BJP Policy: मोदी सरकार पिछले 10 वर्ष से संविधान व लोकतंत्र पर हमलावर रही है। चुनाव में भी विपक्ष की चुनौती को खत्म कर देने की मोदी सरकार की कोशिशें-साजिशें जारी है। बहुजन समाज व मेहनतकश अवाम को खड़ा होना होगा।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता Bihar: बिहार के भागलपुर स्थित आमंत्रण होटल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रॉक्टर व बहुजन बुद्धिजीवी डॉ. विलक्षण बौद्ध, सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव, गौतम कुमार प्रीतम, रामानंद पासवान, बिहार-फुले अंबेडकर युवा मंच के सार्थक भरत और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के प्रवीण कुमार यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस से जारी कहा कि मोदी सरकार पिछले 10 वर्ष से संविधान व लोकतंत्र पर हमलावर रही है। चुनाव में भी विपक्ष की चुनौती को खत्म कर देने की मोदी सरकार की कोशिशें-साजिशें जारी है। कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है तो चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया, इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी जेल में बंद किया गया। भाजपा चुनाव परिणाम को अपने पक्ष में करने के लिए किसी हद तक जा सकती है। ईवीएम पहले से ही सवालों के घेरे में है। चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्था को नियंत्रित कर लिया गया है तो वहीं, इलेक्टॉरल बांड के अवैधानिक व भ्रष्ट तरीके से भाजपा ने अकूत धन इकट्ठा कर रखा है।
यह चुनाव सामान्य चुनाव नहीं वक्ताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 कोई सामान्य चुनाव नहीं है। यह असाधारण परिस्थितियों में हो रहा असाधारण चुनाव है, इस चुनाव में संविधान व लोकतंत्र के ही भविष्य का फैसला होना है। एनडीए की जीत संविधान व लोकतंत्र के खत्म होने की गारंटी जैसी होगी। यह चुनाव संविधान को बचाने और लोकतंत्र की पुनर्बहाली का चुनाव है। चुनाव में भाजपा व उसके सहयोगियों के खिलाफ बहुजन समाज व मेहनतकश और प्रगतिशील शक्तियों को उठ खड़ा होना होगा, चुनाव को जन आंदोलन बना देना होगा। मोदी सरकार के खिलाफ दस वर्षों से तमाम किस्म की संघर्षरत शक्तियों को इकट्ठा होकर अधिकतम ताकत लगा देने की जरूरत है, ताकत को बिखरने से रोकने की जरूरत है। उत्पीड़ित समाज की ताकत पर खड़ी जो भी शक्तियां भाजपा का रास्ता बनाने में शामिल होंगे, इतिहास के कूड़ेदान में होंगे।
संविधान व देश बचाने का चलाते रहे हैं अभियान सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार), बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) मोदी सरकार के संविधान व लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ बहुजन समाज और छात्र-युवाओं के मुद्दे पर लगातार संघर्ष व अभियान में रहा है। पिछले कई महीने से हम भाजपा व उसके सहयोगियों को हराने और संविधान-लोकतंत्र व देश बचाने का अभियान व कार्यक्रम चलाते रहे हैं। हमने तय किया है कि भागलपुर लोकसभा चुनाव में गैर पार्टी शक्तियों-संगठनों व बुद्धिजीवियों को एकजुट कर एनडीए को हराने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। मोदी सरकार के दस वर्षों में समाज के विभिन्न हिस्सों-तबकों के संघर्ष के मुद्दों को चुनाव में मजबूती से उठाएंगे।
अर्थनीति की दिशा व विकास मॉडल बदलने की जरूरत
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने आगे कहा कि संविधान विरोधी ईडब्लूएस आरक्षण ने एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को प्रभावहीन बना दिया है। हम ईडब्लूएस को खत्म करने के साथ ही एससी, एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में हर क्षेत्र, यथा हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट, निजी क्षेत्र में आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी के सवाल को उठाएंगे। मोदी सरकार राष्ट्रीय परिसंपत्तियों और प्राकृतिक संसाधनों को चंद कॉरपोरेट घरानों के हवाले करती रही है। इस लूटी हुई संपत्ति को फिर से वापसी के सवाल को मजबूती से उठाया जाएगा। मोदी राज में आर्थिक असमानता का जबर्दस्त विकास हुआ है। आर्थिक असमानता के मामले में मुल्क अंग्रेजी राज की स्थित में पहुंच गया है। अर्थनीति की दिशा और विकास मॉडल को बदलने की जरूरत है। मोदी सरकार ने कॉरपोरेटों को आम आवाम की बैंकों में जमा गाढ़ी कमाई को बड़े पैमाने पर लूटने की छूट और कर्ज माफी व टैक्स रियायत दिया लेकिन किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दी। हम कृषि में सरकारी निवेश बढ़ाने और एमएसपी की कानूनी गारंटी के पक्ष में हैं। शिक्षा-चिकित्सा पर सरकारी खर्च बढ़ाया जाना चाहिए, निजीकरण बंद हो और हम नई शिक्षा नीति-2020 की वापसी के साथ केजी से पीजी तक निःशुल्क व एक समान शिक्षा के पक्ष में हैं।
बेरोजगारी विस्फोटक स्थिति में पहुंच गयी
वक्ताओं द्वारा कहा गया कि युवाओं की बेरोजगारी विस्फोटक स्थिति में पहुंच गयी है। बेरोजगार आबादी में 83 प्रतिशत युवा हैं। हम तमाम सरकारी रिक्तियां भरे जाने के साथ ही रोजगार को मौलिक अधिकार बनाये जाने और रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में सम्मानजनक बेरोजगारी भत्ता की गारंटी के पक्ष में हैं। ठेका-मानदेय पर बहाली पर रोक लगाने के साथ स्थायी बहाली हो। सेना में बहाली के अग्निवीर योजना को खत्म किया जाना चाहिए। महंगाई पर रोक लगाने के साथ जनवितरण प्रणाली के दायरे में सबको लाने और जरूरी खाद्य सामग्री की उपलब्धता की गारंटी होनी चाहिए। मोदी सरकार ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष बुनियाद को तोड़ते हुए सीएए थोप दिया है। हम सीएए के वापसी के पक्ष में हैं, राज्य और धर्म के अलगाव की गारंटी के पक्ष में हैं और संघीय ढ़ांचे पर हमले के खिलाफ हैं।
जातिवार जनगणना के बिना ओबीसी को सामाजिक न्याय हासिल नहीं संवाददाता सम्मेलन में कहा गया कि जातिवार जनगणना के बिना ओबीसी को सामाजिक न्याय हासिल नहीं हो सकता। जातिवार जनगणना होगा तो ओबीसी के लिए सामाजिक न्याय का बंद दरवाजा खुलेगा, ओबीसी के उप वर्गीकरण और आरक्षण के बंटवारे का भी ठोस व तर्कसंगत आधार मिलेगा। मोदी सरकार ने जातिवार जनगणना का विरोध कर बता दिया है कि वह पिछड़ों-अतिपिछड़ों का दुश्मन नं-1 है, सामाजिक न्याय का घोर विरोधी है। भाजपा ने अतिपिछड़ों को छलने का काम किया है। आखिरकार रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी। राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग के उप वर्गीकरण और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों पर हो रहे अत्याचार एवं हिंसा की रोकथाम के लिए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण कानून की तर्ज पर अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनाए जाने की जरूरत है। मोदी पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाते रहे हैं। जबकि मॉबलिंचिंग और सरकारी बुल्डोजर के शिकार लोगों में 95 प्रतिशत पसमांदा समाज के ही हैं। मोदी सरकार ने दलित मुसलमानों-ईसाइयों को एससी का दर्जा नहीं देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो बार लिखकर दे दिया है। हम दलित मुसलमानों व ईसाइयों को एससी सूची में शामिल करने के पक्ष में हैं।
मेहनतकश आवाम को खड़ा होना होगा हम उत्पीड़ित समाज और मेहनतकश अवाम से चुनाव में भाजपा व उसके सहयोगियों को हराने की अपील करते हैं। संविधान व लोकतंत्र का भविष्य आम अवाम के हाथों में है, वही बचा सकती है। बहुजन समाज व मेहनतकश अवाम को खड़ा होना होगा। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन शर्मा, सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के पृथ्वी शर्मा, राजेश पंडित, शंकर दास, अशोक अंबेडकर, अनिरुद्ध बौद्ध, रंजन कुमार दास, धर्मेन्द्र मंडल, राजकुमार दास, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अनीश कुमार मौजूद थे।