Bokaro News: सेक्टर 04 में संचालित निरोग हेल्थ केयर (अपोलो) व सर्वोदय हॉस्पिटल से पूछा गया स्पष्टीकरण, तीन दिनों में दें जवाब

Bokaro News:19 जनवरी को सेक्टर 4 स्थित संचालित निरोग हेल्थ केयर (अपोलो) एवं सर्वोदय हास्पिटल के निरीक्षण में त्रुटि उजागर, तीन दिन में जवाब नहीं देने पर होगी कार्रवाई।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
 Bokaro: जिला निरीक्षण एवं अनुश्रवण समिति, चास द्वारा 19 जनवरी को सेक्टर 4 स्थित संचालित निरोग हेल्थ केयर (अपोलो) एवं सर्वोदय हास्पिटल का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पीसीपीएनडीटी अंतर्गत दोनों संस्थानों में त्रुटियां पाई गई थी।
निरीक्षण के क्रम में गठित दल द्वारा निम्न तथ्य एवं त्रुटि पाया गयी।
-पीसीपीएनडीटी की नियम 17 (1) के अनुसार प्रत्येक केन्द्र को सामान्य सरल एवं क्षेत्रीय भाषा में जन सामान्य की जानकारी के लिए बोर्ड लगाना चाहिए कि लिंग निर्धारण कानूनन गलत है और ऐसा करना कानूनी अपराध है। उक्त आशय का सूचना पट्ट हिन्दी अथवा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदर्शित नहीं था।
-अल्ट्रासीउण्ड किए जाने के लिए अनिवार्य कागजातों में मरीजों का हस्ताक्षर छुटा/अपूर्ण पाया गया। यह पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 29 एवं नियम 09 (1) का उल्लंघन हैं।
-पीसीपीएनडीटी की नियम 17 (2) के अनुसार अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम की एक प्रति अवश्य उपलब्ध होनी चाहिए और मांगने पर प्रार्थी अथवा निरीक्षण टीम को प्रस्तुत भी करनी चाहिए। परंतु निरीक्षण के दौरान मांगे जाने पर यह प्रस्तुत दोनों संस्थानों द्वारा नहीं किया गया।
-नियमानुसार अस्पताल के डिस्प्ले बोर्ड में अल्ट्रासाउण्ड हेतु निबंधित चिकित्सक का नाम, संस्थान का बंद-खुलने का समय, निर्धारित शुल्क विवरणी, अस्पताल प्रबंधक, थाना प्रभारी, अनुमण्डल पदाधिकारी, सिविल सर्जन आदि का नाम एवं मोबाईल नम्बर आदि अंकित होना चाहिए लेकिन उक्त दोनों क्लिनिकों पर ऐसा नहीं पाया गया।
-पीसीपीएनडीटी एक्ट के अन्तर्गत निबंधित हैं, एवं संबंधित प्रबंधक, संचालक को उपायुक्त-सह-जिला समुचित प्राधिकारी, बोकारो द्वारा हस्ताक्षरित अल्ट्रासाउण्ड निबंधन प्रमाण उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके पश्चात् भी अस्पताल में अद्यतन अल्ट्रासाउण्ड निबंधन प्रमाण लगा हुआ पाया गया, जो पीसीपीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन हैं।
-वहीं, मरीजों के रेफरल पर्ची में चिकित्सक का हस्ताक्षर नहीं पाया गया।
-अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि यहाँ केवल ।दवउंसल च्ंजपमदजे का ही थ्वतउ-थ् भरा जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउण्ड का थ्वतउ-थ् नहीं भरा जाता है। यह च्ब्च्छक्ज् ।बज की धारा 29 एवं नियम 09 (4) का उल्लंघन हैं।
-पीसीपीएनडीटी की नियम 17 (2) के अनुसार अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों पर पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट की एक प्रति अवश्य उपलब्ध होनी चाहिए और मांगने पर प्रार्थी अथवा निरीक्षण टीम को प्रस्तुत भी करनी चाहिए। परंतु निरीक्षण के दौरान मांगे जाने पर यह प्रस्तुत नहीं किया गया।
नियमसंगत करें कार्रवाई
इसी को लेकर उपायुक्त-सह-जिला समुचित प्राधिकारी के निर्देश पर संबंधित दोनों क्लिनिकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। उन्हें 03 दिनों में जवाब समर्पित करने को कहा गया है। अन्यथा संस्थान के विरूद्ध नियमसंगत कारवाई की जायेगी। इसकी जानकारी शनिवार को पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल शक्ति कुमार ने दी।
नहीं होता नियमित जांच
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित जांच नहीं होने के नतीजे हैं कि अल्ट्रासाउंड सेंटरों की मनमानी है। बीच-बीच में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। जांच में त्रुटि उजागर होने की स्थिति कार्रवाई के वजाए किसी हथकंडे को अपनाकर समझौता कर लिया जाता है। इसी का नतीजा हैं संचालक मनमानी करते हैं। इसे पूर्व में कई सेंटर पर जांच में कमियां पाई गयी। कुछ दिनों बाद उसे निपटाया जाता है।

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