Fancy Dress Comptition: डीपीएस में चार दिवसीय फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता का समापन, मनमोहक अदाकारी से नन्हे-मुन्नों ने किया मोहित

Fancy Dress Comptition: डीपीएस के प्राइमरी विंग में आयोजित चार-दिवसीय फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता का समापन। प्राचार्य डॉ गंगवार ने कहा–बच्चों में छिपी कलात्मक व रचनात्मक प्रतिभा को निखारना की जरूरी।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में कलात्मक व रचनात्मक गुणों के विकास को लेकर दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो में फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता (Fancy Dress Comptition) का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्राइमरी विंग में आयोजित चार-दिवसीय इस प्रतियोगिता का समापन गुरुवार को हुआ।
प्रतियोगिता में शामिल नन्हे छात्र-छात्राओं की मनोहारी वेशभूषा, उनकी सुंदर रूप-सज्जा आकर्षण का केंद्र रहा, जो सहसा सभी का मनमोह ले रही थी। चार दिनों की अवधि में बच्चों ने अलग-अलग समूहों में विभिन्न श्रेणियों के तहत अपनी प्रस्तुतियां देकर सबकी भरपूर सराहना बटोरी।
वन्य-जीवों की रक्षा का दिया संदेश
पहले दिन प्री-नर्सरी कक्षा के बच्चे अंग्रेजी के अक्षरों के साथ रैंप-वॉक करते और पशु-पक्षियों के वेश में नजर आए। इसके जरिए उन्होंने पर्यावरण-संरक्षण व वन्य-जीवों की रक्षा का सुंदर संदेश दिया। दूसरे दिन आत्मविश्वास से लबरेज विद्यार्थियों ने कठपुतलियों, जोकर, नर्तक और गैजेट का वेश धर उनकी महत्ता बताई।

किताब की कहानियों के सुंदर पात्रों की प्रस्तुति
तीसरे दिन कक्षा प्रेप के बच्चों ने प्रसिद्ध राजा-रानी और देवी-देवताओं के वेश में अपने हुनर का परिचय दिया। उन्होंने विज्ञापन सामग्री की थीम पर आधारित आकर्षक रूप-सज्जा भी प्रस्तुत की। वहीं, अंतिम दिन गुरुवार को कक्षा-एक के विद्यार्थियों ने मॉडल, विभिन्न खाद्य सामग्रियों एवं किताब की कहानियों के सुंदर पात्रों को रेखांकित करती मनोरम प्रस्तुति दी। अपने मासूमियत भरे अंदाज में बच्चों की अदाकारी और तोतली जुबान में उनका संवाद-प्रेषण लुभावने बने रहे। समूहवार प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।

हरेक बच्चे में कुछ न कुछ छिपी होती है प्रतिभा
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल बच्चों की प्रतिभा विकसित होती है, बल्कि वे अपने आसपास के वातावरण, समाज आदि से अवगत भी हो पाते है। हरेक बच्चे में कुछ न कुछ प्रतिभा छिपी होती है, जिसे उभारकर निखारने की जरूरत है। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक साबित होता है और डीपीएस बोकारो इस दिशा में सतत प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतियोगिता में हार-जीत मायने नहीं रखती, प्रतिभागिता महत्वपूर्ण है।

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