Bokaro News: होलिका दहन को सुरक्षित व दुर्घटना-मुक्त बनाने के लिए आपदा प्रबंधन द्वारा जारी एडवाइजरी का करें अनुपालन

Bokaro News: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने सुरक्षित होलिका दहन के लिए जारी किया है दिशा-निर्देश और सलाह।

 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददता
Bokaro: होलिका दहन को सुरक्षित और दुर्घटना-मुक्त बनाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने जिलेवासियों के लिए एडवाइजरी जारी किया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार की अध्यक्ष सह उपायुक्त विजया जाधव ने जिलेवासियों से जारी एडवाइजरी का अक्षरशः अनुपालन करने का अपील की है।

आग से संबंधित दुर्घटनाओं से बचने के लिए उपायों का करें पालन

-सुरक्षित स्थान चुनें-होलिका दहन घरों, पेड़ों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर, खुले क्षेत्र में करें।
-सुरक्षित दूरी बनाए रखें आग से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
-पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करें- प्लास्टिक, रसायन या हानिकारक पदार्थों को जलाने से बचें जो विषाक्त धुएं को छोड़ते हैं।
-आग के आकार को नियंत्रित करें बढ़ी या अनियंत्रित आग न लगाएँ। होलिका दहन के दौरान छोटे एवं सुरक्षित आग को प्राथमिकता दे।
-अग्निशामक यंत्र और पानी पास में रखें आपातकालीन स्थिति में पानी की बाल्टी, रेत या अग्निशामक यंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
-ढ़ीले या सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें आग लगने के जोखिम को कम करने के लिए सूती कपड़ों को प्राथमिकता दें।
-बच्चों और बुजुर्गों की निगरानी करें बच्चों को आग के पास न जाने दें और सुनिश्चित करें कि बुजुर्ग व्यक्ति सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
-ज्वलनशील पदार्थो से सावधान रहें आग को जलाने के लिए केरोसिन, पेट्रोल या अन्य ज्वलनशील तरल पदार्थों का उपयोग न करें।
-उचित अग्नि शमन सुनिश्चित करें समारोह के बाद, सुनिश्चित करें कि होलिका दहन स्थल छोड़ने से पहले आग पूरी तरह से बुझ गई है। राख का जिम्मेदारी से निपटान करें एवं आग बुझने के बाद, जल निकायों को प्रदूषित किए बिना राख का उचित निपटान सुनिश्चित करें।
-पर्यावरण का सम्मान करें पर्यावरण संरक्षण पेड़ों और वन्यजीवों को नुकसान न पहुँचाएँ तथा लकड़ी इकट्ठा करते समय जीवित पेड़ों को काटने या पक्षियों के घोंसलों को नुकसान पहुँचाने से बचें।
-कभी भी आग में खड़े न हों, हमेशा धुएँ के नीचे रेंगें और अपना मुँह ढ़क कर रखने की कोशिश करें।
-आग लगने की स्थिति में शांत रहें, घबरायें नहीं और भागे नही। पीड़ित को कंबल में तब तक लपेटें जब तक आग बुझ न जाए।
-होलिका दहन में यथा संभव पटाखों का प्रयोग न करे।
-होलिका दहन के दौरान धुएँ से प्रदुषण बढ़ जाने की स्थिति में श्वास रोगियों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है।
-अगर कोई व्यक्ति जल जाता है तो उसके शरीर के जले हुए हिस्से को तुरंत पानी में डुबोएँ उसके बाद उस स्थान पर कोई मलहम जैसे एलोविरा या बरनौल, नारियल तेल आदि लगाएँ। अगर जलन ज्यादा गंभीर है तो पीड़ित को तुरन्त अस्पताल ले जाएँ।
-होलिका दहन के समय यह ध्यान रखें कि उपर या आस पास कोई पेड़, घर, विशेषकर झोपड़ियो, दीवार, बिजली तार आदि न हो।
-जिम्मेदारी से मनाएँ शिष्टाचार और सुरक्षा बनाए रखें, यह सुनिश्चित करें कि त्योहार आनंदमय हो और दुर्घटनाओं से मुक्त रहें। इन सावधानियों का पालन करके, हम खुद को, अपने आस-पास और पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए सुरक्षित रूप से होलिका दहन एवं होली का त्योहार मना सकते हैं।

आपात स्थिति में इस नंबर पर करें डायल
किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिये डायल 100, अग्नि शमन सहायता के लिये 8340332843, 8709299809, 6200400918 एम्बुलेंस की सहायता के लिए 108 एवं कंपोजिट कन्ट्रोल रूम के लिये 06542-247891,06542-223475 एवं 06542-242402 नम्बर पर संपर्क करें।

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