Bokaro GGPS : गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल में स्पीक मैके कार्यक्रम का आयोजन, प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी ने बांसुरी की धुन से मोह सबका मन
Bokaro GGPS : गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल, sector 5 के भाई नंदलालजी सभागार में स्पीक मैके कार्यक्रम का आयोजन। कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता सह प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी ने बांसुरी की धुन से मोह मन। इनकी अनूठी शैली की सब ने की प्रशंसा।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro: गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल, sector 5 के भाई नंदलालजी सभागार में स्पीक मैके कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत परंपरा के प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी की उपस्थिति ने सभागार की रौनक बढ़ा दी। युवाओं के बीच भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समाज में उनका स्थान सर्वोपरि है।
बांसुरी बजाने की एक अनूठी शैली विकसित
कार्यक्रम के दौरान सबद गायन के प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। ऑल इंडिया रेडियो ग्रेडेड तबला कलाकार निमेश राठौर के साथ तबला के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित भी हुए हैं।
पुरुलिया से डॉक्टर समीर सेठ द्वारा बांसुरी का सहयोग जो चेतन जोशी के शिष्य के रूप में कार्य किए हैं।जीजीइएस अध्यक्ष तरसेम सिंह ने कहा पंडित जोशी ने बांसुरी बजाने की एक अनूठी शैली विकसित की है। यही उनकी पहचान बन गई। सचिव एसपी सिंह ने कहा चेतन जोशी जैसे कलाकार झारखंड और हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के लिए गौरव की बात है। युवा कलाकार यदि इसे मन से सीखे तो यह आशा है कि झारखंड में शास्त्रीय कलाओं के प्रति अपनी आस्था और लगन गंभीर हो जाएगी।
शास्त्रीय संगीत के जाने-माने बांसुरी वादक
विद्यालय के प्राचार्य सौमेन चक्रवर्ती ने स्वागत भाषण में कहा कि पंडित जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत के जाने-माने बांसुरी वादक में गिने जाते हैं। बोकारो उनकी कर्मभूमि है, इसलिए उनकी इस उपलब्धि पर बोकारो स्टील सिटी गौरवान्वित है। बांसुरी वादक के रूप में पंडित जोशी ने करियर की शुरुआत 1987 में सेक्टर 5 के गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल में बतौर संगीत शिक्षक के रूप में हुई। 23 फरवरी 2023 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के बोकारो जिले के प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी को नई दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार -2019 से सम्मानित किया था।
हमारी परंपरा के चलते मिलती है वाह वाही
इस कार्यक्रम में चेतन जोशी ने स्वयं कहा कि हमारी परंपरा इतनी सशक्त है कि गांव या शहर कहीं भी बांसुरी वादन पेश करता हूं, तब वाह ! या क्या बात है, सहज ही सुनने को मिलता है।
पंडित चेतन जोशी की धुनों ने प्रत्येक को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनकी बांसुरी वादन ने श्रोताओं को मोह लिया। वे अपने कार्यक्रमों की व्यस्तता के साथ-साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा बांसुरी के प्रचार-प्रसार में भी पूरी सक्रियता दिखाते हैं। धन्यवाद ज्ञापन प्राथमिक इकाई की प्रभारी रतम्मा ने किया।