Child marriage free India: बाल विवाह मुक्ति को लेकर जिले भर में कार्यक्रम आयोजित, विवाह के खिलाफ मशाल लेकर अलख जगाने उतरीं पीड़ित महिलाएं

Child marriage free India: पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत बाल विवाह मुक्त भारत दिवस पर सहयोगिनी संस्था ने बोकारो जिले में 172 जगह जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। 73 हजार महिलाओं, बच्चों व आमजनों ने बाल विवाह का न तो समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे की ली शपथ।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro : पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत” (Child marriage free India) अभियान के तहत सोमवार को बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर सहयोगिनी संस्था द्वारा बोकारो जिले में 172 जगह जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में 73 हजार महिलाओं, बच्चों व आमजनों ने शपथ ली। शपथ में वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे।
इस संबंध में सहयोगिनी की सचिव कल्याणी सागर ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच (एनएचएफएस-2019-21 ) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह अट्ठारह वर्ष की होने से पहले ही हो गया था, जबकि में बोकारो जिले में 26.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह‌ 18 वर्ष की होने से पहले हो गया था। उन्होंने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के तीन सौ से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं।

16 अक्टूबर को अभियान का एक साल पूरे
16 अक्टूबर को इस अभियान के एक साल पूरे हुए। इस अर्से में पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गएं और लाखों लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली। गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही। इस दौरान स्कूल में शपथ ग्रहण, महिला समूह में शपथ ग्रहण, प्रभात फेरी जैसे तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च भी किया‌ और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था।

विवाह समारोहों में सेवाएं देने वालों को किया जागरूक
इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया। बाल विवाह की पीड़ा से गुजरने के बाद अब इसके खात्मे के लिए अलख जगा रहीं बोकारो की सुचित्रा सिंह, अनीता झा व सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने कहा कि बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है।

आयोजन में किया सहयोग

कार्यक्रम में फुलेंद्र रविदास, विकास गोस्वामी, रवि कुमार राय, मिनती कुमारी सिंहा, प्रतिभा कुमारी, पूर्णिमा देवी , सोनी कुमारी, अंजू देवी सूर्यमणि देवी, कुमारी किरण, राज किशोर शर्मा, अनंत कुमार सिंहा, उस्मान अंसारी, अशोक कुमार महतो, प्रवीण कुमार सहित अन्य ने सक्रिय रूप से योगदान दिया। 

न सहयोग केंद्र ने स्कूली बच्चों के साथ चलाया जागरूकता कार्यक्रम
बेरमो-ललपनिया में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान तहत जन सहयोग केन्द्र हजारीबाग के सचिव नरेन्द्र कुमार महतो उर्फ रंगीला व कोषाध्यक्ष रीता कुमारी की अगुवाई में गोमिया प्रखण्ड के कर्रीखुर्द पंचायत के अंतर्गत हाई स्कूल कुर्कनालो सहित कई स्कूलों में बच्चों के साथ जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। इसमें स्कूली बच्चों के बीच बाल विवाह को लेकर कई जानकारी दी गई। कार्यक्रम में वार्ड सदस्यगण, आंगनवाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका, सहिया शामिल हुए। बच्चों साथ मिलकर गांवों में प्रभात फेरी निकाली गयी। शपथ समारोह में मानव श्रृंखला बना कर पूरे गांव को सन्देश दिया गया कि ना खुद बाल विवाह करेंगे और ना ही किन्ही को बाल विवाह करने देंगे और ना ही किसी बालविवाह के आयोजन मे शामिल होंगे।

बाल विवाह मातृ व शिशु मृत्यु दर के कारणों में से एक

कोषाध्यक्ष रीता कुमारी ने बताया कि कम उम्र में मां बनने से लड़कियों को शारीरिक व मानसिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाता है। बाल विवाह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के कारणों में से एक है। दूसरा रेबिल्ड इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से गोमिया प्रखण्ड के सुदूरवर्ती पंचायत में जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम में हेमंती देवी, निकिता मुर्मू, मिलको देवी, रानी देवी रंजना, बसंती देवी, जगदीश मुर्मू, सुमन मुर्मू, अर्जुन महतो, नागेश्वर महतो, दीपचंद महतो, करमेला मरांडी,जागो मरांडी, रोबिन हांसदा, विमल महतो समेत स्कूलोंके शिक्षकों व ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

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