Bokaro News: डीईओ ने सीबीएसई व आइसीएसई विद्यालय प्रचार्यों से पूछा स्पष्टीकरण, 5 अप्रैल तक जवाब करें समर्पित, नहीं तो होगी कार्रवाई

Bokaro News: उपायुक्त के निर्देश पर डीईओ जगरनाथ लोहरा ने शुक्रवार को जिले में संचालित सभी सीबीएसई, आइसीएसई विद्यालय प्राचार्यों, संचालकों से अभिभावकों से लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों पर उनसे स्पष्टीकरण पूछा है।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) जगरनाथ लोहरा ने शुक्रवार को जिले में संचालित सभी सीबीएसई, आइसीएसई विद्यालय प्राचार्यों, संचालकों से अभिभावकों से लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों पर उनसे स्पष्टीकरण पूछा है। उन्हें आगामी 05 अप्रैल 2025 तक अपना जवाब समर्पित करने को कहा है। इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय द्वारा पत्र जारी किया गया है।
जारी पत्र में इन बातों का उल्लेख किया गया है

-सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सिलेबस होने के बावजूद एनसीआरटी कि किताबों के अलावा कई अन्य प्रकाशन की किताबें अभिभावकों से खरीदवाई जा रही है।
-यहां तक कि किसी व्यक्ति विशेष अथवा उनसे संबद्ध दुकानों से ही किताबों की खरीदी करने के लिए प्रेषित की जा रही है।
-इसके अतिरिक्त एक ही सिलेबस के अगल-अलग किताबों को भी खरीदने के लिए अभिभावकों को प्रेषित किया जा रहा है।
-प्रत्येक वर्ष सिलेबस बदलने के नाम पर अलग-अलग किताबों की खरीदी के लिए अभिभावकों को सूची दी जा रही है, जिससे अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है इत्यादि।
-मनमानी तरीके से विभिन्न मदों में अभिभावकों से शूल्क की वसूली की जा रही है।
-प्रतिवर्ष पोशाक भी बदल दिए जाते हैं तथा बदले हुए पोषाक को किसी व्यक्ति विशेष के दुकान अथवा चिन्हित दुकान से ही उसकी खरीदारी करने के लिए प्रेषित किया जाता है।

किताबों व शूल्कों के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं
उपरोक्त बिंन्दुओं पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 5 अप्रैल तक सभी विद्यालयों को विद्यालय प्रबंधन समिति से मान्यता प्राप्त किताबों/पोशाकों/शूल्कों के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। ताकि उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित ’जिला स्तरीय समिति के समक्ष उक्त प्रतिवेदन को रखा जा सके। स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने की स्थिति में झारखण्ड शिक्षा न्यायधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2027 की धारा-7 (अ) (1) (2) (3) में निहित प्रावधानों के तहत संबंधित विद्यालय के विरूद्ध आर्थिक दण्ड लगाया जायेगा।

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