Bokaro News: जिले के 20 विस्थापित क्षेत्रों को मॉडल रेसिडेंस के रूप में करें विकसित, उपायुक्त ने कहा पंचायत में प्राप्त होने वाली सुविधाओं के साथ अतिरिक्त सुविधाएं भी लोगों को हो प्राप्त 

Bokaro News: मंगलवार को बोकारो निवास स्थित सभागार में उपायुक्त अजय नाथ झा की अध्यक्षता में जिला प्रशासन और बीएसएल (बोकारो स्टील प्लांट) प्रबंधन के बीच एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई।

 

न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता

Bokaro: मंगलवार को बोकारो निवास स्थित सभागार में उपायुक्त अजय नाथ झा की अध्यक्षता में जिला प्रशासन और बीएसएल (बोकारो स्टील प्लांट) प्रबंधन के बीच एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज बी.के. तिवारी, उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, डीपीएलआर मेनका, अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, अनुमंडल पदाधिकारी चास प्रांजल ढ़ंडा समेत अन्य पदाधिकारीगण, बीएसएल के वरीय अधिकारी, संबंधित विभागों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। इस क्रम में उपायुक्त ने कहा कि बोकारो जिला राज्य व देश के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आने वाले दिनों में बीएसएल का विस्तारीकरण भी किया जाना है। हाल ही में, मुख्य सचिव का भी बोकारो में दौरा हुआ है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में बोकारो का विकास शामिल है। इस क्रम में जो बाधाएं हैं, उसे जिला प्रशासन दूर करेगा। उन्होंने कहा कि परस्पर संवाद, परस्पर सहयोग एवं संपर्क से हर समस्या का समाधान हो सकता है।

प्रत्येक दो माह में एक बार समन्वय समिति की बैठक आयोजित करे

उपायुक्त ने सभी तरह की समस्याओं के निदान के लिए प्रत्येक दो माह में एक बार समन्वय समिति की बैठक आयोजित करने एवं एक सब कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया। जिसमें जिला प्रशासन के पदाधिकारी –बीएसएल के पदाधिकारी आदि शामिल रहेंगे और सभी तरह की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके समाधान के दिशा में काम करेंगे। यह सब कमेटी माह में दो बार बैठक करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन–बीएसएल मिलकर बोकारो के लिए बेस्ट करेंगे, सभी अपना 200 प्रतिशत देंगे। वहीं, बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज बी के तिवारी ने भी उपायुक्त के इस पहल की सराहना किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं बेहतर समाज का निर्माण बोकारो स्टील प्रबंधन के प्राथमिकताओं में शामिल है। विश्व के हर क्षेत्र में बोकारो के युवा–लोग हैं, जो अपनी रचनात्मक कार्यों से समाज का निर्माण कर रहे हैं, यह हमारे लिए गर्व की बात है। समय के साथ कुछ चुनौतियां सामने आती हैं, संवाद की कमी के कारण वह बड़ी समस्या बन जाती है। लेकिन, उपायुक्त के पहल एवं पक्के इरादे एवं साफ दृष्टिकोण से हम सभी चुनौतियों को दूर करेंगे।

स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, रोजगार सृजन पर विशेष बल

15 मई को हुई बैठक में बीएसएल द्वारा अप्रेंटिस अभ्यर्थियों को प्रतिमाह 50 अप्रेंटिस के नियोजन में अब तक कार्रवाई की जानकारी ली गई। बीएसएल के एचआर महाप्रबंधक ने बताया कि अब तक 100 अभ्यर्थियों के नियोजन के लिए चयनित कर अभ्यर्थियों को सूचित किया गया है। लगभग 50 अन्य अभ्यर्थियों के नियोजन की कार्रवाई अंतिम चरण पर हैं। लेकिन, अब तक मात्र 07 अभ्यर्थियों ने ही योगदान दिया है। इस पर उपायुक्त ने चयनित अभ्यर्थियों की सूची अविलंब जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने को कहा। चयनित अभ्यर्थियों की सूची जिला नियोजनालय के सूचना पट्ट, डीपीएलआर कार्यालय के सूचना पट्टा एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रकाशित की जाएगी। साथ ही, जिला नियोजनालय द्वारा सभी चयनित अभ्यर्थियों को 02 सप्ताह में योगदान के लिए तीन बार काल कराया जाएगा। अगर बार – बार सूचना के बाद भी कोई अभ्यर्थी योगदान नहीं करता है, तो प्रतीक्षा सूची में शामिल प्रशिक्षित अन्य अभ्यर्थी को अवसर दिया जाएगा। उपायुक्त ने बीएसएल प्रबंधन को निर्देश दिया कि नियोजन में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए ताकि उन्हें क्षेत्रीय औद्योगिक विकास से प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। इस क्रम में बीएसएल ने बताया कि सभी प्रशिक्षण प्राप्त अप्रेंटिंस अभ्यर्थियों को एन.एस.ई पोर्टल में अपलोड किया गया है, ऐसे में बिना अनुमति के किसी दूसरे का गेट पास निर्गत नहीं हो सकता है।

विस्थापित गांवों को ‘मॉडल रेसिडेंस’ के रूप में करें विकसित

जिले के 20 विस्थापित ग्रामीण क्षेत्रों –जैसे वैद्यमारा, कुंदौरी, महेशपुर, शिबूटांड़ आदि को ‘मॉडल रेसिडेंस’ के रूप में विकसित करें। वहां पंचायत में प्राप्त होने वाली सुविधाओं के साथ अतिरिक्त सुविधाएं भी लोगों को प्राप्त हो। इन गांवों में सड़क, जल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य सरकारी योजनाएं पूर्ण रूप से लागू होंगी। यह समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा। बीएसएल द्वारा राज्य कर्मियों को आवंटित कई स्टाफ क्वार्टर जर्जर अवस्था में हैं। उनकी मरम्मत, पुनर्निर्माण और पारदर्शी आवंटन प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु बीएसएल और जिला प्रशासन के बीच मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) करने की बात कहीं।

मानक अनुरूप कांजी हाउस का निर्माण शुरू करें

बैठक में बोकारो में सरकार के तय मानक के अनुरूप अगले तीन माह में कांजी हाउस का निर्माण कार्य शुरू करने का उपायुक्त ने बीएसएल प्रबंधन को निर्देश दिया। वहीं, बीएसएल प्रबंधन को निर्देश दिया कि आंतरिक कर्मियों तथा आस -पास के प्रभावित परिवारों के साथ नियमित संवाद स्थापित करते हुए उनके समस्याओं पर चर्चा कर समाधान करें।

गरगा डैम के सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास की दिशा करें पहल

बैठक में गरगा डैम की संरचना को सुदृढ़ करने एवं पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य करने को बीएसएल प्रबंधन को कहा। उपायुक्त ने ईको हट निर्माण करने, वाटर एडवेंचर्स एक्टिविट की व्यवस्था करने, शार्ट टर्म–लांग टर्म प्लान तैयार करने आदि पर चर्चा की। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा तेनुघाट डैम का विकास किया जा रहा है, उसी के तर्ज पर गरगा डैम का भी विकास करने का निर्देश दिया। इसमें बीएसएल–जिला प्रशासन का संयुक्त पहल होगा। इसके अलावा डैम परिसर की सड़क, लाइटिंग, सीसीटीवी, नियमित पुलिस पेट्रोलिंग आदि करने को संबंधित को कहा।

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा, दिया जरूरी दिशा निर्देश

नया मोड़ बस स्टैंड के सौंदर्यीकरण, रोशनी, डिजिटल सूचना बोर्ड, आगमन/प्रस्थान लेन, छायादार संरचना आदि हेतु बीएसएल प्रबंधन को कार्य करने को कहा। बोकारो हवाई अड्डे के विस्तारीकरण हेतु सड़क, पानी, विद्युत, वाच टावर एवं अन्य संरचना विकास के लिए बीएसएल प्रबंधन को निर्देश दिया। शहर भर में *नि:शुल्क वाई-फाई* सुविधा बहाल करने के लिए अन्य शहरों में शुरू व्यवस्था का सर्वे कर कार्य में तेजी लाने को कहा। इसके अलावा *बीएसएल के कई अन्य मुद्दों – समस्याओं को भी उपायुक्त के समक्ष रखा। जिस पर क्रमवार चर्चा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया। मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो. सफीक आलम, सिटी डीएसपी आलोक रंजन, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, सीएसआर नोडल पदाधिकारी शक्ति कुमार समेत बीएसएल प्रबंधन के सभी संबंधित इकाइयों के महाप्रबंधक, प्रबंधक व अन्य उपस्थित थे।

 

 

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  1. बोकारो उपयुक्त की पहल सराहनीय है पर यह केंद्र सरकार की घोषणाओं की तरह जुमला साबित ना हो। क्योंकि बोकारो इस्पात केंद्रीय मंत्रालय के अधीन है। सारा नियंत्रण उन्हीं के हाथों में है।

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