Ranchi: झारखंड जनाधिकार महासभा ने मुख्य सचिव से राज्य में सार्वजानिक स्थलों से धार्मिक झंडे हटाने की मांग की

Ranchi:  झारखंड जनाधिकार महासभा का प्रतिनिधिमंडल ने बीते 8 फरवरी को रांची में मुख्य सचिव एल खियांग्ते से मिलकर राज्य में सार्वजानिक स्थलों से धार्मिक झंडों को हटाने की मांग की। कार्यक्रम ख़त्म होने के 48 घंटो के अन्दर हटाया जाना किया जाए सुनिश्चित।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Ranchi: झारखंड जनाधिकार महासभा का प्रतिनिधिमंडल ने बीते 8 फरवरी को रांची में मुख्य सचिव एल खियांग्ते से मिलकर राज्य में सार्वजानिक स्थलों से धार्मिक झंडों को हटाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को बताया कि राज्य के विभिन्न शहरों, प्रखंडों, बस्तियों, गावों व कस्बों के सार्वजानिक स्थलों, रोड, बिजली पोल, मोबाइल टावर, सरकारी दफ्तरों, थाना, पुलिस व अर्धसैनिक बल कैंप आदि में धार्मिक झंडों, बैनर व प्रतीक को लगाने का प्रचलन बढ़ते जा रहा है। हाल में 22 जनवरी 2024 के धार्मिक कार्यक्रम के लिए पूरे राज्य में सार्वजानिक स्थलों पर धर्म विशेष झंडे लगाये गए, जिसमें से अधिकांश आज तक नहीं उतारे गए हैं। यह अत्यंत दुख की बात है कि गणतंत्र दिवस को भी ये झंडे नहीं हटाए गए और सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगे से कहीं ज़्यादा संख्या में धार्मिक झंडे दिख रहे थे।
हर धर्म का है सम्मान
यह अक्सर देखा गया है कि विभिन्न धर्मो के धार्मिक अनुष्ठान/पर्व/कार्यक्रम के बाद कई दिनों तक सार्वजानिक स्थलों पर धर्म-विशेष झंडे व प्रतीक लगे रहते हैं। राजनैतिक पार्टियों के द्वारा कार्यक्रमों के आयोजन के बाद भी कई दिनों तक सार्वजनिक स्थलों पर राजनैतिक झंडे लगे रहते हैं। हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहाँ हर धर्म का समान सम्मान है और सभी को अपने धर्म मानने और मनाने की पूर्ण स्वतंत्रता है। यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि कोई भी धर्म हावी न हो जाए एवं सरकारी व्यावस्था व सार्वजानिक व्यवस्था में किसी भी विशेष धर्म का हस्तक्षेप न हो। सार्वजानिक स्थलों पर धर्म विशेष झंडे, बैनर, प्रतीक आदि लगे रहने से बराबरी, न्याय, बंधुत्व और धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक मूल्यों से विपरीत सन्देश जाता है।
प्रतिनिधिमंडल ने की ये मांग
समाज व राज्य में बराबरी, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिनिधिमंडल ने कई मांग की है। इनमें तुरंत सार्वजानिक स्थलों से धार्मिक झंडों, बैनर, प्रतीक आदि को हटाया जाए व किसी भी धर्म के धार्मिक अनुष्ठान/पर्व/त्योहार/कार्यक्रम में सार्वजानिक स्थलों, रोड, बिजली पोल, सरकारी दफ्तरों, थाना, पुलिस व अर्धसैनिक बल कैंप आदि में लगाये गए धार्मिक झंडों व प्रतीकों को अनुष्ठान/पर्व/त्योहार/कार्यक्रम ख़त्म होने के 48 घंटो के अन्दर हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए. यही नीति राजनैतिक कार्यक्रमों व झंडों के लिए भी लागू की जाए। एआइआर 2014 एसी 1591 मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित ‘सांप्रदायिक सौहार्द मार्गदर्शिका’ को लागू किया जाए।

प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में भरत भूषण चौधरी, एलिना होरो, ज्योति कुजूर, प्रभाकर बाग, टॉम कावला, सुनील कुमार उरांव और सिराज दत्ता सहित अन्य शामिल थे।

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