CPI (ML) : 24 से 30 जनवरी तक भाकपा-माले का ‘संविधान बचाओ -लोकतंत्र बचाओ जन अभियान’, राममंदिर की आड़ में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की साजिश

CPI (ML) : भाकपा-माले ने देश के गणतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को बचाने के लिए पूरे बिहार में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ जनअभियान’ चलाने का लिया निर्णय। 24 से 30 जनवरी तक गांव-गांव चलाया जाएगा पदयात्रा। अक्षत-भभूत नहीं, रोजी-रोजगार चाहिए, 18 जनवरी को खेग्रामस का प्रदर्शन।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Patna : भाकपा-माले (CPI (ML) : ने देश के गणतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को बचाने के लिए पूरे बिहार में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ जनअभियान’ चलाने का निर्णय किया है। इसके तहत 24 से 30 जनवरी तक गांव-गांव पदयात्रा चलाया जाएगा।
भाकपा-माले नेताओं ने कहा कि 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय गणतंत्र को अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। राम मंदिर उद्घाटन की आड़ में भाजपा न केवल पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की साजिश रच रही है बल्कि 22 जनवरी को हिंदू राष्ट्र के स्थापना दिवस के बतौर स्थापित कर 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्व को ही धूमिल करना चाहती है। इसके जरिए भाजपा देश के लोकतांत्रिक व धर्मनिपरेक्ष चरित्र को ही बदल देना चाहती है। राममंदिर के उद्घाटन को भाजपा ने अपने चुनावी अभियान का हथियार बना लिया है। विभिन्न कोनों से इसका प्रतिवाद भी शुरू हो चुका है।
पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संयुक्त रूप से भाकपा-माले के बिहार राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य राजाराम सिंह, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, पोलित ब्यूरो सदस्य शशि यादव और केडी यादव ने संबोधित किया। मौके पर मीडिया प्रभारी कुमार परवेज सहित अन्य मौजूद थे।
24 जनवरी को जननायक कर्पूरी के गृह जिला से इस अभियान की शुरूआत
विदित हो कि यह साल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्मशती वर्ष है। उनके जन्म दिन यानी 24 जनवरी से उनके गृह जिला से इस अभियान की शुरूआत होगी, जिसमें भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य शामिल होंगे। 26 जनवरी को पूरे राज्य में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया जाएगा और जिला मुख्यालयों पर तिरंगा मार्च किया जाएगा। इस अभियान के तहत जहानाबाद, औरंगाबाद, सिवान, आरा सहित तमाम जिलों में सघन पदयात्रा का कार्यक्रम लिया गया है।

गांधी के शहादत दिवस पर आरा में संकल्प सभा

30 जनवरी को गांधी जी के शहादत दिवस पर आरा में संकल्प सभा होगी, जिसमें भी माले महासचिव भाग लेंगे।
अपने इस अभियान के जरिए भाकपा-माले भाजपा के सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की साजिशों का भंडाफोड़ करेगी और लोकतंत्र व संविधान को बचाने के अभियान को जन-जन तक पहुंचाएगी। भाकपा-माले का मानना है कि भाजपा के खिलाफ बने इंडिया गठबंधन के वैचारिक केंद्र में भाकपा-माले है। इसलिए सीट शेयरिंग में उसकी सम्मानजनक हिस्सेदारी होनी चाहिए। भाकपा-माले ने 5 सीटों की लिस्ट राजद को सौंपी थी और एक बार फिर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर उसपर अपनी दावेदारी दुहराई है। हमारा यह भी मानना है कि इस बार का लोकसभा चुनाव बदली हुई राजनीतिक परिस्थति में हो रही है। इसलिए सीटों की शेयरिंग भी नए ढंग से होनी चाहिए।

16 जनवरी को पूरे राज्य में प्रदर्शन आयोजित

महिला आरक्षण कानून को (पिछड़ी-दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण के साथ) 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू करने सहित अन्य मांगों पर ऐपवा की ओर से आगामी 16 जनवरी को पूरे राज्य में प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं। अन्य मांगों में महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़क भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी, बीएचयू की छात्रा के बलात्कारी भाजपा के आईटी सेल के कुणाल पांडे समेत अन्य की गिरफ्तारी आदि शामिल होंगे।
फुलवारी कांड के पीड़ितों के पक्ष में भाकपा-माले पूरी मुस्तैदी से खड़ी है लेकिन इसके नाम पर भाजपा को उकसावे की राजनीति नहीं करने देगी।भाजपा दलितों-महिलाओं के हमलावरों की संरक्षक पार्टी है। उसके चरित्र से पूरा देश वाकिफ है। उसे बोलने का क्या हक है?

पक्का मकान देने का वादा पूरी तरह फेल
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2022 तक सब को पक्का मकान देने का वादा पूरी तरह फेल हुआ है। मनरेगा मजदूरों के पेट पर मोदी सरकार लात मार रही है।18 जनवरी को दलित-गरीबों और मजदूरों के सवालों के प्रति मोदी सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के खिलाफ खेग्रामस की ओर से राज्य के सभी अंचल-प्रखंडों पर प्रदर्शन आयोजित है। अक्षत-भभूत नहीं, रोजी-रोटी-आवास चाहिए, आजादी-लोकतंत्र और संविधान चाहिए-नारे के तहत गांव-टोले में अभियान चलाते हुए यह प्रदर्शन किया जा रहा है।

इन मांगों की आवाज होगी बुलंद
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू)/फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच द्वारा आगामी 16 फरवरी को गारंटीशुदा खरीद के साथ सभी फसलों के लिए एमएसपी, श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह, ऋणग्रस्तता से मुक्ति के लिए छोटे और मध्यम किसान परिवारों को व्यापक ऋण माफी की मांगों को पूरा करने, चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने और मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी देने आदि सवालों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल के ऐलान का भाकपा-माले समर्थन करती है। बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति स्वागतयोग्य है। हम चाहते हैं कि अन्य सरकारी विभागों के खाली पदों पर भी अविलंब बहाली की प्रक्रिया शुरू हो। विद्यालय रसोइयां की मांग पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *