Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ के षष्ठी को व्रतियों ने जलाशयों व तालाबों पर डूबते सूर्य को दिया अर्ध्य

Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शाम में बोकारो जिले के सभी जलाशयों व तालाबों पर श्रद्धालुओं का महाकुंभ का नजारा देखने को मिला। व्रतियों ने फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू सहित अन्य पूजा सामग्रियों से सजे सूप से डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया।

न्यूज इंप्रेशन, संवददाता
Bokaro: लोक आस्था के महापर्व छठ का  (Chhath Puja 2023) आज तीसरी दिन है। बोकारो जिले के सभी जलाशयों व तालाबों पर श्रद्धालुओं का महाकुंभ का नजारा देखने को मिला। तीसरे दिन रविवार यानी षष्ठी की शाम में व्रतियों ने फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू सहित अन्य पूजा सामग्रियों से सजे सूप से डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया।
दोपहर बाद करीब ढाई तीन बजे से श्रद्धालु घरों से छठ घाट के लिए निकलने लगे थे। महिलाओं की टोली गीत गाते हुए छठ घाट पहुंची। घरों में मिलजुल कर प्रसाद के रूप में ठेकुआ व चावल के लड्डू सहित अन्य पूजा के सामान तैयार किए गये। दउरे को पूजा सामग्रियों से साज-सजावट कर घाट के लिए निकले। बोकारो नगर के सिटी पार्क, गरगा नदी, गरगा डैम, टू टैंक गार्डेन, जगरनाथ मंदिर तालाब, अयप्पा मंदिर स्थित तालाब, सेक्टर 4जी तालाब, कुलिंग पोंड आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा गया।
बाजारों में भीड़, रास्तों पर लाइटिंग की व्यवस्था
बाजार तीन दिनों से गुलजार है। कुछ लोगों ने शनिवार को फल व पूजन सामग्रियों की खरीदारी की। रविवार को सुबह से ही बाजारों में फल, सब्जी व पूजा सामग्रियां खरीदारी करते लोग नजर आएं। महापर्व को लेकर तालाब, नदी, और डैम के किनारे छठ घाटों की साफ सफाई कर विशेष रूप से सजाया गया। छठ घाटों तक पहुंचने वाले रास्ते पर लाईटिंग की व्यवस्था की गई ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। पूरा वातावरण छठ गीतों से भक्तिमय हो गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक में उत्साह है।
नहाय-खाय से शुरू हुआ पर्व
छठ का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि 17 नंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू है। पंचमी को खरना को व्रतियों ने तालाबों व जलाशयों में स्थान कर अपने-अपने घरों में मिट्टी के चूल्हे पर चावल, गुड व दूध का प्रसाद बनाया। व्रतियों के प्रसाद ग्रहण के बाद लोगों को प्रसाद परोसा गया। शनिवार देर रात तक लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के घर जाकर प्रसाद ग्रहण किए। खरना के बाद रखा जाना वाला व्रत बेहद कठिन माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पाल करते हुए रखा जाता है। सोमवार यानि सप्तमी को व्रती उदीयमान सूर्य को विधिवत पूजा अर्चना कर अर्घ्य देने के बाद हवन करेंगे व प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगे। इसके साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा।

घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम
चास-बोकारो के 51 घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा घाटों पर 57 दंडाधिकारियों सहित पुलिस बल की तैनाती की गयी है। छठ व्रतियों को अर्ध्य के समय किसी भी तरह की अनहोनी से बचाव के लिए गोताखोरों की भी तैनाती की गयी है। इसके अलावा छह बड़े घाटों पर छह-छह की संख्या में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर भी तैनात किए गये हैं।

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