Bokaro News: चास अनुमंडल अस्पताल में आधी रात को मृत नक्सली व एक अज्ञात शव का हुआ पोस्टमार्टम, अज्ञात शव को बीजीएच के मोर्चरी में है रखा गया 

Bokaro News: बोकारो जिले के गोमिया थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा के जंगली क्षेत्र में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में मिले दो शव में एक पांच लाख का इनामी नक्सली कुंवर मांझी व दूसरा एक अन्य व्यक्ति का बुधवार की आधी रात को चास अनुमंडल अस्पताल मैं पोस्टमार्टम कराया गया।

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता 

 

Bokaro: बोकारो जिले के गोमिया थाना क्षेत्र के बिरहोरडेरा के जंगली क्षेत्र में पुलिस व नक्सली मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान चलाया गया। मृत मिले दो शव में एक पांच लाख का इनामी नक्सली कुंवर मांझी व दूसरा एक अन्य व्यक्ति का था। सुरक्षा बलों की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों शव को लेकर बुधवार की आधी रात को चास अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में सीओ दीवाकर दूबे के नेतृत्व में तैनात चिकित्सकों की टीम ने दोनों शव का पोस्टमार्टम किया।

बीजेपी में रखा गया दोनों शव

पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव को बोकारो जेनरल अस्पताल के मोर्चरी में देर रात को रखवा दिया गया। पोस्टमार्टम करनेवाले चिकित्सकों में अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आभा इंदू तिर्की, डॉ रवि शेखर व डॉ रीना कुमारी शामिल थी। गुरूवार को कुंवर मांझी के परिजनों द्वारा शव की मांग करने पर बोकारो से सुरक्षा बलों द्वारा कुंवर मांझी का शव गोमिया ले जाया गया। वहां से परिजन कुंवर मांझी का शव लेकर चले गये। जबकि एक अन्य शव की पहचान अभी तक नहीं हो पायी है। किसी ने शव लेने को लेकर पहल नहीं किया है। इसलिए अज्ञात शव को बोकारो जेनरल अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।

बिरहोरडेरा के जंगली क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। सीआरपीएफ व स्थानीय पुलिस किसी भी तरह की रिक्स लेने के लिए तैयार नहीं है। जंगल का चप्पा-चप्पा छाना जा रहा है। मालूम हो कि सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने बुधवार को अत्याधुनिक हथियार के साथ-साथ नक्सली द्वारा रोजमर्रा के उपयोगी सामान को जब्त किया था। बुधवार की सुबह मुठभेड़ के बाद दोबारो मुठभेड नहीं हुई है। कयास लगाया जा रहा है कि कि नक्सली जंगली क्षेत्र में ही छिपे हुए है या मुठभेड़ के बाद चल रहे सर्च अभियान के कारण क्षेत्र छोडकर चल गये हैं।

जान बचाना चाहते हैं तो खुद को सरेंडर कर दे

एसपी हरविंदर सिंह ने कहा कि नक्सली अपनी जान बचाना चाहते हैं तो खुद को सरेंडर कर दें। सरकार के सरेंडर पॉलिसी का लाभ लें। सुखी जीवन यापन करे। नक्सली भाग-दौड की जिंदगी का कोई सुखद पहलू नहीं है। गलत काम का गलत अंजाम होता है। सरेंडर करने के बाद सुखद जीवन जीने का अवसर हासिल हो सकता है।

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