BJP’s Hate Politics: भाजपा की नफ़रती राजनीति
BJP’s Hate Politics: नफरत के बदौलत ही वह सत्ता में हर बार पहुंच जा रही है। अन्यथा जनता के हित में न कुछ की है और न कर रही है।
अलखदेव प्रसाद ‘अचल’
न्यूज इंप्रेशन
Bihar : भाजपा के ग्यारह साल के शासन में यह सभी लोग समझ चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी की राजनीति सिर्फ नफरत पर ही टिकी हुई है। वह नफरत फैलाने में सफल भी हो जा रही है। नफरत के बदौलत ही वह सत्ता में हर बार पहुंच जा रही है। अन्यथा जनता के हित में न कुछ की है और न कर रही है। सवाल यह उठता है कि आखिर नफरत परोसने के बाद भी भाजपा के पक्ष में लोग क्यों चले जा रहे हैं ? और भाजपा क्यों सत्ता में पहुंच जा रही है ? इसका मूल कारण यह है कि भाजपा सरकार देश के पूरे तंत्र को अपनी मुट्ठी में कर ली है।चाहे वह तंत्र भय से मुट्ठी में है या फिर लोग अपने स्वार्थ में है कि हमारा भी तो बल्ले- बल्ले रहेगा। और तो और जिस न्यायपालिका को बिल्कुल स्वतंत्र कहा जाता है, वह न्यायपालिका भी भाजपा सरकार के ही इशारे पर ही काम कर रही है। दिखावे के लिए कुछ न्यायोचित फैसला सुना दी हो, वह बात अलग है। और मीडिया का तो कहना ही क्या है। देश का चाहे प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या फिर प्रिंट मीडिया, सभी के सभी सरकार के चाटुकार बन गए हैं। देखने सुनने से ऐसा लगता है कि हम किसी एंकर की नहीं, बल्कि भाजपा के प्रवक्ता की बात सुन रहे हैं। प्रिंट मीडिया के लोग सिर्फ विज्ञापन के स्वार्थ में भाजपा सरकार के ही पक्ष में अधिक लिखा करते हैं।आज की प्रमुख मीडिया भी जनता के पक्ष में खड़ा नहीं दिख रहा है।वह भी भाजपा के नफ़रत की राजनीति को ही सही ठहराने में लगा है। जबकि उसका असर तो आम जनता पर पड़ता ही है।
आखिर भाजपा नफरत की राजनीति क्यों करती है ?
वैसे भाजपा के नेता चाहे जितनी डींग हांक लें कि हमने सरकार में रहकर बहुत कुछ किया। हमारी सरकार ने देश को कहां से कहां पहुंचा दिया। चारों तरफ विकास की आंधी बह रही है, परन्तु विकास की कितनी आंधी बह रही है, यह जनता ही महसूस कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था कितनी चरमरा गयी है, इसे दुनिया के लोग भी समझने लगे हैं। लोग यह भी महसूस कर रहे हैं कि भाजपा सिर्फ झूठ पर टिकी हुई है। अन्य पार्टी के नेता भी जो भाजपा में शामिल होते हैं, उनके भी चाल चरित्र बदल जाते हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि आखिर भाजपा नफरत की राजनीति क्यों करती है ? तो सीधा उत्तर है कि भाजपा नफरत की राजनीति सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए करती है। वह जानती है कि हमारे क्रिया-कलापों से जनता खुश नहीं रहती है। हमलोग जनता के हित के लिए कुछ करते भी तो नहीं हैं।दूसरे मुसलमान के विरुद्ध भाजपा लगातार नफरत इसलिए परोसती जाती है ,ताकि यहां के हिंदू गोलबंद रह सके जिसका लाभ हमारी पार्टी को हर चुनाव में मिलता रहे। सच पूछिए तो उसका लाभ भाजपा को मिल भी रहा है। क्योंकि जो अंधभक्ति में लीन होते हैं, उन्हें अपनी समस्याओं से बड़ी समस्या मंदिर मस्जिद लगती है। हिन्दू मुसलमान लगती है। उन्हें सच्चाई नजर नहीं आती। उनमें आगे पीछे सोचने की क्षमता नहीं होती है। उनमें दूर दृष्टि नहीं होती। वैसे लोग सच से अधिक झूठ पर ही भरोसा अधिक करते हैं। झूठ ही उन्हें सच लगने लगता है। भाजपा यहां की जनता की नब्ज़ टटोल चुकी है कि यहां की जनता अपनी समस्याओं को भूलकर धर्म के लिए कुछ भी कर सकती है।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री ताबड़तोड़ सभाएं क्यों करते हैं
ऐसा देखा जा रहा है कि चाहे झारखंड का चुनाव हो, चाहे महाराष्ट्र का या पिछली दफा जिन जिन राज्यों में चुनाव हुए। भाजपा के नेता सिर्फ नफरत ही परोसते रहे। उस नफ़रत का लाभ भी उन्हें मिलता रहा। इसीलिए जब एक राज्य में चुनाव होता है, तो केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री आदि तो पंचायत चुनाव की तरह सभाएं करते ही हैं, कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी ताबड़तोड़ सभाएं करते हैं। आखिर क्यों? जब जनता के हित में काम करते हो तो अपना काम छोड़कर क्यों प्रचार करने आते हो? इसीलिए न कि एन -केन-प्रकरण सत्ता हमारे हाथ में हो? हमें मनमानी करने में सहुलियत हो? भाजपा के नेता झारखंड में भी यह आग उगलते रहे कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ ‘एक रहो, सेफ रहो’ घुसपैठियों से सावधान, कठमुल्ला से देश को बचाना है।यह सब कुछ किसके विरुद्ध आग उगलते हैं ?सीधी बात है कि मुसलमानों के विरुद्ध आग उगलते है। इसलिए उगलते हैं कि हिंदुओं को मुसलमानों से नफरत हो जाए। इसलिए कि ये मुसलमान महागठबंधन के साथ हैं, तो उसके विरुद्ध अधिक- से- अधिक हिन्दू बीजेपी के साथ हो जाएं। जबकि जो भी भाजपा वाले नफरत की राजनीति कर रहे हैं। सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रहे हैं। उससे आम जनता को नुकसान ही हो रहा है, परंतु भोली- भाली जनता समझ नहीं पा रही है। जिस दिन भोली -भाली जनता समझने लग जाएगी, उस दिन से उनकी नफरत की दूकान बंद होने लगेगी।
‘बटेंगे तो कटेंगे’ सिर्फ भाजपा वालों का राजनीति स्वार्थ
जिस दिन लोग यह समझने लगेंगे कि ये जो बीजेपी वाले आज जो मुसलमानों के प्रति नफरत की आग उगल रहे हैं। आजादी की लड़ाई में जहां मुसलमान अंग्रजों के खिलाफ लड़ रहे थे, उस समय इनलोग अंग्रेजों की चमचागिरी कर रहे थे। उनकी ही खुफियागिरी कर रहे थे। जिस दिन लोग समझ जाएंगे कि इनलोग जिस मुगल काल को पानी पी पीकर कोसते रहते हैं, मुगल काल में भी इन्हीं लोगों के पूर्वज उनलोगों के चाटुकार थे। जिस दिन लोग यह समझ जाएंगे कि एक तरफ इनलोग मुसलमानों के प्रति नफरत की आज उगलते हैं और दूसरी तरफ़ मुसलमानों को ही अपना दामाद बनाते हैं। लोग जिस दिन यह समझ जाएंगे कि इनलोग जिस घुसपैठिए ठिए की बात करते हैं कि बांग्लादेश से झारखंड में मुसलमान आ रहे हैं। हमारी सरकार बन जाएगी, तो हम उन्हें खदेड़ देंगे। तो सवाल यह है कि देश का गृह मंत्री तो भाजपा का ही है। उस पर रोक लगाने, उस पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार तो गृह मंत्रालय का है। फिर क्यों नहीं करता है? अगर घुसपैठिए आ रहे हैं या आ गये, तो जिम्मेवार तो गृह मंत्रालय है। फिर हेमंत सोरेन पर इसका आरोप क्यों लगाया जा रहा है? अपनी नाकामियों को क्यों नहीं उजागर करता? जिस दिन लोग यह समझ जाएंगे कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ कहने के पीछे सिर्फ भाजपा वालों का राजनीति स्वार्थ है। राजनीति स्वार्थ के सिवा कुछ नहीं है। यह लोग सिर्फ ‘बटेंगे तो कटेंगे’ कहकर मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। ऐसे तो भाजपा वाले दिखाने के लिए यह दिखाते हैं कि हमें आदिवासियों और दलितों से अगाध प्रेम है। परंतु आदिवासियों और दलितों के साथ सबसे भेदभाव करने वाले इन्हीं लोग हैं। इन्हीं के शासनकाल में आदिवासियों और दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार हुए हैं। राष्ट्रपति के पद पर रामनाथ कोविंद या द्रौपदी मुर्मू को आसीन करना तो सिर्फ दिखावा है।जिस दिन लोग अच्छी तरह से उनके चाल और चरित्र को समझ जाएंगे, उस दिन निश्चित रूप से भाजपा को औंधे मुंह गिरना तय है।