Bokaro News Sadak Jam: झारखण्ड आन्दोलनकारियों ने मान सम्मान, पेंशन व आरक्षण की मांग को लेकर किया सड़क जाम

Bokaro News Sadak Jam: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने झारखण्ड आन्दोलनकारी के मान सम्मान, पेंशन, आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर शनिवार को गोला, जैनामोड़ व चास में चार घंटे तक सड़क जाम किया।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने झारखण्ड आन्दोलनकारी के मान सम्मान, पेंशन, आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर शनिवार को गोला, जैनामोड़ व चास में चार घंटे तक सड़क जाम किया।
सड़क जाम के कारण फॉर लेन पर वाहनों का आवागम प्रभावित रहा। वाहनों की लंबी कतार लग गयी। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के लोगों ने जैनामोड़ को सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक जाम किया। इस आंदोलन का नेतृत्व मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष मणिलाल मरांडी ने किया। मरांडी ने कहा की झारखंड राज्य के निर्माण 23 बर्ष हो गए, जो लोग राज्य का निर्माण के लिये सब कुछ न्यौछावर कर दिया वो अपने राज्य में अपनी पहचान ढूंढ रहे हैं। सब कुछ आंखों के सामने लुटा जा रहा है। झारखंड को माफिया राज्य बना दिया गया है, यहां का प्राकृतिक सम्पदा का लूट मचा हुआ है। बालू खनिज पदार्थ वन उपज को सरकारी तंत्र सरकारी संरक्षण मे जमकर लुट रहे हैं।
मांगों को लेकर सड़क पर आंदोलन के लिए विवश
इस आंदोलन में शामिल केंद्रीय अध्यक्ष विदेशी महतो ने कहा कि आज पूरे झारखंड में आर्थिक नाकाबंदी सफल रहा। झारखंड में सभी पार्टियों ने सरकार बनाई लेकिन किसी पार्टियों ने आंदोलनकारी के मान सम्मान, पेंशन व आरक्षण को लेकर किसी ने नहीं सोचा, जिसके कारण आज फिर से अपनी लड़ाई के लिए आंदोलन करने को विवश हैं। आज जो लोग संघर्ष किए उसे उसकी पहचान भी नहीं मिली और आज उनके वंशज भी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। जिसके कारण आज पुनः आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर रोड पर आंदोलन करने को विवश है। आज के आर्थिक नाकेबंदी सरकार के लिए एक चेतावनी है, झारखण्ड सरकार आन्दोलनकारियो के मान सम्मान और स्वाभिमान से खिलवाड़ करेगी तो चुनाव में खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे।

आंदोलनकारियों को चिन्हित कर मुकदमा खत्म करे
आन्दोलनकारी को अबिलंम्ब चिन्हितिकरण कर केश मुकदमा का शर्त समाप्त करे, स्वतंत्रता सेनानी के जैसा झारखण्ड आन्दोलनकारियों को राजकीय सम्मान दें, राज्य के सभी तरह के नियुक्ति पर झारखण्ड आन्दोलनकारियां के आश्रितों को आरक्षण दिया जाए। शिक्षा चिकित्सा व रोजगार की गारंटी करे, सभी आन्दोलनकारी को जीवन यापन के लिए 50-50 हजार मासिक पेंशन दिया जाए। झारखंड के जल, जंगल व जमीन पर झारखण्ड वासियों का अधिकार दिया जाए।

इन्होंने लिया हिस्सा
इस आंदोलन में मुख्य रूप से ललित नारायण, सहदेव महतो, ठाकुर महतो, शंकर लाल मांझी, रीतवरण टुडु, महादेव मरांडी, दिलीप घासी, इसरार अहमद, जयलाल महतो, जगतू राम हेम्ब्रम,रामलाल हस्दा, अघनू घासी, अतुल रजवार, चौपाराम मांझी, मणिराम मरांडी, चेतलाल मांझी, शनिचर महली, शंकर कुमार, दिलीप कुमार, सुभाष कुमार, सुनीता देवी, सुनील कुमार, अघ्नू मांझी, भीमनाथ मांझी, लोबेश्वर मांझी, करमचंद हसदा, भीम मुर्मू, मंगल हसदा, ज्योतिलाल महतो, रामपद महतो, पातु देवी, बाणेश्वर मांझी, बिनोद मांझी, चंद्रगुप्त महतो, राजेंद्र कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए।

धदबाद पुरूलिया रोड़ किया जाम
झारखंड अलग राज्य आंदोलनकारियों ने मांगों के समर्थन में धनबाद पुरूलिया रोड़ को जाम करीब दो घंटे तक जाम रखा। सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक सड़क जाम रहा। चास प्रखंड विकास पदाधिकारी के पहल पर सड़क जाम हटा। आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से मांग की कि मांगों पर सकारात्मक पहल करें। चेतावनी भरे लहजे में कहा गया कि एक सप्ताह के अंदर पहल नहीं होने पर पूर झारखंड का चक्का जाम आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर काफी संख्या में आंदोलनकारी शामिल रहे।

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