज की है, पदाधिकारी ने नहीं दिखाई रूचि

विशद कुमार
न्यूज इंप्रेशन

Ramgarh:  लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एलिना होरो, ज्यां द्रेज, सिराज दत्ता और टॉम कावला 6 मई को झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार से मिले और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध एक शिकायत दर्ज की है। जिसमें कहा गया कि प्रधान मंत्री अपने हाल के झारखंड में चुनावी दौरे के दौरान अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व क़ानून का व्यापक उल्लंघन किया है। शिकायत में प्रधान मंत्री के द्वारा बोले गये सभी भड़काऊ व साम्प्रदायिक बातों का विस्तृत ब्यौरा था और यह भी कि आचार संहिता व लोक प्रतिनिधित्व क़ानून की कौन-कौन सी धाराओं का उल्लंघन हुआ है, लेकिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने शिकायत पर कोई भी कार्रवाई करने की न तो मंशा नहीं दिखाई और न ही कोई रूचि दिखाई।

“वोट जिहाद” जैसी आपत्तीजनक भाषा का भी प्रयोग
शिकायत में बताया गया कि चाईबासा, पलामू, लोहरदगा और गुमला में 3-4 मई को चुनावी रैलियों को सम्बोधित करने के दौरान प्रधान मंत्री और भाजपा के स्टार कैम्पेनर नरेंद्र मोदी ने झूठे दावों से जनता को भ्रमित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इरादा है आदिवासियों व अन्य समुदायों की परिसंपत्ति हड़पकर उसे मुसलमानों को सौंप देना। उन्होंने मुसलमानों के संदर्भ में “घुसपैठी” व “वोट जिहाद” जैसी आपत्तीजनक भाषा का भी प्रयोग किया। उन्होंने यह भी कहके जनता को भ्रमित किया कि कांग्रेस पार्टी आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों का आरक्षण उनसे छीनकर मुसलमानों को दे देगी। ये झूठे व भड़काऊ दावे मतदाताओं में मुसलमानों के विरुद्ध डर पैदा करने और उनको भाजपा से संरक्षण की अपेक्षा करने के मक़सद से बोले गए हैं। ये आचार संहिता के पहले खंड का उल्लंघन करते हैं, जो सभी दलों व प्रत्याशियों को कोई भी ऐसी गतिविधि से प्रतिबंधित करता है, जिससे “विभिन्न जातियों व समुदायों (धार्मिक या भाषा-आधारित) के बीच तनाव या नफ़रत पैदा हो या उनके बीच के मतभेद और बढ़ जाए”। शिकायत में कहा गया है कि प्रधान मंत्री के झारखंड में दिए गए कुछ अन्य बयान लोक प्रतिनिधित्व क़ानून की धारा 3(।) का भी उल्लंघन करते हैं, जो किसी भी प्रत्याशी को “भारत के नागरिकों के बीच धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफ़रत या दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ाने“ से बाधित करती है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा गया कि क्या कदम लिए जाएंगे
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने  “Ashwini Kumar Upadhyay verus UNION OF INDIA & ORS” ( Writ Petition (Civil) No.943/2021) case […] में नफ़रती भाषणों के विरुद्ध IPC की धाराओं 153A, 153B, 295A and 506 के अंतर्गत suo motu प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को समझाने की कोशिश की कि प्रधान मंत्री द्वारा कहे गए साम्प्रदायिक दावे बहुत ख़तरनाक है, चूंकि उनको देख अन्य नेता भी ऐसे दावे कर सकते हैं। हाल में भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी इस प्रकार के भाषण दिए हैं, जिससे जातीय और साम्प्रदायिक ज़हर तेज़ी से फैल रहा है। लोकतंत्र बचाओ अभियान के प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया है कि “दुर्भाग्यवश मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ना तो शिकायत में कोई दिलचस्पी दिखाई और न ही उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तृत चर्चा की। जब प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने उनसे पूछा कि वे शिकायत पर क्या कार्रवाई करेंगे, तो उन्होंने बस यह कहा कि “नियमों” का अध्ययन होगा, जांच करनी पड़ेगी और शिकायत को निर्वाचन आयोग को भेजना होगा। जब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा गया कि क्या कदम लिए जाएंगे जिससे ऐसे भड़काऊ और साम्प्रदायिक भाषण आने वाले दिनों में न दिए जाए, तो उन्होंने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *