Bokaro Road Accident: हाइवा के पलटने के साथ चपेट में आने से ऑटो चालक सहित एक सवारी की मौत, 10 घंटे बाद हटा दुर्घटनाग्रस्त हाइवा
सार
•ड्राईवर शमीम की हाइवा के नीचे दबने से मौत, सवारी ने बीजीएच में तोडा दम।
•मुख्य मार्ग से 10 घंटे बाद हटा दुर्घटनाग्रस्त हाइवा
•हाइवा कंपनी प्रबंधक उचित मुआवजा देने को तैयार
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : बोकारो-रामगढ़ मुख्य मार्ग फोरलेन में बारी को-ऑपरेटिव मोड़ पर सोमवार की सुबह पौने छह बजे हाइवा (जेएच02बीके-9889) पलट गयी। इसकी चपेट में ऑटो (जेएच09एटी-3511) के आने से सिवनडीह निवासी ऑटो चालक शमीम (32 वर्ष) की मौत मौके पर ही हो गयी। जबकि सवारी आजादनगर निवासी कलीमुल्लाह (75 वर्ष) की मौत बोकारो जेनरल अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी। घटना स्थल से हाइवा का चालक फरार हो गया।
वाहनों के आवाजाही पर लोगों ने लगा दी रोक
सूचना पाकर बोकारो स्टील सिटी थाना प्रभारी मो रूस्तम दल-बल के साथ पहुंचे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी। छोटे वाहनों को छोडकर बड़े वाहनों के आवाजाही पर स्थानीय लोगों ने रोक लगा दी। वे सड़क पर बैठ गये। घटना की सूचना मिलते ही बोकारो विधायक बिरंची नारायण, चास सीओ दिलीप कुमार, सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार, झामुमो जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी पहुंचे। स्थानीय लोगों को समझाया गया। डीसी कुलदीप चौधरी से बात की। आश्रित को सभी सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने के आश्वासन पर स्थानीय लोग माने।
10 घंटे बाद आवागमन बहाल
पलटा हाइवा को क्रेन की मदद से उठाया गया। करीब 10 घंटे बाद आवागमन बहाल हुई। सुबह से हाइवा उठाने तक थाना प्रभारी दलबल के साथ घटना स्थल पर डटे रहे। हाइवा चालक पर केस दर्ज किया गया है।घटना के बाद से सिवनडीह, आजादनगर व बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी मोड़ के लोग जुट रहे। हो-हल्ला करते हुए मुख्य मार्ग पर बैठ गये। बडे़ वाहनों का आवागमन उकरीद मोड़ के समीप ही रोक दिया गया। जबकि छोटे वाहन मोटर साइकिल व कार को आने-जाने में लोग सहयोग कर रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला
घटना के बाद से पुलिस द्वारा दो क्रेन मंगवा गया। भीड़ ने क्रेन को रोक दिया। थाना प्रभारी ने घटना की छानबीन शुरू की, तो सामने दुकान में सीसीटीवी मिला। सीसीटीवी का फुटेज में साफ दिखाई पड़ रहा है कि पलटे अवस्था में हाईवा ने तेज गति से ऑटो को घिसटकर ले जा रही है। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक सुबह लगभग साढे पांच बजे बालीडीह की ओर से तेज गति से हाइवा आ रही थी। हाइवा में कोयला चिप्स लोड था।
ठोकर पर जोरदार तरीके से उछल गयी हाईवा
बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी मोड़ के समीप सड़क पर बने ठोकर पर जोरदार तरीके से उछल गयी। उछलते ही हाइवा पलट गयी। पलटते ही पास में खड़ी ऑटो को अपनी चपेट में ले ली। काफी दूर तक ऑटो को घसीटते ले गया। इसके बाद हाइवा पर लदा चिप्स ऑटो के अगले हिस्से में गिर गया। इस क्रम में ऑटो चालक शमीम उर्फ तेजू हाइवा के पिछले हिस्से में आ गया। इससे तेजू का कमर के निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर ही तेजू की मौत हो गयी। जबकि ऑटो में सवार आजादनगर निवासी कलीमुल्लाह कुछ दूरी पर झटके से गिर गये। उनकी कमर में जोरदार चोट आयी थी। स्थानीय लोग इलाज के लिए बोकारो जेनरल अस्पताल ले गये। जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी।
मृतक शमीम की हैं तीन बेटियां
ऑटो चालक मृतक शमीम सिवनडीह का रहनेवाला था। उसकी तीन बेटियां है। घटना की सूचना पाकर शमीम का साला गुड्डू घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इनकी तीन बेटियां है। शमीम घर का इकलौता कमाउ सदस्य था। सुबह घर सिवनडीह से निकला था। पैसेंजर के लिए बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी के मोड़ पर रूका था। पैसेंजर को नया मोड छोड़ने के बाद स्कूली बच्चों को लेकर डीएवी सेक्टर चार स्कूल छोड़ने जाता। इसके पहले ही दर्दनाक हादसा हो गया।
एक-एक लाख व पारिवारिक लाभ मिलेगा
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि डीसी कुलदीप चौधरी से मिलकर बात की गयी। डीसी ने मृतक के परिजनों को एक-एक लाख रूपये, परिवारिक लाभ, आंबेडकर आवास, छह साल से उपर की बच्ची का नामांकन कस्तूरबा विद्यालय में कराने की बात कही। साथ ही सभी तरह की सरकारी योजना का लाभ देने को कहा गया।इसके अलावा हाइवा कंपनी प्रबंधक से बात की गई। प्रबंधन ने थाना में जिला प्रशासन की देखरेख में परिवार के सदस्यों के साथ वार्ता की बात कही। जो भी उचित मुआवजा होगा, प्रबंधन देने को तैयार है। कंपनी घाटो की है। प्रबंधक को बोकारो आने का निर्देश जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है।
यूनिट टेस्ट से वंचित रहे विद्यार्थी
घटना के कारण उकरीद मोड के बाद स्कूल बस भी बारी को-ऑपरेटिव की ओर नहीं आये। ऐसे में दर्जनों बच्चों के अभिभावक बाइक से बच्चों को लेकर स्कूल गये। सोमवार होने के कारण स्कूल में यूनिट टेस्ट था। ऐसे में जो बस उस ओर आ गयी, वह वहीं रह गयी। दूसरी बस नहीं आ पायी। ऐसे में कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाये। यूनिट टेस्ट से वंचित रह गये। स्कूल के छुट्टी के वक्त अभिभावक परेशान रहे। वापसी के क्रम में बच्चों को उकरीद मोड़ पर ही स्कूल बस ने छोड दिया। अभिभावक खुद को मोटर साइकिल व सगे-संबंधी की मदद से बच्चों को घर लेकर लौटे।