Bokaro Crime News: चंद्रभूषण को फंसाने की नियत से अभिषेक ने चचेरे भाई से खुद पर चलवायी गोली
Bokaro Crime News: बोकारो पुलिस ने बोकारो शहर के सेक्टर 12 डी में हुए गोलीकांड की घटना को एसपी की एसआइटी ने जांच में कर दिया 48 घंटे में खुलासा। जिसपर चली गोली, वही निकला आरोपी।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
Bokaro : बोकारो पुलिस ने बोकारो शहर के सेक्टर 12 डी में हुए गोलीकांड की घटना का 48 घंटे में खुलासा कर दिया। सेक्टर 12 डी के आवास संख्या 1165 निवासी अभिषेक प्रताप सिंह ने पूर्व मित्र चंद्रभूषण ओझा व उसकी पत्नी को फंसाने की नियत से खुद पर रविवार की रात अपने चचेरे भाई से गोली चलवायी थी। खुद ही झूठी कहानी बनाकर सेक्टर 12 थाना को बताया था कि बाइक सवार दो अपराधियों ने उस पर गोली चलायी है। इसमें बाल-बाल बच गए। मामला दर्ज कराकर सेक्टर 12 थाना को गुमराह करने की कोशिश की थी। 48 घंटे में एसपी हरविंदर सिंह की एसआइटी ने मामले का उद्भेदन कर दिया। मंगलवार को दोनों अभियुक्त अभिषेक कुमार सिंह व मंधीर कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अभियुक्तों के पास से एक लोडेड देशी पिस्तौल 7.62 एमएम का
एसपी कार्यालय में मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी हरविंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के सेक्टर 12 डी/1165 निवासी अभिषेक प्रताप सिह व उसका चचेरा भाई मंधीर कुमार सिंह शामिल है। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से एक लोडेड देशी पिस्तौल 7.62 एमएम, 19 जिंदा गोली 7.62 एमएम, एक खोखा 7.62 एमएम, घटना में प्रयुक्त एक काला रंग का मोटरसाईकिल व दो मोबाइल को जब्त किया है। दोनों अभियुक्तों के विरूद्ध सेक्टर 12 थाना में आर्म्स एक्ट के तहत (कांड संख्या 115/25, 26 अगस्त 2025) मामला दर्ज किया गया है।
घटना स्थल पर मिला था एक खोखा
एसपी ने कहा कि 23 अगस्त को वादी अभिषेक प्रताप सिंह ने सेक्टर 12 थाना को सूचना दिया कि रात्रि को आवास से उतरते वक्त एक बाइक सवार हेलमेट पहने व्यक्ति ने जान मारने की नियत से फायरिंग की। किसी तरह जान बचा कर भगा। सूचना पर सिटी डीएसपी आलोक रंजन व सेक्टर 12 इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सिंह टीम के साथ स्थल पर पहुंचे।जांच पडताल के दौरान घटनास्थल से एक 7.62 एमएम बोर का खाली खोखा बरामद किया गया। अभिषेक ने लिखित आवेदन में आरोप लगाया कि पूर्व के लेनदेन को लेकर पुराने पार्टनर चंद्रभुषण ओझा व उनकी पत्नी अर्चना ओझा द्वारा गोली चलवाया गया है। थाना में 24 अगस्त को कांड 114/25 अंकित कर जांच शुरू की गयी।
डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी का किया गया गठन
एसपी ने कहा कि सिटी डीएसपी आलोक रंजन के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया। इसमें सेक्टर 12 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सिंह, सेक्टर चार थाना इंस्पेक्टर संजय कुमार, बीएस सिटी थाना इंस्पेक्टर सुदामा कुमार दास, पुअनि कांति बिलास, पुअनि दिलीप टुडू, सअनि मिथिलेश कुमार दूबे, असनि इंदर कुमार पासवान, आरक्षी योगेंद्र कुमार रजक, प्रफुल्ल कुमार मंडल, सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, रंजीत महतो, चालक आरक्षी सुधीर हेम्ब्रम, सत्येन्द्र प्रसाद को शामिल किया गया। अनुसंधान के दौरान अभिषेक की गतिविधि संदिग्ध लगी। जांच-पडताल के दौरान दर्जनों सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध बाइक सवार भी नहीं दिखा। कडाई से पूछताछ में बताया कि अभिषेक ने चचेरे भाई मंधीर कुमार सिंह के साथ योजना बनाकर चंद्रमोहन ओझा व उनकी पत्नी अर्चना ओझा को केस में फंसाने के नियत से खुद पर गोली चलवायी।
क्या था घटनाक्रम
सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के सेक्टर 12 डी/1165 में अभिषेक प्रताप सिंह रहते हैं। जो टैक्स कंसल्टेंट के पेशे से जुडे है। शनिवार की देर रात को अभिषेक प्रताप सिंह अपने आवास में सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। उसी वक्त बाइक पर सवार दो अपराधी वहां पहुंचे। सीढी से उतरने के दौरान अभिषेक पर दो राउंड फायर कर दिया। इसके बाद मौके से फरार हो गये। अभिषेक फायरिंग में बच गये।फायरिंग के बाद अभिषेक गोली का दो खोखा उठाकर सेक्टर 12 थाना पहुंचे। थाना में लिखित शिकायत दर्ज करायी। दर्ज मामले में कहा गया कि अभिषेक प्रताप सिंह अपने पूर्व साथी सेक्टर वन निवासी चंद्रभूषण ओझा के साथ मिलकर टैक्स कंसल्टेंट काम करते थे। इसी बीच अभिषेक से चंद्रभूषण ने कुछ आर्थिक मदद ली। इसके बाद चंद्रभूषण ने लोन पर एक कार खरीदा। लोन का गारंटर अभिषेक को बनाया। कार का लोन चंद्रभूषण ने चुकाना बंद कर दिया।चंद्रभूषण न तो बैंक का लोन चुका रहा था और न अभिषेक से लिये पैसे को वापस कर रहा था। बाद में टैक्स कंसल्टेंट के धंधे से अलग हो गया था। अभिषेक रूपये को लेकर बार-बार तगादा करता था। अभिषेक ने आवेदन में बताया था कि उस पर फायरिंग की घटना में चंद्रभूषण व उसकी पत्नी अर्चना का हाथ है।