Bokaro : कसमार के मंजूरा में करम परब महोत्सव का आयोजन, रात-भर करम गीतों से गूंजा गांव

Bokaro जिले के कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव स्थित पुरनाटांड़ टोला में करम परब महोत्सव का आयोजन किया गया। रात-भर करम गीतों से गूंजा गांव।

 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro : बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव स्थित पुरनाटांड़ टोला में करम परब महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बंगाल के कवि शिल्पी गोविंद लाल हस्तुआर, सायमनी महतो, अंबा महतो, ममता महतो व रीता हस्तुआर की टीम ने एक से बढ़कर एक पारंपरिक करम झुमर व पांता नाच गीत की प्रस्तुति की गई। करम आखड़ा के कुड़मालि जागरण गीत गाकर शुभारंभ किया गया। स्थानीय युवतियों के टीमों ने भी नृत्य की प्रस्तुति की। इस अवसर पर मौजूद चारि गुरु संतोष केटियार ने करम परब के महत्व नेग-नियम को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि करम परब काम करने का संदेश देता है। वैसे काम जिससे मानव जीवन व वंश चले।

करम में भाईयों द्वारा बहनों के प्रति कर्तव्य को कराता है बोध

करम खेती-बारी यानि कृषि कार्य से संबंधित तो है ही करम में भाईयों के द्वारा बहनों के प्रति कर्तव्य व दायित्व को बोध कराता है। करम परब में जीव के वंश आगे बढ़ाने के लिए कुआंरी कन्याओं को मां बनने का संदेश जावा के माध्यम से होता है। एक मां जिस प्रकार बच्चे का ख्याल रखती है, उसी प्रकार करमैती अपने अपने जावा रुपी बच्चे का ख्याल रखती है। कुल मिलाकर करम सृजन का परब है।

कार्यक्रम में किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में मंजूरा, झरमुंगा, तिलैया, टांगटोना, मुंगो बगदा व दुर्गापुर गांवों से महिला व पुरुष शामिल हुए। कुड़मालि शोधकर्ता दीपक पुनरिआर, संतोष बानुआर, बिंदेश्वर महतो, दुर्गा महतो, अनंत कंडहरआर, राजेन्द्र डुमरियार, भुवनेश्वर काछुआर, डब्लू महतो, करन ओहदार को गमछा देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जानकी गुलिआर, संजय महतो, मिथलेश केटियार, प्रवीण केसरिआर, अखिलेश्वर केसरिआर, टुपकेश्वर केसरिआर, सुभाष केसरिआर, दिलीप कुमार, बालेश्वर पुनरिआर, उमाचरण गुलिआर, शांति गुलिआर, पीयूष कुमार, राजकिशोर केसरिआर सहित ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा।

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