Book Fair In DPS Bokaro: DPS में पुस्तक मेला का आयोजन, न्यायाधीश देवेश कुमार त्रिपाठी ने कहा—किताबें संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में आवश्यक
Book Fair In DPS Bokaro: झारखंड में पहली बार लगा डीपीएस बोकारो में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का तीन-दिवसीय पुस्तक मेला, 3000 से अधिक पुस्तकों का संग्रहण विद्यालय के कालीदास कला भवन में प्रस्तुत किया गया है।
न्यूज़ इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: किताबें ज्ञान का सबसे अच्छा स्रोत हैं। अगर किसी से दोस्ती करनी हो तो किताबों से करें, जो आपके लिए बेस्ट फ्रेंड हो सकते हैं। खास तौर से बच्चे अगर अपनी सिलेबस की किताबों के अलावा अन्य ज्ञानपरक पुस्तक पढ़ें तो यह उनके संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में काफी महत्वपूर्ण एवं सहायक साबित हो सकता है। उक्त बातें बोकारो के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तृतीय सह पोक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश देवेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं। श्री त्रिपाठी गुरुवार को डीपीएस बोकारो में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित झारखंड के प्रथम विद्यालय स्तरीय पुस्तक मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आना उन्होंने अपने लिए आनंद एवं प्रसन्नता का क्षण बताया।
अपनी पढ़ाई के अलावा अन्य किताबें जरूर पढ़ा करते थे
अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि उन दिनों वह अक्सर पुस्तक मेले में जाया करते थे और अपनी पढ़ाई के अलावा अन्य किताबें जरूर पढ़ा करते थे। आज के बच्चों को यह आदत विकसित करनी चाहिए, जिससे कि किताबों के जरिए वे अपने आसपास, समाज, देश-विदेश, जीवन की पेशेवर यात्रा, जीवन के लक्ष्य व अन्य परिदृश्यों से भली-भांति अवगत हो सकें। किताबों में वह शक्ति है जो छोटे व्यक्तित्व को बड़े व्यक्तित्व में परिवर्तित कर सकती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए डीपीएस बोकारो के प्रयासों की सराहना की। इसके पूर्व, विद्यालय की छात्राओं ने मुख्य अतिथि श्री त्रिपाठी का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया, जबकि विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए.एस. गंगवार ने स्मृति-चिह्न भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। प्राचार्य ने भी बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत डालने पर बल देते हुए जीवन की सफलता में किताबों की भूमिका को अग्रणी बताया।
3000 से अधिक पुस्तकों का है संग्रहण
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं बीबीसी ग्रुप के सहयोग से रीडिंग इंडिया 2025 मिशन के तहत ब्लॉसम थीम पर आयोजित इस पुस्तक मेले के उद्घाटन के साथ ही भीड़ उमड़ पड़ी। 3000 से अधिक पुस्तकों का संग्रहण विद्यालय के कालीदास कला भवन में प्रस्तुत किया गया है। ज्ञान, साहित्य और संस्कृति के इस संगम में बच्चों से लेकर बड़ों तक की पुस्तकें उपलब्ध हैं। देश-विदेश के नामचीन लेखकों की विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकें जहां बड़ों को लुभा रही हैं, वहीं बच्चों के लिए भांति-भांति की ज्ञानपरक, मनोरंजक व गतिविधि आधारित किताबें आकर्षक बनी हैं। कलरिंग, एक्टिविटीज, इनसाइक्लोपीडिया, सेल्फ मोटिवेशन, नन-फिक्शन, बाल कहानियां, साइंस प्रोजेक्ट आदि से संबंधित किताबें मेले में प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए लगाई गई हैं।
25 जनवरी तक चलेगा मेला
विद्यालय के छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं शिक्षकों के लिए आयोजित यह पुस्तक मेला 25 जनवरी तक चलेगा। 23-24 जनवरी को विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए प्रातः 8.30 से दोपहर 2.30 बजे, अभिभावकों के लिए दोपहर 3.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक तथा 25 जनवरी को विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिए प्रातः 8.30 बजे से शाम 5.00 बजे तक मेले का आयोजन किया गया है। मेले में प्रवेश पूर्णतया निःशुल्क है।