Kolkata Lady Doctor Murder Case: आइएमए-झासा व आइडीए से जुडे 1000 से अधिक चिकित्सक रहे हड़ताल पर, ओपीडी सेवा रहा था 

Kolkata Lady Doctor Murder Case: आइएमए-झासा व आइडीए से जुडे 1000 से अधिक चिकित्सक रहे हड़ताल पर, ओपीडी सेवा रहा था, इमरजेंसी सेवा रहा बहाल।

गीता कुमारी

न्यूज इंप्रेशन

Bokaro: कोलकाता में ट्रेनी लेडी डॉक्टर से दरिंदगी मामले में न्याय और इंसाफ की गूंज देश के हर कोने में तेज होती जा रही है। शनिवार को देशव्यापी हड़ताल के तहत बोकारो जिले के लगभग 1000 से चिकित्सक (आइएमए चास, झासा-सरकारी अस्पताल व इंडियन डेंटल एसोसिएशन के चिकित्सक) सुबह छह बजे से 24 घंटे के हड़ताल पर चले गये। सरकारी और निजी अस्पताल सहित क्लीनिक की ओपीडी सेवा ठप रही। मरीज हलकान परेशान रहे। कोई ऑपरेशन नहीं हुआ। इमरजेंसी सेवा छोड़ कोई काम अस्पतालों में नहीं हुआ। सभी सरकारी व सभी निजी अस्पतालों व ओपीडी में सन्नाटा पसरा रहा। चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की हड‍ताल रविवार की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।

डीसी कार्यालय तक निकाला मार्च 

आइएमए चास का नेतृत्व अध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह, सचिव डॉ अनुप्रिया पंकज, कोषाध्यक्ष डॉ कुंदन राज, झासा का नेतृत्व संयुक्त सचिव डॉ निकेत चौधरी, आइडीए का नेतृत्व डॉ अभिषेक कुमार ने किया। आइएमए चास के सदस्य आइएमए भवन सेक्टर पांच में जुटे आक्रोश जताया। कैंप दो में संयुक्त रूप से सदर अस्पताल से डीसी कार्यालय तक मार्च निकाला। चिकित्सक को न्याय देने, दोषियों को फांसी की सजा देने व मामले की गहराई से जांच की मांग की गई। साथ ही मार्च के दौरान बंगाल की ममता सरकार को हटाने व राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग की गई। प्रदर्शन को जिला आयुष चिकित्सक संघ, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, सरकारी व निजीअस्पतालों में काम करनेवाले स्वास्थ्य कर्मियों ने समर्थन किया।

निजी अस्पताल में 150 को इमरजेंसी सेवा

कैंप दो सदर अस्पताल में शाम तक 50 मरीजों को इमरजेंसी ओपीडी सेवा मिली। जबकि 10 मरीजों को इलाज के लिए आइपीडी में दाखिल किया गया। अनुमंडल अस्पताल चास में 25 मरीजों को इमरजेंसी ओपीडी सेवा दी गयी। निजी अस्पतालों में ऑपरेशन नहीं किया गया। जिले भर के निजी अस्पतालों में लगभग 150 मरीजों को इमरजेंसी सेवा हासिल हुई। कहीं से कोई मरीज के साथ अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। हडताल में सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ देने पर नियमित टीकाकरण, सभी तरह के पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे, इसीजी नहीं हुआ। निजी जांच घर न्यूरो स्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर सेक्टर चार सिटी सेंटर में किसी भी तरह की जांच नहीं की गयी। सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे सहित सभी तरह के पैथोलॉजी जांच करानेवाले मरीज लौट गये।

विरोध जताने वालों में यह थे शामिल

विरोध प्रदर्शन करनेवाले चिकित्सकों में आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष डॉ मीता सिन्हा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ बीके पंकज, डॉ एनके चौधरी, एसीएमओ डॉ एचके मिश्र, डॉ अरविंद कुमार, डॉ पिंकी पाल, डॉ निकेत चौधरी, डॉ सफी नियाज, डॉ सुनील कुमार, डॉ अंबरिश सोनी, डॉ अनिल, डॉ पंकज भूषण, डॉ शहनवाज, डॉ निरंजन कुमार, डॉ अवनिश श्रीवास्तव, डॉ रवि शेखर सहित चास-बोकारो के आइएमए चास, झासा व आइडीए बोकारो से जुडे दर्जनों चिकित्सक शामिल थे।

इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गयी

सिविल सर्जन अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि जिले में सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गयी है। इमरजेंसी स्थिति वाले मरीजों को हर हाल में सेवा दी जायेगी। लगातार चिकित्सक मरीज की जांच कर रहे है। चिकित्सकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। चिकित्सक को अपने सुरक्षा के लिए प्रदर्शन का अधिकार है।सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि अस्पताल में इमरजेंसी सेवा प्रदान करने के लिए चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम तैनात रखी गयी है। सुबह छह बजे से लेकर शाम पांच बजे तक 50 से अधिक मरीजों को इमरजेंसी ओपीडी व 10 मरीजों को आइपीडी सेवा दी गयी है। घटना निंदनीय है। हर हाल में चिकित्सक परिवार को न्याय मिलनी चाहिए।

प्राइवेट हॉस्पिटल वेलफेयर ने निकाला कैंडल मार्च

प्राइवेट हॉस्पिटल वेलफेयर एसोसिएशन बोकारो जिला के बैनर तले घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया। न्याय की मांग करते हुए यह मार्च कोऑपरेटिव कॉलोनी से शुरू होकर नया मोड़ भगवान बिरसा चौक तक पहुंचा। जहां लोगों ने घटना से जुड़े आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। संगठन के अध्यक्ष कुमार प्रभात रंजन के नेतृत्व में यह मार्च निकला गया। कैंडल मार्च में अस्पताल प्रबंधक सहित कर्मी शामिल थे।

 

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