Bokaro News: उपायुक्त ने कहा—लगातार हो रही बारिश में कहीं भी बिजली आपूर्ति व पेयजल सेवा नहीं हो प्रभावित, समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत करें निदान
Bokaro News: जिले में लगातार हो रही बारिश, संभावित जल-जमाव और आपदा से उत्पन्न स्थिति को लेकर उपायुक्त अजय नाथ झा ने शुक्रवार शाम वीडियो संवाद के माध्यम से जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक।गरगा डैम की मरम्मति के दिशा में प्रस्ताव बीएसएल को तैयार कर कार्य शुरू कराने को कहा गया।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: जिले में लगातार हो रही बारिश, संभावित जल-जमाव और आपदा से उत्पन्न स्थिति को लेकर उपायुक्त अजय नाथ झा ने शुक्रवार शाम वीडियो संवाद के माध्यम से जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर निकाय प्रतिनिधि, जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बीएसएल प्रबंधन के साथ समीक्षा बैठक की। मौके पर अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, एसडीओ चास प्रांजल ढ़ांडा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जेएसएलपीएस डीपीएम श्री अनील डुंगडुंग, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार, सहायक नगर आयुक्त चास श्री जयपाल मुंडा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार उपस्थित थे।
अधिकारी प्रोएक्टिव मोड में कार्य करें
बैठक में उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रोएक्टिव मोड में कार्य करें ताकि किसी भी संभावित संकट से समय रहते निपटा जा सके। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बारिश के कारण कहीं भी बिजली आपूर्ति, पेयजल सेवा या स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित न हों। यदि ऐसी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो संबंधित अधिकारी स्थल पर जाकर तत्काल उसका निदान करें।
नियंत्रण कक्ष की सूचना पर तुरंत करें कार्रवाई
उपायुक्त ने कहा कि जिला नियंत्रण कक्ष को पूर्ण रूप से सक्रिय किया गया है वहां रोटेशन पर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिला नियंत्रण कक्ष में प्राप्त हर सूचना/सहायता को रिकॉर्ड कर संबंधित विभाग को तत्काल अग्रसारित किया जाए। उस पर संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारी तुरंत कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं प्रत्येक छह घंटे पर नियंत्रण कक्ष से प्राप्त शिकायतों–उसके निष्पादन की समीक्षा करेंगे। सभी पदाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य, बिजली, जलापूर्ति व अन्य कार्यालय रहेंगे अलर्ट पर
स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, प्रखंड सह अंचल कार्यालयों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा सिविल सर्जन को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक दवाएं, एंटी वेनम, एम्बुलेंस व चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा। कोई भी चिकित्सक अवकाश पर नहीं जाएगा।उन्होंने मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु ब्लिचिंग पाउडर छिड़काव तथा जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता अभियान चलाने को कहा।
गरगा डैम की मरम्मति के लिए तत्काल कार्य प्रारंभ करें
उपायुक्त ने बीएसएल प्रबंधन को गरगा डैम की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव तैयार कर उसकी शीघ्र मरम्मति शुरू करने का निर्देश दिया। डैम के सभी गेट आपरेशनल हो, इसे सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि गरगा डैम और तेनुघाट डैम की निगरानी लगातार करने को कहा। जल स्तर बढ़ें या गेट खोलना हो तो उसकी तुरंत रिपोर्टिंग करें।
राहत केंद्रों के लिए विद्यालय भवनों की सूची बनाएं
उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों – अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संभावित राहत शिविर के लिए विद्यालय भवनों को चिन्हित करें। कम से कम चार स्थलों की सूची तैयार कर जिला को सूची उपलब्ध कराएं। यह ध्यान रखें कि चिन्हित भवन सुरक्षित, समुचित स्थान पर हों और बिजली-पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।
जल-जमाव वाले स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन रखें बंद
जिन विद्यालय परिसर एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी भर गया है या जल-जमाव है, वहां बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल संचालन स्थगित करना डीईओ-डीएसई व डीएसडब्ल्यूओ सुनिश्चित करें। ऐसे स्कूलों को निकटवर्ती सरकारी भवनों में अस्थायी रूप से संचालित करें। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
नदी किनारे, डैम और जल प्रपातों पर सेल्फी पर रोक – चेतावनी बोर्ड लगाएं
उपायुक्त ने कहा कि बरिश में नदी, जल प्रपात और डैम क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील हो जाते हैं। इसके बावजूद कई पर्यटक जोखिम उठाते हुए सेल्फी लेने लगते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। ऐसे में तेनुघाट डैम, लुगू बुरु, पेटरवार जल प्रपात, कोनार डैम, गरगा डैम, बरवाघाट जैसे सभी पर्यटन स्थलों पर “सेल्फी लेना वर्जित है”, “खतरनाक क्षेत्र”, “यहां बैठना मना है” जैसे चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन एवं थाना को नियमित निगरानी करने और रोकथाम के उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
आपदा जनित स्थिति में घबराएं नहीं
उपायुक्त ने जिला वासियों से अपील किया कि वे किसी भी आपदा जनित स्थिति में घबराएं नहीं। तत्काल अपने बीडीओ/सीओ एवं थाना प्रभारी या जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। जिला नियंत्रण कक्ष – 8986660333 / 06542‑223705 / 247891, आपातकालीन सेवा–डायल 100 /112 पर संपर्क करें।
वहीं, उपायुक्त ने अफवाहों से बचने, सोशल मीडिया पर सिर्फ सत्यापित जानकारी साझा करने और अपने क्षेत्र की स्थिति की सूचना प्रशासन को देने को कहा, ताकि समय पर राहत पहुंचाई जा सके।
अतिवृष्टि प्रबंधन के लिए निम्न निर्देश
– ड्रेनेज सिस्टम की सफाई कर जल जमाव को रोका जाए।
– यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु ट्रैफिक पुलिस पूरी सतर्कता से कार्य करें।
-प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर तुरंत राहत पहुंचाई जाए।
-आपदा संभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की पूर्व तैयारी।
– पुल- पुलियों के पास बालू उत्खनन पर प्रतिबंध, जल के बहाव वाले स्थानों पर जाली लगाई जाए।
-ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त संरचनाओं का मूल्यांकन, मनरेगा कार्यों की निगरानी करें।
-प्रत्येक प्रखंड में कम से कम चार राहत शिविर चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराएं।