Bokaro News: 19 विस्थापित गांवों में 6 पंचायत गठन पर चर्चा, उपायुक्त ने कहा— विस्थापितों की सूची, पुनर्वास प्रक्रिया की स्थिति, खाली पड़ी भूमि व विस्तृत नक्शा करें तैयार 

Bokaro News:गुरुवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने 19 विस्थापित गांवों में छह नये पंचायतों के गठन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। कहा—जिले के 19 विस्थापित गांवों में पंचायत गठन को लेकर तैयार करें प्रस्ताव।

 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में गुरुवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने 19 विस्थापित गांवों में छह नये पंचायतों के गठन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। मौके पर उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, डीपीएलआर निदेशक मेनका, अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, चास एसडीओ प्रांजल ढ़ांडा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे। बैठक में विस्थापितों की स्थिति, उनके अधिकार-पुनर्वास, पंचायत गठन के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी और संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि विस्थापितों की समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। औद्योगीकरण के कारण जिन लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, उनके अधिकारों की रक्षा और जीवन-स्तर में सुधार प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। विस्थापितों के लिए स्थायी समाधान की दिशा में योजनाबद्ध कार्य हो रहा है। उपायुक्त ने समीक्षा क्रम में जिले के 19 विस्थापित गांवों में पंचायत गठन को लेकर प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। कहा कि इन क्षेत्रों में पंचायतों का गठन होने से विकासात्मक कार्यों की गति तेज होगी। योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी। स्थानीय लोगों को प्रशासन से सीधे जोड़ने में सुविधा होगी। इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी गांव तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी।

डीपीएलआर निदेशक को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश

उपायुक्त ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन निदेशालय (डीपीएलआर) के निदेशक को निर्देशित किया कि वे विस्थापित 19 गांवों को केंद्र में रख जल्द से जल्द पंचायत गठन के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करें। इसमें पंचायतों की भौगोलिक सीमा, जनसंख्या, बुनियादी ढांचे की आवश्यकता और प्रशासनिक व्यवस्था का स्पष्ट डाटा शामिल हो। उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) द्वारा अधिग्रहित भूमि का पंजी टू में म्यूटेशन कराएं। इससे इन जमीनों का अवैध खरीद-बिक्री नहीं हो सकेगा और दूसरे लोग भी भ्रमित होकर किसी तरह के भूमि विवाद में शामिल नहीं होंगे। डीसी ने स्पष्ट कहा कि भूमिगत दस्तावेजों की पारदर्शिता भूमि विवादों को कम करेगी। बीएसएल के पास भूमि का मालिकाना हक हैं, इसलिए वह संबंधित भूमि का लगान भी अंचल कार्यालय को जमा करें।

दस्तावेजों का डिजिटलीकरण व नक्शा तैयार करें

उपायुक्त ने डीपीएलआर विभाग को निर्देशित किया कि वह उपलब्ध सभी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण करें। ताकि सूचना प्रणाली पारदर्शी और सुगम बने। इसके अलावा विस्थापितों की सूची, पुनर्वास प्रक्रिया की स्थिति, खाली पड़ी भूमि की जानकारी तथा विस्तृत नक्शा तैयार करने को कहा। संपूर्ण दस्तावेजों का रिकार्ड आफ रजिस्टर बनाने को कहा। यह दस्तावेज भविष्य की योजनाओं और निर्णयों के लिए आधार बनेंगे। संबंधित विभागों के अधिकारियों को उपायुक्त ने कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने को कहा गया।

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