Bokaro: खबर छपते ही एक्शन मोड में स्वास्थ्य विभाग, सीएस के निर्देश पर मरीज से मिलने डीएस दो बार पहुंचे वृत्ति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल 

Bokaro के चीरा चास स्थित वृत्ति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की जांच करने दो बार पहुंचे डीएस। सिविल सर्जन ने डीएस के नेतृत्व में गठित की तीन सदस्यीय जांच टीम।

 

 रिपोर्टर गीता कुमारी

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता 

Bokaro: बोकारो के चीरा चास स्थित वृत्ति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर चीरा चास में इलाजरत 72 वर्षीय फखिया देवी से मिलने रविवार को दो बार सदर अस्पताल के डीएस डॉ अरविंद कुमार पहुचे। मरीज फखिया देवी को देखा और बातचीत की। सुबह संचालक से मुलाकात नहीं हुई. दोपहर को सर्जन डॉ शुभ्रा वर्मा (मरीज का ऑपरेशन करनेवाली) मरीज की जानकारी लेने पहुंची। जांच पडताल के बाद मरीज के स्टेबल होने की बात कही।

मरीज को सदर अस्पताल में कराया जायेगा शिफ्ट

शाम को पुन: डॉ कुमार सीएस के निर्देश पर जांच करने पहुंचे। डॉ कुमार ने बताया कि फिलहाल मरीज स्टेबल है। मरीज को सदर अस्पताल में शिफ्ट कराया जायेगा। इसके बाद हायर सेंटर रेफर किया जायेगा। मालूम हो कि वृत्ति मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर पर शनिवार को मरीज के परिजनों द्वारा इलाज के लापरवाही का आरोप लगाया गया था। मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड आ गया। सीएस डॉ दिनेश कुमार ने डीएस सदर डॉ अरविंद कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। टीम में दो चिकित्सक व एक अन्य स्टाफ को शामिल किया गया है। टीम पुन: सोमवार को अस्पताल पहुंचेगी।

टीम मरीज की जांच से जुडी कागजातों की करेगी जांच

टीम मरीज की जांच से जुडी पूरे कागजातों की जांच करेगी। साथ ही सर्जरी को बीच में रोकने वाले सर्जन से मामले की पूरी जानकारी लेगी। किस परिस्थिति में ऑपरेशन को शुरू किया गया और किस परिस्थिति में ऑपरेशन रोक कर पुन: खुले पेट को स्टीच कर दिया गया। ताकि सही स्थिति का पता चल सके। अस्पताल क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के दायरे में है या नहीं, जांच की जायेगी। आयुष्मान भारत योजना संचालित है। सर्जन सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सक ऑनकॉल है।

क्या है मामला

शनिवार को मरीज के नाती कृष्ण ने बताया कि नानी को सर्जरी के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया था। सर्जरी के दौरान सर्जन चिकित्सक ने बीच में ही सर्जरी रोक कर खुले पेट में पुन: स्टीच लगा कर बंद कर दिया। ऑपरेशन नहीं करने की बात कहते हुए चली गयी। ऐसे मे मेरे मामा राधानाथ गोराई ने 100 नंबर पर डायल कर मदद मांगी थी। चीरा चास ओपी के सब इंस्पेक्टर केशव कुमार अस्पताल पहुंचे। घटना की जानकारी के लिए चिकित्सक को बुलाया था।

अल्ट्रासाउंड में पेट की अंदर की सभी जानकारी नहीं मिल सकती 

डॉ शुभ्रा वर्मा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में पेट की अंदर की सभी जानकारी नहीं मिल सकती है। पेट खोलने के बाद मुझे दिखा कि यूटरस के पास गांठ है, जो एक-दूसरे से सटा हुआ है। ऐसी स्थिति में मरीज के अधिक उम्र होने के कारण रिक्स भी था। साथ ही पेट खोलने के बाद अन्य बीमारी का संदेह होने के कारण मरीज के जान को बचाने के लिहाज से सर्जरी रोकी गयी।  

क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के पालन की जांच की जायेगी

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि  सुबह में मरीज से मिल कर गया था। मरीज बातचीत कर रही है। पुन: शाम को मरीज से मिला। मरीज के बारे में जानकारी ली। मरीज फिलहाल स्टेबल है। सर्जरी के रोकने के कारणों की जांच के साथ अस्पताल में क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के पालन की जांच की जायेगी।

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